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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में बुधवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें से सबसे अहम फैसला 11 कानूनों से आपराधिक सजा के प्रावधानों को हटाकर पेनल्टी प्रणाली लागू करना है।
यह कदम राज्य में ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे न केवल व्यवसायियों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार की नीतियों को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
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11 कानूनों से आपराधिक दंड हटाने का निर्णय
कैबिनेट ने 11 कानूनों में संशोधन करने का निर्णय लिया, जिसके तहत मामूली उल्लंघनों या तकनीकी खामियों पर अब कारावास जैसे आपराधिक दंड नहीं लगाए जाएंगे। इसकी जगह अब जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा। इस फैसले से आम जनता को काफी राहत मिलेगी। विशेष रूप से उन लोगों को जिनके लिए मामूली गलतियों की वजह से आपराधिक दंड का सामना करना पड़ता था।
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वन अधिनियम में बदलाव
राजस्थान वन अधिनियम 1953 के तहत वन भूमि में मवेशी चराने पर पहले कारावास का प्रावधान था। इस संशोधन के बाद अब इस उल्लंघन पर सिर्फ जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, वन अधिकारी द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। इस बदलाव से आदिवासियों और ग्रामीणों को लाभ होगा, जो अनजाने में वन भूमि में मवेशी चराते हैं। यह कदम वन और ग्रामीण समुदाय के बीच बेहतर सामंजस्य बनाएगा।
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उद्योगों के लिए नियमों में संशोधन
राजस्थान राज्य सहायता (उद्योग) अधिनियम 1961 में संशोधन कर उद्योगों के प्रभारी पर मामूली प्रक्रियात्मक अपराधों के लिए अब कारावास की बजाय अर्थदंड लागू किया जाएगा। इस बदलाव से उद्योगों में काम करने वालों के लिए भी एक नई राह खुलेगी और इन मामलों में जल्द से जल्द निपटारा किया जा सकेगा।
जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड में सुधार
जयपुर वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड अधिनियम 2018 के तहत जल बर्बादी, सीवर लाइन में रुकावट या बिना अनुमति कनेक्शन जोड़ने जैसे अपराधों पर पहले कारावास का प्रावधान था। अब इस तरह के उल्लंघन पर अर्थदंड के प्रावधान किए गए हैं। इससे जल आपूर्ति और सीवरेज सिस्टम के बेहतर संचालन को सुनिश्चित किया जाएगा और नागरिकों को किसी भी कानूनी झंझट से बचाया जाएगा।
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प्रवासी राजस्थानियों के लिए निवेश प्रोत्साहन
राजस्थान सरकार ने प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक नई नीति नॉन-रेजिडेंट राजस्थानी पॉलिसी ऑफ राजस्थान 2025 को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को निवेश, व्यापार, ज्ञान के आदान-प्रदान, शोध और सामाजिक कार्यों में राज्य के विकास में भागीदारी बढ़ाना है। इसके तहत एनआरआर के लिए बेहतर निवेश इकोसिस्टम तैयार किया जाएगा।
व्यापार और ई-कॉमर्स के लिए नई नीति
कैबिनेट ने राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी 2025 को भी मंजूरी दी है। इस नीति का उद्देश्य छोटे व्यापारियों को बड़े ट्रेड और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के समान अवसर प्रदान करना है। इससे राज्य के खुदरा और थोक व्यापार को सशक्त किया जाएगा और एमएसएमई उद्यमों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को भी नीति में शामिल किया गया है।
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कैबिनेट के अहम निर्णय
वन अधिनियम में संशोधन : मवेशी चराने पर अब जुर्माना, कारावास नहीं।
उद्योगों में बदलाव : मामूली अपराधों पर कारावास नहीं, अब अर्थदंड।
जल आपूर्ति सुधार : जल बर्बादी और सीवरेज उल्लंघन पर अब अर्थदंड।
प्रवासी नीति : प्रवासी राजस्थानियों के लिए निवेश और व्यापार में बढ़ावा।
नई व्यापार नीति : छोटे व्यापारियों को बड़े मंचों पर समान अवसर।
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