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Photograph: (the sootr)
मुख्य सचिव सुधांश पंत के केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति आदेश के बाद अब मुख्य सचिव के नए चेहरे के नामों की चर्चा शुरू हो गई है। हर तरफ यही सवाल है कि अब मुख्य सचिव कौन बनेगा। खासकर राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में यह सबसे बड़ा सवाल है। हर कोई अनुमान लगा रहा है। कोई वरिष्ठता के आधार पर तो कोई मुख्यमंत्री और केन्द्र में लॉबिंग के आधार पर सीएस के नामों पर चर्चा कर रहे हैं।
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15 दिन में हो सकती है घोषणा
चर्चा में 6 सीनियर आईएएस के नाम हैं। जो वरिष्ठ भी हैं, अनुभवी और सरकार के नजदीकी भी बताए जा रहे हैं। वैसे तो इनके अलावा पांच अन्य वरिष्ठ आईएएस भी मुख्य सचिव की दौड़ में हैं, लेकिन जिन 6 सीनियर आईएएस की नामों की चर्चा ज्यादा है, उनमें से तीन ने तो जयपुर में प्रमुख दायित्व संभाल रखा है। तीन सीनियर आईएएस दिल्ली में पदस्थापित हैं। इनकी लॉबिंग भी चल रही है। 15 दिन में नाम की घोषणा हो सकती है।
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दिल्ली से तीन नाम चर्चा में
दिल्ली में पदस्थापित रजत मिश्रा, वी. श्रीनिवासन और तन्मय कुमार के नाम मुख्य सचिव की दौड़ में हैं। तीनों अधिकारी इस पद के लिए लॉबिंग भी कर रहे हैं। रजत और तन्मय दोनों ही सीएमओ राजस्थान में रह चुके हैं। रजत अशोक गहलोत के कार्यकाल में तो तन्मय कुमार वसुंधरा राजे के कार्यकाल में सीएमओ में अपनी सेवा दे चुके हैं। मुख्य सचिव का नाम दिल्ली ही तय करती है। ऐसे में जो दिल्ली में मजबूत होगा, उसे कुर्सी मिल सकेगी।
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राजस्थान के ये हैं प्रमुख दावेदार
मुख्य सचिव की दौड़ में दस नाम चर्चा में हैं, लेकिन पांच की चर्चा ज्यादा है। दिल्ली से रजत मिश्रा, वी. श्रीनिवासन और तन्मय कुमार हैं, तो राजस्थान से एसीएस अभय कुमार, एसीएस अखिल अरोड़ा और एसीएस शिखर अग्रवाल के नामों की चर्चा हो रही है।
शिखर सीएमओ में हैं और मुख्यमंत्री के नजदीकी हैं। वहीं वरिष्ठता में अभय सबसे आगे हैं। अभी सुधांश पंत विदेश यात्रा पर गए थे, तो अभय को मुख्य सचिव का चार्ज दिया गया था। अखिल भी बेदाग छवि वाले हैं और वित्त विभाग का लंबा अनुभव है।
ये भी हैं दौड़ में शामिल
मुख्य सचिव की दौड़ में इन पांच सीनियर आईएएस के अलावा शुभ्रा सिंह, सुबोध अग्रवाल, अपर्णा अरोड़ा का नाम भी है। इनका भी नाम मुख्य सचिव के लिए है। महिला कोटे में से शुभ्रा सिंह, अपर्णा अरोड़ा का नाम आ सकता है।
केंद्र ने 1 जनवरी, 2024 को राजस्थान के मुख्य सचिव का पद संभालने वाले पंत का ट्रांसफर दिल्ली कर दिया है। वे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में सचिव का पदभार संभालेंगे।
दिल्ली ही तय करेगी नाम
मुख्य सचिव के नाम की घोषणा दिल्ली से ही होती आई है। राजस्थान सरकार तीन वरिष्ठ आईएएस के नाम का पैनल केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को भेजती है। वहां से एक नाम की घोषणा होती है। मुख्य सचिव के लिए सुधांश पंत का नाम भी दिल्ली से ही आया था। राजस्थान सरकार से भेजने जाने वाले तीन नाम मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व की पसंद के अनुसार होते हैं।
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सरकार पर भी निर्भर करेगा फैसला
मुख्य सचिव का चयन परंपरागत रूप से वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर किया जाता है, लेकिन अंतिम निर्णय सरकार के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है। जब सुधांश पंत को मुख्य सचिव बनाया गया था, तब वे वरिष्ठता क्रम में सातवें नंबर पर थे।
इस बार भी वरिष्ठता से इतर प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक समीकरणों का संतुलन देखने को मिल सकता है। मुख्यमंत्री की पसंद के आईएएस को मुख्य सचिव बनाया जाता है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी संभावित नामों की सूची पर चर्चा शुरू कर दी है।
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