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राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में बारां के जिला वन अधिकारी (डीएफओ) अनिल यादव को सस्पेंड करने की घोषणा की।
उन्होंने यह कदम बारां से किशनगंज विधायक ललित मीणा के डीएफओ के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा मुखरता से उठाने के बाद उठाया।
मंत्री संजय शर्मा ने सदन में क्या कहा
राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने राजस्थान विधानसभा में कहा कि भ्रष्टाचार और जंगल की अवैध कटाई को लेकर बारां डीएफओ अनिल यादव के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली थी। इस पर 4 अगस्त को उन्हें एपीओ कर दिया था। इस पर अनिल यादव ने राजस्थान सिविल सेवा अपील प्राधिकरण में चुनौती दी और स्टे लेकर 25 अगस्त को फिर से पदभार ग्रहण कर लिया। मंत्री का कहना है कि भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता जैसे गंभीर आरोपों को देखते हुए अब डीएफओ को तत्काल निलंबित किया जा रहा है। |
विधायक ने पूछा , सरकार क्या कर रही है
विधायक ललित मीणा ने सदन में यह मामला ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए उठाया। उन्होंने कहा कि बारां के जंगलों में अवैध कटाई हो रही है। जंगल के बड़े हिस्से पर अतिक्रमण हो गया है। डीएफओ अनिल यादव कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। वे अतिक्रमण करने वालों से उगाही कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वानिकी विकास के लिए 51 करोड़ रुपए का फंड भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया है। उन्होंने सदन में पूछा कि क्या सरकार यह बताएगी कि ऐसे अधिकारी के खिलाफ सरकार क्या कदम उठा रही। इस पर मंत्री ने सदन में आॅन स्पॉट ही डीएफओ अनिल यादव को निलंबित करने की घोषणा कर दी।
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पूर्व मंत्री ने भी लिखी थी चिट्ठी
बताया जाता है कि छह महीने पहले ही डीएफओ जंगल की अवैध कटाई, अतिक्रमण, लोगों से उगाही और भ्रष्टाचार के आरोप उजागर हुए थे। तब छबड़ा से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने सीएम भजनलाल शर्मा को चिट्ठी भेजकर डीएफओ के भ्रष्टाचार की शिकायत की थी।
विधायक की शिकायत पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बनर्जी ने आदेश जारी कर बारां जिले में वन विभाग के सभी भुगतानों और विकास कार्यों को रोकने के निर्देश दिए थे।
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डीएफओ बोले , जांच को तैयार
डीएफओ अनिल यादव निलंबित कर दिया गया है। उधर, डीएफओ अनिल कुमार यादव का कहना है, मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। हर किसी जांच का सामना करूंगा। सरकारी सेवा में आरोप लगना स्वभाविक हैं। यह भी पता चला है कि डीएफओ के खिलाफ सवाईमाधोपुर और धौलपुर कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।