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Photograph: (the sootr)
हाल ही में जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) से 59 ऊंटों को रिटायर किया गया। इसके बाद एक बार फिर ऊंट चर्चा का विषय बन गए हैं। राजस्थान में बीएसएफ में ऊंटों का योगदान बेहद अहम है। ये ऊंट न केवल परिवहन का काम करते हैं, बल्कि सुरक्षा, गश्त और लंबी दूरी की पेट्रोलिंग में भी बीएसएफ के जवानों के लिए महत्वपूर्ण साथी साबित होते हैं। राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में जहां गाड़ियां नहीं पहुंच सकतीं, वहां ऊंटों की सहायता से गश्त की जाती है।
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ऊंटों की भर्ती प्रक्रिया
बीएसएफ में ऊंटों की भर्ती का एक विशिष्ट प्रक्रिया है। ऊंटों को 4 से 5 साल की उम्र में खरीदा जाता है। उनकी उम्र का अनुमान उनके दांतों से लगाया जाता है और उनका कद, स्वास्थ्य तथा शारीरिक फिटनेस भी जांची जाती है। राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर इलाकों के ऊंटों को खासतौर पर पसंद किया जाता है, क्योंकि इनकी नस्ल मजबूत और कार्यक्षम होती है।
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ऊंटों की चिकित्सा जांच
बीएसएफ में ऊंटों की भर्ती से पहले उनकी मेडिकल जांच की जाती है। ऊंट के घुटनों की जांच की जाती है कि वे जुड़ गए हैं या नहीं। इसके अलावा, उनकी शारीरिक स्थिति और मल की जांच भी की जाती है। बीएसएफ के वेटेनरी डॉक्टर इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करते हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि ऊंट शारीरिक रूप से स्वस्थ हो और किसी भी बीमारी से ग्रस्त न हो।
ऊंटों की ट्रेनिंग
बीएसएफ में भर्ती होने के बाद ऊंटों को खास ट्रेनिंग दी जाती है। इस ट्रेनिंग में ऊंटों को गश्त के दौरान अनुशासन सिखाया जाता है, जैसे बोझ उठाना, रेत में चलना और आदेशों की पालन करना। इसके अलावा, कुछ ऊंटों को खासतौर पर जोधपुर भेजा जाता है, जहां उन्हें कैमल टेटू शो में करतब दिखाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
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ऊंटों का रिटायरमेंट और देखभाल
बीएसएफ में ऊंटों की सेवा की अवधि लगभग 10 साल होती है। 16 साल की उम्र में जब ऊंट अपनी सेवाएं देने में सक्षम नहीं रहते, तो उन्हें रिटायर कर दिया जाता है। रिटायर होने के बाद इन्हें ऊंट पालकों या पशु संरक्षण संस्थाओं को सौंप दिया जाता है। हाल ही में जैसलमेर में 59 ऊंटों को रिटायर किया गया था और उन्हें पालकों को सौंप दिया गया।
ऊंटों की भूमिका और उनके योगदान की सराहना
बीएसएफ में ऊंटों का योगदान सराहनीय है, क्योंकि ये केवल रक्षात्मक कार्य नहीं करते, बल्कि कई तरह की जिम्मेदारियों को निभाते हैं। इन ऊंटों को उनके पुराने सेवा जीवन के बाद सम्मान के साथ रिटायर किया जाता है और उनके लिए उचित देखभाल और स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की जाती है।
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