डूसू चुनाव में जीता राजस्थान का बेटा राहुल, बेटी जोसलीन को मिली करारी हार

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2025 में राजस्थान के राहुल झांसला ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की, जबकि जोसलीन नंदिता चौधरी को अध्यक्ष पद पर हार का सामना करना पड़ा।

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Nitin Kumar Bhal
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DUSU Elections 2025 : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव (DU Students Union Election) 2025 में राजस्थान के बेटे राहुल झांसला ने उपाध्यक्ष पद पर शानदार जीत दर्ज की। एनएसयूआई (NSUI) के बैनर तले चुनाव लड़े राहुल झांसला ने 29,339 मत प्राप्त किए, जबकि एबीवीपी (ABVP) के गोविंद तंवर को 20,547 वोट मिले। झांसला ने तंवर को 8,792 वोटों से हराया, जो इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। यह जीत राहुल झांसला के लिए न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि राजस्थान से दिल्ली विश्वविद्यालय तक एक मजबूत प्रतिनिधित्व का प्रतीक भी है। 

हालांकि, डूसू चुनाव में राजस्थान की बेटी जोसलीन नंदिता चौधरी को करारी हार मिली है। चौधरी को 12645 वोट मिले। उन्हें एबीवीपी के आर्यन मान ने हराया। मान को 28841 मत मिले। दिल्‍ली यूनिवर्सिटी स्‍टूडेंटस यूनियन के चुनाव में एबीवीपी के आर्यन मान ने 16196 वोटों से अध्‍यक्ष पद का चुनाव जीत लिया है। उन्‍हें कुल 28841 वोट मिले, जबकि एनएसयूआई की जोसलीन नंदिता चौधरी को 12645 वोट मिले।

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जोसलीन नंदिता चौधरी Photograph: (TheSootr)

एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच कड़ा मुकाबला

DUSU चुनाव 2025 में इस बार एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। राहुल झांसला की जीत के साथ ही एनएसयूआई ने उपाध्यक्ष पद पर अपनी स्थिति मजबूत की, लेकिन अध्यक्ष पद पर एबीवीपी ने फिर से अपना वर्चस्व बनाए रखा।

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एबीवीपी की तीन पदों पर शानदार जीत

दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनाव मे एबीवीपी ने शानदार जीत दर्ज की है। एबीवीपी ने कुल चार में से तीन पद जीत लिए हैं। अध्यक्ष पद पर ABVP के आर्यन मान, सेक्रेटरी पद पर ABVP के कुणाल चौधरी और जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर ABVP की दीपिका झा ने जीत दर्ज की है।

राहुल झांसला कौन हैं?

बता दें कि 24 साल के राहुल झांसला राजस्थान के अलवर जिला निवासी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी में MA Buddhist कोर्स के पहले साल के छात्र हैं। राहुल पिछले 2 साल से दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति में एक्टिव हैं और छात्रों से संबंधित मुद्दों पर आवाज उठाते रहे हैं। राहुल को पूर्वांचल के साथ-साथ राजस्थान के छात्र संगठनों का समर्थन भी मिला, जिन्होंने राहुल के लिए चुनाव प्रचार भी किया। राहुल ने चुनाव जीतने पर स्पोट्स सिस्टम में सुधार करने, साफ-सुथरे हॉस्टल, क्लासरूम के मैनेजमेंट, पीने का साफ पानी और महिला विकास प्रकोष्ठ स्थापित करने का वादा किया है।

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राहुल झांसला की जीत: राजस्थान का प्रतिनिधित्व

राहुल झांसला की उपाध्यक्ष पद पर जीत न केवल दिल्ली विश्वविद्यालय में उनकी व्यक्तिगत सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह राजस्थान के छात्रों के लिए भी गर्व की बात है। राजस्थान से एक छात्र का दिल्ली विश्वविद्यालय में इस तरह का विजयी प्रदर्शन यह साबित करता है कि भारतीय राजनीति में युवाओं की भूमिका अब और भी अहम हो रही है। राहुल ने अपनी चुनावी रणनीति में साफ किया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए अच्छे अवसरों, बेहतर शिक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करेंगे। उनकी जीत से यह भी स्पष्ट होता है कि छात्रों के मुद्दे अब प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं और इन मुद्दों पर विचार करके ही चुनावों में सफलता पाई जा सकती है।

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FAQ

1. राहुल झांसला की डूसू चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर जीत का महत्व क्या है?
राहुल झांसला की उपाध्यक्ष पद पर जीत ने राजस्थान के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में एक मजबूत प्रतिनिधित्व दिया। उनकी जीत से यह साफ होता है कि छात्रों के मुद्दे अब प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं।
2. डूसू चुनाव में जोसलीन नंदिता चौधरी को हार क्यों मिली?
डूसू चुनाव में जोसलीन नंदिता चौधरी को हार का सामना करना पड़ा क्योंकि एबीवीपी के उम्मीदवार आर्यन मान ने बेहतर चुनावी रणनीति बनाई और छात्रों के बीच अपनी पकड़ मजबूत की।
3. दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव में एबीवीपी की जीत का क्या कारण है?
एबीवीपी की जीत का कारण उनके उम्मीदवारों की स्पष्ट और प्रभावी चुनावी रणनीति है, जिसने छात्रों के बीच उनके पक्ष में माहौल बनाया।
4. दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में राजनीति का क्या प्रभाव है?
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव भारतीय राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं, क्योंकि इन चुनावों में उठाए गए मुद्दे समाज और शिक्षा प्रणाली से संबंधित होते हैं और बड़े राजनीतिक दलों के दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।
5. राहुल झांसला ने अपनी जीत के बाद क्या घोषणा की?
राहुल झांसला ने अपनी जीत के बाद छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करने का वादा किया। वह शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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