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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी सरकार के कामकाज को लेकर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार में कोई कामकाज नहीं हो रहा है। हर तरफ जनता दुखी है। कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। हाहाकार मचा हुआ है। हर तरफ लोग दुखी हैं। कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में किससे शिकायतें करें। कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।
सीएम की सुनवाई में भी संदेह
गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा के विधायक कह रहे हैं कि हमारी सरकार में चलती नहीं है। वे पहले ही हाथ खड़े कर चुके हैं। मंत्री तक कह रहे हैं कि हमारी बात सेक्रेटरी तक नहीं सुन रहा है। ऐसी हालत हमने राजस्थान में पहले कभी नहीं देखी। गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार में मंत्रियों और विधायकों के हालात की बात रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शर्मा की खुद की सुनवाई भी होती है या नहीं, इसमें भी मुझे संदेह है।
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मुख्यमंत्री ऐसा बोल सकता है क्या?
गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री शर्मा को कल की नहीं सोचनी चाहिए, अथॉरिटी से राज करना चाहिए। मैं हर बात सोच-समझकर बोलता हूं। अब वो कहते हैं कि बुराई का साथ दो, अहंकार का साथ दो। या तो यह बात फेक होगी, अगर सही है तो गंभीर बात है।
कोटा वाली बात छोड़ो, कोटा वाली बात वापस बोल गए। अहंकार का साथ दो, बुराई का साथ दो, किसी राज्य का मुख्यमंत्री ऐसा बोल सकता है क्या? इसीलिए तो मैं ढूंढ रहा हूं इनका सलाहकार कौन है? गहलोत जयपुर आवास पर मीडिया से बात कर रहे थे।
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कहां गई लाल डायरी?
गहलोत ने कहा कि पिछले चुनाव में लाल डायरी का जिक्र आया था। आखिर वो लाल डायरी कहां गई? अंता उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया पर पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के आरोपों के सवाल पर गहलोत ने कहा कि वो लाल डायरी कहां गई?
मैंने तो पहले ही कहा था कि लाल डायरी पर सीकर में प्रधानमंत्री बोलेंगे और वही हुआ। लाल डायरी की प्लानिंग बीजेपी हाईकमान से हुई थी। बीजेपी हाईकमान चाहता था कि लाल डायरी का इश्यू बने, लाल डायरी भले ही खाली हो। लाल डायरी खाली ही थी। लाल डायरी पर पीएम खुद बोले, लेकिन हुआ क्या?
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पांच लाख बनाम पचास लाख का मुद्दा
गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पांच लाख बनाम 50 लाख का मुद्दा बनाकर हमें डैमेज किया, जबकि कन्हैयालाल हत्याकांड में परिवार आज भी न्याय का इंतजार कर रहा है। पीएम मोदी और अमित शाह के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पचास लाख रुपए की सहायता दी और दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दी। हालांकि विधानसभा चुनाव में यह हत्याकांड और मुआवजा बड़ा मुद्दा बना।
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सरकार नाम की चीज नहीं
गहलोत ने आरोप लगाया कि राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। कोई मंत्री जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। यह बात मैं और आप ही नहीं महसूस करते। हमसे ज्यादा बीजेपी वाले महसूस कर रहे हैं। उनके विधायक, कार्यकर्ताओं के भी काम नहीं हो रहे हैं।
ना ही सुनवाई हो रही है। जनता दुखी है। गहलोत ने यह भी कहा कि वंदे मातरम् की 150वीं जयंती पर पूरा देश शामिल होना चाहिए, लेकिन इन्होंने इसे बीजेपी का प्रोग्राम बना दिया है, जो कि गलत है।
जयपुर हादसे के परिजनों को मुआवजा नहीं
गहलोत ने कहा कि जयपुर डंपर हादसे के मृतकों और घायलों के परिजनों को भाजपा सरकार ने अब तक मुआवजा नहीं दिया। मुआवजा दिलवाने के लिए मैंने सीएम भजनलाल शर्मा को लेटर लिखा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। हालात यह है कि हादसे के बाद धरना दिए बिना सरकार मुआवजा नहीं देती।
मैंने एक अफसर से बात की, वो कह रहा था कि यह सरकार संवेदनहीन है। ये बातें इनके एजेंडे में ही नहीं हैं। मुख्यमंत्री को आगे बढ़कर डंपर हादसे के मृतकों और पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए थी। ऐसे काम तो दो घंटे में ही करने के होते हैं, इनमें देरी नहीं होनी चाहिए।
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