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मुकेश शर्मा @ जयपुर
राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता पाने वालों की तय संख्या नहीं बढाई जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में दो लाख बेरोजगारों को भत्ता देने की सीमा है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार इस सीमा को बढ़ाने को पक्ष में नहीं है।
हाल ही में राजस्थान विधानसभा में भी बेरोजगारी भत्ता पाने वालों की तय सीमा को बढ़ाने का मामला उठा था। इस पर सरकार का कहना था कि प्रदेश में यह सीमा बढ़ाने का कोई विचार नहीं है। प्रदेश में पंजीकृत पुरुष बेरोजगारों को चार हजार रुपए प्रति माह दिया जाता है, जबकि ट्रांसजेंडर, महिला व विशेष योग्यजन बेरोजगारों को 4500 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान है। बेरोजगारी भत्ता युवाओं को दो साल या नौकरी पाने तक के समय के लिए दिया जाता है।
बेरोजगारों को नौकरी दिलाना चुनौती
राजस्थान में दो लाख बेरोजगारों को भत्ता मिलता है। राजस्थान में कुल 20 लाख 83 हजार 244 रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं। यानी इन बेरोजगारों का रोजगार कार्यालयों में पंजीयन है। प्रदेश में इन बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकार का दावा है कि उसने एक साल में 100 रोजगार मेले आयोजित कर 42,581 रजिस्टर्ड बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाई है।
सरकार का दावा हे कि वह बेरोजगारों के लिए अवसर बढ़ा रही है। पिछले एक साल के दौरान 59 हजार 236 युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई।
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एक साल में बेरोजगारी भत्ते में बांटे 502 करोड़
सरकारी सूत्रों का दावा है कि एक साल में बेरोजगारों को 502.75 करोड़ रुपए बेरोजगारी भत्ते के रूप में दिए गए हैं। बेरोजगार भत्ते का भुगतान निरंतर किया जा रहा है। इसके उलट बेरोजगारों का कहना है कि उन्हें भत्ता नियमित नहीं मिल रहा है। बेरोजगारों का आरोप है कि प्रदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की रफ्तार इतनी धीमी है कि वे बरसों से रोजगार के लिए इंतजार कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि एक साल के दौरान 61 हजार 726 युवाओं को विभिन्न ट्रेड औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण दिया गया। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के जरिए भी एक साल में करीब तीन लाख को प्रशिक्षण दिया गया। निगम का दावा है कि 20 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार दिलाया है। प्रदेश में बेरोजगार की बढ़ती संख्या के बीच
यह आंकड़ा बहुत ही कम है। सरकारी एजेंसियों के बहुत सारे दावे कागजों तक सीमित हैं।
राजस्थान में किसे मिलता है बेरोजगार भत्ताप्रदेश में स्नातक या इसके समकक्ष योग्यताधारी युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। इसके लिए आवेदन की तारीख पर संबंधित बेरोजगार का स्थानीय रोजगार ऑफिस में रजिस्टर्ड होना आवश्यक है। यह भी आवश्यक है कि आवेदन की तारीख तक न तो उसे कोई रोजगार मिला हो और न ही वह स्वरोजगार से जुड़ा हो। बेरोजगारी भत्ता पात्र बेरोजगारों को इन्टर्नशिप व कौशल प्रशिक्षण के साथ मिलता है। अन्य राज्य की स्नातक महिलाओं को राजस्थान के मूल निवासी से विवाह होने पर बेरोजगार भत्ता मिलने की व्यवस्था है। सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष और एससी—एसटी, ट्रांसजेंडर, महिला तथा विशेष योग्यजन के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष होना जरूरी है। एक से अधिक रोजगार केंद्र में रजिस्ट्रर्ड होने वाले युवाओं को भत्ते के लिए अयोग्य माना गया है। यह भी शर्त है कि आवेदक किसी सरकारी विभाग या संस्थान से बर्खास्त नहीं होना चाहिए। | |
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साल में एक बार खुलता है पोर्टल
अगर आवेदक इन्टर्नशिप नहीं करेगा तो भत्ता देना बंद कर दिया जाएगा। यदि एक परिवार में एक से अधिक बेराजगार हैं और वे योजना के योग्य हैं तो जनआधार कार्ड के अनुसार अधिकतम दो व्यक्तियों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा सकता है। आवेदन के लिए पोर्टल वर्ष में एक बार एक अप्रेल से 30 जून तक खोला जाता है।