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Photograph: (The Sootr)
मुकेश शर्मा @ जयपुर
उच्च शिक्षा क्षेत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी (UGC) की ओर से दी जाने वाली नैक की ग्रेडिंग न केवल अनिवार्य है, बल्कि विश्वविद्यालयों के लिए प्रतिष्ठा का विषय भी है। लेकिन, उच्च शिक्षा विभाग की हाल में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान (Rajasthan) के दस सरकारी विश्वविद्यालयों के पास फिलहाल नैक ग्रेडिंग (NAAC) नहीं है। प्रदेश में 15 सरकारी यूनिवर्सिटी हैं।
हालांकि, इनमें से चार विश्चविद्यालयों ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि चार ऐसे हैं जो स्थापित तो हो गए, लेकिन स्थायी शिक्षकों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के नहीं होने के कारण फिलहाल नैक ग्रेडिंग के पात्र ही नहीं हैं। दो विश्वविद्यालय नैक ग्रेडिंग के लिए आवश्यक छह वर्ष की अवधि पूरी नहीं कर पाए हैं।
यूजीसी ने करवाया था निरीक्षण
यूजीसी ने हाल ही में नैक अधिस्वीकरण और ग्रेडिंग के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों के निरीक्षण करवाए थे। इन निरीक्षणों में प्रदेश के 15 सरकारी विश्वविद्यालयों में से सिर्फ पांच को ही नैक ग्रेडिंग हासिल हो पाई। नैक अधिस्वीकरण और ग्रेडिंग किसी भी विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्तर का सबसे बडा और विश्वसनीय पैमाना माना जाता है। क्योंकि, यह स्वयं विश्वविद्यालय अनुदान आयेाग द्वारा दी जाती है।
बुनियादी सुविधा बनते हैं आधार
इस अधिस्वीकरण और ग्रेडिंग के लिए विश्वविद्यालय को स्थाई श्क्षिको की उपलब्धता, रिसर्च की स्थिति, प्रयोगशालाओं और पुस्तकालय की स्थिति तथा अन्य आधारभूत सुविधाओं की गहन समीक्षा की जाती है और इसके आधार पर इन्हें ग्रेडिंग दी जाती है। यह ग्रेडिंग विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता का पैमाना बनती है,जिससे विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अनुदान प्राप्त करने और अन्य संस्थाओ से सहायता प्राप्त करने में मदद मिलती है। चूंकि, अब निजी विश्वविद्यालय भी काफी संख्या में हो गए हैं। ऐसे में छात्र भी अब नैक की ग्रेडिंग देख कर विश्वविद्यालयो में प्रवेश लेते है।
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राज्यपाल ने दिए थे निर्देश
सभी सरकारी विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग के लिए पिछले वर्ष राज्यपाल, जो विश्वविद्यालयो के कुलाधिपति भी होते हैं, उन्होंने निर्देश दिए थे। इसके लिए चार कुलपतियों को मैंटोर बनाया गया था और प्रत्येक को दो-दो विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी दी गई थी ताकि ये विश्वविद्यालय ग्रेडिंग की प्रक्रिया पूरी कर सकें।
यूजीसी के निरीक्षण के बाद प्रदेश पांच विश्वविद्यालयों को ही ग्रेड मिल पाई
- राजस्थान विश्वविद्यालय - ए प्लस
- जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर- बी प्लस प्लस
- सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर - ए
- वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय, कोटा - ए
- महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर- सी
इनके पास ग्रेड नहीं, लेकिन प्रयास शुरू
- एमडीएस विश्वविद्यालय अजमेर- नैक अधिस्वीकरण के तीसरे चक्र में
- कोटा विश्वविद्यालय - नैक अधिस्वीकरण के दूसरे चक्र के लिए आवेदन किया
- नेशनल लॉ युनिविर्सिटी, जोधपुर- अधिस्वीकरण की प्रक्रिया शुरू,2026 में होगा आवेदन - हरिदेव जोशी पत्रकारिता
- विश्वविद्यालय जयपुर-अधिस्वीकरण के लिए तैयारी शुरू
इन्हें करना पड सकता है लम्बा इंतजार
स्थाई शिक्षक और अन्य आधारभूत सुविधाओं के अभाव में नैक ग्रेडिंग से बाहर
- महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय भरतपुर
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावटी विश्वविद्यालय, सीकर
- गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा
- राजर्षि भृतहरि मत्स्य विश्विद्यालय, अलवर
नैक ग्रेडिंग की पात्रता की छह वर्ष की अवधि पूरी नहीं करने वाले
- अम्बेडकर लॉ युनिवर्सिटी जयपुर
- एमबीएम विश्वविद्यालय, जोधपुर
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