बुजुर्ग दंपत्ति की इच्छा मृत्यु की मांग : राज्यपाल से लगाई गुहार, बोले-न्याय की उम्मीद अब टूट चुकी

राजस्थान के केकड़ी उपखंड के ग्राम मेहरूखुर्द में बुजुर्ग दंपत्ति ने न्याय की लंबी लड़ाई के बाद राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। वे अब न्याय मिलने की उम्मीद खो चुके हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के केकड़ी उपखंड के ग्राम मेहरूखुर्द निवासी 80 वर्षीय छोटूलाल मीणा और उनकी पत्नी सायरी मीणा ने एक गंभीर और दिल दहला देने वाली अपील की है।

दंपत्ति ने राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की अनुमति की मांग की है, क्योंकि वे लंबे समय से न्याय की उम्मीद छोड़ चुके हैं। उन्होंने अपनी मांग को सावर उपखंड अधिकारी को पत्र सौंपकर रखा और कहा कि अब उन्हें न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं बची है।

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पुलिस और प्रशासन का उत्पीड़न

दंपत्ति के अनुसार, पुलिस और प्रशासन उनके साथ लगातार अन्याय कर रहे हैं। उनका आरोप है कि लाल धागा बाबा के खिलाफ कार्रवाई में प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उनके बेटे सत्यनारायण मीणा को बिना किसी कारण के 5 नवंबर, 2025 को सावर पुलिस द्वारा उठाया गया था। इसके बाद सत्यनारायण को बीएनएसएस की धाराओं में गिरफ्तार दिखाया गया।

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दबाव के कारण कार्रवाई में देरी

सत्यनारायण को 24 घंटे बाद एसडीएम कार्यालय में पेश किया गया, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उसकी जमानत देने से इनकार कर दिया गया। इसके कारण उसे लगातार उत्पीड़न और तनाव का सामना करना पड़ा। अंत में वह बेहोश होकर गिर पड़ा और उसकी स्थिति गंभीर हो गई। उसे पहले सावर अस्पताल भेजा गया और बाद में खून की उल्टी होने पर केकड़ी अस्पताल रेफर किया गया।

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बुजुर्ग दंपत्ति का संघर्ष

इस दर्दनाक घटनाक्रम के बाद बुजुर्ग दंपत्ति ने राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की अनुमति की मांग करते हुए एक पत्र भेजा। वे अपनी स्थिति में किसी सुधार की उम्मीद नहीं देख रहे हैं और लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। दंपत्ति के परिजनों का आरोप है कि प्रशासन ने उनकी शिकायतों और आरोपों को हल्के में लिया और उचित कार्रवाई नहीं की।

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प्रशासन का जवाब और कार्रवाई

प्रशासन का कहना है कि उसने बुजुर्ग दंपत्ति की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि भैरूनाथ मंदिर से संबंधित अतिक्रमण मामले में कार्रवाई की जा चुकी है और सत्यनारायण मीणा के मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए जांच अधिकारी को बदल दिया गया है। फिर भी दंपत्ति अपने उत्पीड़न के खिलाफ लगातार धरने पर बैठे हुए हैं।

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पुलिस और प्रशासन के खिलाफ आरोप

पुलिस कार्रवाई में देरी : सत्यनारायण को बिना कारण के गिरफ्तार किया गया।
जमानत पर राजनीतिक दबाव : एसडीएम ने जमानत देने से इनकार किया।
उत्पीड़न और स्वास्थ्य : सत्यनारायण की स्थिति बिगड़ी और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

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