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Photograph: (the sootr)
Jaipur. बिहार में एनडीए सरकार की वापसी के साथ ही राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल की हलचल तेज हो गई है। यह हलचल बिहार चुनाव से पहले से ही थी, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बिहार चुनाव में व्यस्त रहा।
अब बिहार में एनडीए सरकार की वापसी के साथ राजस्थान में भी फेरबदल की संभावना तेज हो गई है। कुछ के विभाग बदले जा सकते हैं। कुछ की पावर कम किए जाने और दूसरे मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किए जाने की चर्चा है। कुछ की छुट्टी भी की जा सकती है।
हो चुकी हैं मुलाकात
गुरुवार को बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार की ताजपोशी हो जाएगी। इसके बाद राजस्थान की भाजपा सरकार में कभी भी फेरबदल की सूचना आ सकती है। फेरबदल की तैयारियां पूरी हैं। सरकार और मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट केन्द्रीय नेतृत्व के पास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की मुलाकातें हो चुकी है।
चर्चा और सहमति हो चुकी
मुलाकातों के दौरान सत्ता-संगठन के कामकाज, मंत्रियों की रिपोर्ट, मंत्रिमण्डल फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियों पर चर्चा हो गई है। बताया जा रहा है कि केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से फेरबदल में शामिल होने वाले विधायकों, मंत्रियों के विभागों में फेरबदल, कुछ मंत्रियों को हटाए जाने या विभाग बदले जाने पर भी चर्चा और सहमति हो चुकी है।
तो मिल सकता है मौका
इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता और पिछले विधानसभा चुनाव में हारने वाले राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनियां, रामलाल शर्मा जैसे नेताओं की राजनीतिक या संगठन में प्रभावी नियुक्ति पर सहमति के संकेत हैं। फेरबदल में आगामी निकाय और पंचायत चुनाव को देखते हुए समीकरण देखने को मिल सकते हैं। फेरबदल में उन समाज को विधायकों को मौका मिल सकता है, जो वर्तमान मंत्रिमण्डल में से वंचित हैं।
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फेरबदल में दिखेगा ठीक-ठाक बदलाव
राजस्थान सरकार अगले महीने दो साल की वर्षगांठ के कार्यक्रम मनाने जा रही है। प्रवासी सम्मेलन भी होने जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे। इससे पहले मंत्रिमण्डल फेरबदल और विस्तार को लेकर भाजपा विधायकों में सुगबुगाहट है। मंत्रिमण्डल में ठीक-ठाक बदलाव देखने को मिलेगा। एकाध कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है।
कुछ की हो सकती है छुट्टी
मंत्रिमण्डल में कुछ मंत्रियों की छुट्टी होने या उन्हें कमतर विभाग दिए जाने की चर्चा जोरों पर है। इनमें से आदिवासी अंचल, ढूंढाड और शेखावाटी अंचल के एक-एक मंत्री का नाम सबसे अधिक चर्चा में है। इन विभागों के कामकाज और बयानों से सरकार की फजीहत भी हो चुकी है।
एक मंत्री की दीवानी और सिविल केसों में दखलंदाजी और कोर्ट-कचहरी की तल्ख टिप्पणियां खूब छाई रही हैं। छुट्टी होने वाले मंत्रियों के स्थान पर उन्हीं संभागों के जातिगत विधायकों की ताजपोशी होने की चर्चा है।
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कामकाज की रिपोर्ट तैयार
दो साल के भाजपा सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड भी केन्द्रीय नेतृत्व के पास है। इसमें सत्ता और संगठन दोनों के कामकाज की रिपोर्ट है। प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से कामकाज की रिपोर्ट ली गई है, तो केन्द्रीय नेतृत्व ने अपने स्तर पर भी सत्ता-संगठन के कामकाज की पड़ताल करवाई है।
सर्वे कंपनियों और आईबी की रिपोर्ट भी मंत्रिमण्डल फेरबदल और विस्तार में काम आएगी। चर्चा है कि आधा दर्जन मंत्रियों के छुट्टी होने या विभाग बदले जाने की पूरी संभावना है।
निकाय और पंचायत चुनाव का दिखेगा असर
फेरबदल में निकाय और पंचायत चुनाव की छाया भी दिखेगी। मंत्रिमंडल बदलाव में निकाय चुनाव को देखते हुए जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधा जाएगा, क्योंकि कई क्षेत्रों से मंत्रिमण्डल में भागीदारी कम है। जातिगत समीकरण भी साधे जाने हैं। ऐसा नहीं होने पर चुनाव में यह मुद्दा बन सकता है। मंत्रिमण्डल में अभी छह मंत्री और बनाए जाने हैं।
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मेल-मुलाकातों का दौर तेज
बिहार में ताजपोशी के बाद फेरबदल-विस्तार की चर्चाओं के साथ मंत्रियों और विधायकों की भागदौड़ तेज हो गई है। मंत्री अपना पद बचाने तो विधायक मंत्री पद पाने के लिए दौड़-धूप कर रहे हैं। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों और प्रचारकों से भी संबंध साधे जा रहे हैं।
वे विधायक भी सक्रिय हैं, जो मंत्री बनाना चाहते हैं। कोई पार्टी में वरिष्ठता के हिसाब से कोई पार्टी में योगदान के आधार पर भागीदारी की बात कर रहा है। कुछ जाति-समाज और क्षेत्र के हिसाब से वकालत में लगे हैं।
बन सकते हैं छह नए मंत्री
राजस्थान सरकार के मंत्रिमण्डल में मुख्यमंत्री सहित 24 कैबिनेट और राज्य मंत्री हैं। नियमानुसार विधानसभा सदस्यों के हिसाब से तीस सदस्य मंत्री बन सकते हैं। राजस्थान में दो सौ विधानसभा सदस्यों के हिसाब से 15 फीसदी मंत्री बना सकते हैं।
फिलहाल मंत्रिमंडल में छह विधायक और मंत्री बन सकते हैं। चर्चा है कि भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी, श्रीचन्द कृपलानी, पुष्पेन्द्र सिंह बाली के नाम कैबिनेट मंत्री के तौर पर लिए जा रहे हैं।
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सीएम भजनलाल कर चुके मुलाकात
सीएम भजनलाल शर्मा की दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात को दीपावली के बाद की शिष्टाचार भेंट बताया गया, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों से जोड़कर देखा गया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तीन महीने में प्रधानमंत्री मोदी से यह तीसरी मुलाकात है। बिहार चुनाव के बाद फिर से विधायकों के दौरे दिल्ली दरबार में होने लगे हैं। भजनलाल शर्मा से भी मेल-मुलाकातें बढ़ गई हैं।
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