राजस्थान सरकार ने ही दे दिया ACB को झटका! पूर्व IAS से जुड़ा है मामला

राजस्थान सरकार ने पूर्व IAS नन्नूमल पहाड़िया के खिलाफ रिश्वत मामले में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करने का निर्णय लिया, अब मामला केवल RAS के खिलाफ जारी रहेगा।

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Nitin Kumar Bhal
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Nannumal Pahadia

अलवर के तत्कालीन जिला कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया। फाइल फोटो Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान (Rajasthan) सरकार ने राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा पूर्व IAS नन्नूमल पहाड़िया (Nannumal Pahadia) के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में दायर की गई याचिका में हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) के फैसले के खिलाफ अपील न करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय ने राज्य में सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत के मामलों में एक नया मोड़ दिया है। इस मामले में पहले अलवर के तत्कालीन जिला कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया और भू-प्रबंध अधिकारी RAS अशोक सांखला को एसीबी ने अप्रैल 2022 में गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि उन्होंने एक कंपनी से रिश्वत मांगी थी, जो दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे परियोजना में कार्यरत थी।

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यह था मामला और आरोप

शिकायतकर्ता कंपनी ने आरोप लगाया कि नन्नूमल पहाड़िया ने उससे हर महीने 4 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जबकि अशोक सांखला ने 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। एसीबी ने इन आरोपों के आधार पर इन अधिकारियों और एक दलाल को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि इन अधिकारियों ने कंपनी से कुल 16 लाख रुपये की मंथली की बकाया राशि भी मांगी थी।

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कौन से बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार मामले में पकड़े जा चुके हैं?

IAS अशोक सिंघवी

वर्ष 2015 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने खनन विभाग में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को उजागर किया। 45 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव IAS अशोक सिंघवी को गिरफ्तार किया था। उनके साथ खनन विभाग के तत्कालीन एसई पुष्कर राज, तत्कालीन उप निदेशक खनन पंकज गहलोत, खनन माफिया राशिद शेख के साथ दलाल संजय सेठी और सीए श्याम सुंदर सिंघवी को भी गिरफ्तार किया गया था।

IAS नीरज के. पवन

वर्ष 2016 में एसीबी ने एनआरएचएम के तत्कालीन उपनिदेशक IAS नीरज के. पवन को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि एक टेंडर को पास करने के लिए रिश्वत ली थी। वह टेंडर सात करोड़ का था जिसे पास करने के लिए नीरज और उनके अधीनस्थ अधिकारियों ने कथित रूप से डेढ़ करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। नीरज के पवन करीब आठ महीने तक जेल में रहे। जेल से छूटने के बाद वे बहाल हुए और पुनः बड़े पद पर आसीन हुए।

IAS नन्नूमल पहाड़िया

वर्ष 2022 में एसीबी की टीम ने अलवर के तत्कालीन जिला कलक्टर IAS नन्नूमल पहाड़िया को 5 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था। उनके साथ एक RAS अधिकारी अशोक सांखला भी पकड़ा गया था। रिटायरमेंट के एक महीने पहले ही 5 लाख की रिश्वत लेने के मामले में नन्नूमल पहाड़िया जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए।

IPS राजेश मीणा

IPS राजेश मीणा वर्ष 2013 में अजमेर जिला एसपी रहते हुए पुलिस थानों से बंधी लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। एसीबी ने दलाल रामदेव सिंह को पकड़ा जो पुलिस थानों से राशि एकत्रित करता था। इस मामले में तत्कालीन डिप्टी एसपी रहे लोकेश सोनवाल भी गिरफ्तार हुए। एसपी IPS राजेश मीणा और डिप्टी लोकेश सोनवाल कई महीनों तक जेल में रहे। जेल से छूटने के कुछ महीनों बाद IPS राजेश मीणा और डिप्टी एसपी लोकेश सोनवाल दोनों बहाल हो गए।

IPS मनीष अग्रवाल

IPS मनीष अग्रवाल को एसीबी ने दौसा एसपी रहने के दौरान फरवरी 2021 में हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। उसी प्रकरण में दो RAS अधिकारियों पुष्कर मित्तल को 10 लाख रुपए और पिंकी मीणा 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। तीन साल सस्पेंड रहने के बाद IPS मनीष अग्रवाल को भाजपा सरकार ने बहाल कर दिया है। रिश्वत प्रकरण में पकड़े गए दोनों RAS  अधिकारी भी बहाल हो चुके हैं।

IAS इंद्र सिंह राव

दिसंबर 2020 में बारां के तत्कालीन कलक्टर IAS इंद्र सिंह राव को एसीबी ने 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। जेल जाने के बाद जनवरी में वे सस्पेंड हो गए। जेल से छूटने के कुछ दिन बाद वे सेवानिवृत्त हो गए।

IAS प्रेमसुख बिश्नोई

जनवरी 2024 में एसीबी ने IAS प्रेमसुख बिश्नोई को एक अन्य अफसर के साथ 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। वे मत्स्य विभाग में डायरेक्टर थे। मछली पकड़ने का लाइसेंस जारी करने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप है। 

 

हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार का रुख

हाईकोर्ट ने इस मामले में नन्नूमल पहाड़िया को बरी करने का आदेश दिया था, जिसके बाद एसीबी ने राज्य सरकार से मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति मांगी। एसीबी ने मामले में प्रस्तुत साक्ष्यों और तथ्यों को सरकार के सामने रखा था, लेकिन सरकार ने विधि विभाग से विचार करने के बाद कोई अपील न करने का निर्णय लिया है।

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अब केवल RAS और दलाल के खिलाफ कार्यवाही

अब, इस मामले में केवल RAS अशोक सांखला और दलाल के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अशोक सांखला की ओर से भी याचिका दायर की गई है, जो फिलहाल विचाराधीन है।

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FAQ

1. नन्नूमल पहाड़िया के खिलाफ रिश्वत मामले में हाईकोर्ट का क्या आदेश था?
हाईकोर्ट ने नन्नूमल पहाड़िया को रिश्वत के मामले में बरी कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील न करने का निर्णय लिया।
2. इस मामले में सरकार ने अब क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने विधि विभाग से विचार करने के बाद नन्नूमल पहाड़िया के खिलाफ अपील न करने का निर्णय लिया है। अब मामले में केवल अशोक सांखला और दलाल के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी।
3. इस मामले में एसीबी की क्या भूमिका रही है?
एसीबी ने नन्नूमल पहाड़िया, अशोक सांखला और दलाल को गिरफ्तार किया था और राज्य सरकार से इन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगी थी। हालांकि, अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद एसीबी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया।

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