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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान के भीलवाड़ा निवासी दिनेश कुमार जैन उर्फ डीके जैन ने अमेरिकी डॉलर (US Dollar) और क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी कर डाली। उसकी बनाई कंपनियां Hedgex Fund और Lavaya Shopping सहित कई फर्जी वेबसाइटें थीं। इन माध्यमों से उसने राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, असम, झारखंड जैसे राज्यों के हजारों लोगों को अपना शिकार बनाया।
दिनेश कुमार जैन (Dinesh Kumar Jain), उम्र 40 वर्ष, भीलवाड़ा के वैभवनगर का निवासी है। यह पहले से ही Forex Trading (फॉरेक्स ट्रेडिंग) कंपनियों में नौकरी कर चुका था। अनुभव जुटाने के बाद इसने खुद की कंपनी बनाई और निवेशकों को करोड़पतियों का सपना दिखाकर फंसा लिया।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने डीके जैन को घोषित अपराधी करार दिया
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने डीके जैन को घोषित अपराधी करार दिया। अदालत ने देशभर के पीड़ितों से कहा कि वे दिल्ली क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज करवा सकते हैं। राजस्थान के कई शहरों में मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जबकि अकेले दौसा से लगभग 10 करोड़ रुपए के घोटाले की पुष्टि हुई है।
इस बारे में प्रातप नगर जयपुर के थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि डीके जैन के खिलाफ दो केस दर्ज हैं। एक पीड़ित ने तो 60 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी का आरोप लगाया है। दोनों मामलों में जांच जारी है। मामले को लेकर दिल्ली क्राइम ब्रांच से भी सम्पर्क किया जा रहा है।
नेटवर्क मार्केटिंग जैसी चालबाजी
डीके जैन ने MLM (Multi-Level Marketing) जैसी संरचना बनाई। टीमों को निवेशक लाने पर मोटा कमीशन दिया जाता। बैठकें चाय की दुकानों, होटलों और सेमिनार हॉल में होतीं। वहां डीके जैन खुद मौजूद होकर लोगों को 8 से 12 प्रतिशत मासिक मुनाफे का भरोसा देता।
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शुरुआती लाभ और विश्वास जीतने की रणनीति
निवेशकों को पहले छोटे निवेश पर कुछ मुनाफा दिया जाता। जब लोग मुनाफे का भरोसा करने लगे, तब उनसे दोबारा या ज्यादा रकम निवेश के लिए कहा जाता। डीके जैन उन्हें समझाता कि मुनाफा निकालने के बजाय फिर से निवेश करो, पैसा दोगुना-तिगुना होगा।
नई-नई कंपनियां और फेक एनजीओ
उसने "कौशल्या वेलफेयर फाउंडेशन" नाम से एक एनजीओ (NGO) भी बना रखी थी, जिसके जरिए धर्म और सामाजिक सेवा का दिखावा किया जाता। गरीबों की मदद, वृद्धों की सेवा और गोशालाओं को दान देने की बातें कर वह भरोसा जीतता।
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निवेशकों को कैसे शिकार बनाया?
निवेशकों से अलग-अलग माध्यमों जैसे Cash (कैश), Bank Transfer (बैंक ट्रांसफर), और यहां तक कि USDT (यानी क्रिप्टो करेंसी) में पैसा लिया जाता। WhatsApp पर Confirmation Messages (कन्फर्मेशन मैसेज) आते थे और Online Dashboard (ऑनलाइन डैशबोर्ड) पर मुनाफे का आंकड़ा दिखाया जाता।
3-4 महीने तक निवेश लेने के बाद जैसे ही राशि करोड़ों में पहुंचती, अचानक कंपनी की वेबसाइट और ऐप बंद कर दी जाती। फिर डीके जैन नई कंपनी लॉन्च करके कहता कि पुराना पैसा तभी मिलेगा जब नया निवेश करोगे।
निवेशकों से धोखाधड़ी केवल राजस्थान तक सीमित नहीं रही। दिल्ली, हरियाणा, यूपी, गुजरात, झारखंड और असम जैसे राज्यों तक इसका नेटवर्क फैला। क्राइम ब्रांच का मानना है कि यह देश का सबसे बड़ा मल्टी-स्टेट फाइनेंशियल फ्रॉड (Financial Fraud) है।
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पीड़ितों के अनुभव और अदालत की कार्रवाई
राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों से हजारों पीड़ित (दिनेश जैन स्कैम) सामने आ चुके हैं। कई शहरों में शिकायतें दर्ज हुई हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच के अनुमान के मुताबिक हजारों लोगों से कई सौ करोड़ रुपए ठगे गए। सूत्रों का कहना है कि आरोपी डीके जैन विदेश भागने की फिराक में है। अदालत ने पुलिस को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
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