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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत को सोमवार देर रात आदेश जारी कर दिल्ली भेज दिया गया है। पंत ने एक दिन पहले ही सचिवों की बैठक में राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में धमाका होने की बात कही थी।
उनके इस बयान के बाद ही दो घटनाएं हुईं। पहली, आईएएस पत्नी की ओर से अपने आईएएस पति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई। वहीं दूसरी घटना पंत के तबादले के रूप में सामने आई। अधिकांश लोग पंत के अनुमान को समझ नहीं पाए थे।
अचानक प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली
असल में उनका इशारा स्वयं के दिल्ली जाने को लेकर था, जिसकी जानकारी ब्यूरोक्रेसी में संभवत: किसी को भी नहीं थी। राजस्थान में यह दूसरा अवसर है, जब मुख्य सचिव अचानक प्रतिनियुक्ति पर ​दिल्ली जा रहे हैं। इससे पहले राजीव महर्षि भी मुख्य सचिव बनने के मात्र नौ महीने बाद 2014 में अचानक प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे।
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13 महीने बाकी हैं रिटायरमेंट में
पंत को केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय में सचिव बनाया गया है। वह वर्तमान सचिव अमित यादव के 30 नवंबर को रिटायर होने के बाद एक दिसंबर से कार्यभार संभालेंगे। पंत के रिटायरमेंट में फिलहाल 13 महीने बाकी हैं।
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दिल्ली से ही आए थे
राजस्थान में दिसंबर 2023 में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें एक जनवरी, 2024 को मुख्य सचिव बनाया गया था। मुख्य सचिव बनाए जाने के दौरान भी वह दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर ही थे और सरकार बदलते ही वह वापस राजस्थान आ गए थे।
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अचानक जाने के कारण
ब्यूरोक्रेसी के सूत्रों के अनुसार, पंत कोरोना काल में स्वास्थ्य मंत्रालय में रहे थे। इस दौरान उनकी कार्यप्रणाली से पीएमओ प्रभावित हुआ था। वैसे भी पंत की छवि ईमानदार अफसर की रही है, लेकिन यह ऐसे कारण नहीं हैं, जिनकी वजह से कोई मुख्य सचिव जैसा पद बीच में छोड़ दे। वह राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में गुटबाजी और अनदेखी से नाराज थे।
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कई बातों से थे नाराज
ब्यूरोक्रेसी में मर्जी का बदलाव नहीं होने से वह नाराज बताए जा रहे थे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पद से आलोक गुप्ता को हटाए जाने के बाद से ही वह खुश नहीं थे। गुप्ता को उनका पसंदीदा अफसर माना जाता है। एक बड़ा कारण पिछली भाजपा सरकार में अहम पद पर रहे और वर्तमान में दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर चल रहे आईएएस अफसर के अप्रत्यक्ष दखल से भी वह नाखुश थे।
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अब कौन बनेगा मुख्य सचिव
राजस्थान के मुख्य सचिव के लिए एसीएस अभय कुमार, एसीएस अखिल अरोरा और एसीएस शिखर अग्रवाल के नाम प्रमुख हैं। इन तीन नाम के अतिरिक्त एसीएस आनंद कुमार को भी प्रमुख दावेदार बताया जा रहा है।
आनंद कुमार अनुसूचित जाति से आते हैं ऐसे में सरकार उन्हें मुख्य सचिव बनाकर राजनीतिक मैसेज भी दे सकती है। जबकि रिटायरमेंट में कम समय होने के बावजूद शुभ्रा सिंह और एसीएस अपर्णा अरोड़ा को महिला होने के आधार पर मौका दिया जा सकता है।
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