राजस्थान में पहली बार! विभागीय परीक्षा में तीन बार फेल हुईं तहसीलदार मैडम, अब हो गईं टर्मिनेट

अलवर जिले में नायब तहसीलदार ममता कुमारी को तीन बार विभागीय परीक्षा में फेल होने के बाद सेवामुक्त कर दिया गया। यह पहली बार हुआ है जब किसी तहसीलदार को परीक्षा में फेल होने पर नौकरी से निकाला गया।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान में एक ऐतिहासिक मामला सामने आया है, जिसमें एक तहसीलदार को विभागीय परीक्षा में तीन बार फेल होने के बाद सेवामुक्त (Terminate) कर दिया गया है। यह घटना अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ में स्थित तहसीलदार के पद पर कार्यरत प्रशिक्षु नायब तहसीलदार ममता कुमारी से जुड़ी हुई है। ममता कुमारी को तीन बार विभागीय परीक्षा में असफल होने के बाद यह कठोर निर्णय लिया गया। यह पहला अवसर है जब राजस्थान में किसी तहसीलदार को विभागीय परीक्षा में असफल होने के बाद नौकरी से निकाला गया है।

राजस्व मंडल राजस्थान के निबंधक महावीर प्रसाद द्वारा 10 सितंबर 2025 को आदेश जारी किया गया, जिसमें ममता कुमारी को तुरंत प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया गया। इस आदेश के बाद ममता कुमारी ने इसके खिलाफ विधिक राय लेने की बात की है और अपील करने की योजना बनाई है।

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जानें कौन हैं बर्खास्त हुईं नायब तहसीलदार ममता कुमारी

ममता कुमारी मूल रूप से भरतपुर जिले की निवासी हैं। पहले वे शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थीं। ममता कुमारी ने राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षाएं 2018 में उत्तीर्ण कीं, जिसके बाद उन्हें नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त किया गया। उनकी नियुक्ति अस्थाई रूप से और परवीक्षाधीन (Probationary) थी, जिसका मतलब था कि उन्हें दो साल के लिए एक स्थायी पद मिलने से पहले विभागीय परीक्षा पास करनी थी। ममता कुमारी को परवीक्षाकाल के दौरान तीन मौके दिए गए थे, ताकि वे विभागीय परीक्षा पास कर सकें।

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विभागीय परीक्षा की अहमियत और परिणाम

विभागीय परीक्षा राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जो यह निर्धारित करती है कि कर्मचारी अपनी भूमिका में कितने सक्षम हैं। यह परीक्षा न केवल उनके ज्ञान और कौशल को परखती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि कर्मचारी सरकारी नीतियों और नियमों से परिचित हैं और उन्हें लागू करने के योग्य हैं।

राजस्थान में परवीक्षाधीन तहसीलदारों को इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होती है, ताकि वे अपनी स्थायी नियुक्ति प्राप्त कर सकें। ममता कुमारी को तीन बार इस परीक्षा में असफल होने के बाद विभागीय नियमों के तहत उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। राजस्थान में तहसीलदार बर्खास्त होने की यह संभवतया पहली घटना है।

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इस बारे में ममता कुमारी ने कहा कि तीन परीक्षाओं में मुझे अनुत्तीर्ण कर दिया गया। ये समझ से परे है। मुझे नौकरी से बर्खास्त किया गया है। इस बारे में मेरी सुनवाई नहीं की गई। इस फैसले के विरोध में विधिक राय लेकर अपील की जाएगी।

10 सितंबर 2025 को जारी आदेश

राजस्व मंडल राजस्थान के निबंधक महावीर प्रसाद ने 10 सितंबर 2025 को ममता कुमारी को सेवामुक्त करने का आदेश जारी किया। इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया कि ममता कुमारी को तीन बार विभागीय परीक्षा में असफल होने के बाद उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि राजस्थान तहसीलदार सेवा नियमावली 1956 के नियम 34-ए और राजस्थान सिविल सेवा (विभागीय परीक्षा) नियम 1959 के तहत ममता कुमारी को तीन अवसर दिए गए थे, लेकिन वे तीनों ही अवसरों में असफल रही हैं। इस आदेश के बाद ममता कुमारी को तुरंत प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया गया। यह संभवतया पहली बार हुआ है कि किसी तहसीलदार को विभागीय परीक्षा में असफल होने के बाद सेवामुक्त किया गया है।

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FAQ

ममता कुमारी को क्यों सेवामुक्त किया गया?
ममता कुमारी को तीन विभागीय परीक्षाओं में असफल होने के कारण राजस्थान सरकार ने उन्हें सेवामुक्त किया है, जैसा कि राजस्थान तहसीलदार सेवा नियमावली 1956 के तहत किया गया है।
ममता कुमारी ने किस पद पर काम किया था?
ममता कुमारी नायब तहसीलदार (Deputy Tehsildar) के पद पर कार्यरत थीं और अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ में तहसीलदार के पद पर कार्यरत थीं।
ममता कुमारी का क्या कहना है इस फैसले के बारे में?
ममता कुमारी का कहना है कि उन्हें तीन बार असफल होने के बाद नौकरी से बर्खास्त किया गया, और इस बारे में उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई। वह इसके खिलाफ अपील करेंगी।
क्या ममता कुमारी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी?
ममता कुमारी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन वह इस फैसले को चुनौती देने के लिए विधिक राय लेने की योजना बना रही हैं।

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