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राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) RGHS घोटाले का पर्याय बनती जा रही है। इसमें प्राइवेट अस्पताल और मेडिकल स्टोरों की मिलीभगत से आरजीएचएस में घोटाले के अजीबोगरीब मामले सामने आ रहे हैं।
इस गठजोड़ ने अलवर में जलदाय विभाग के हेल्पर किशोरी लाल की नशे की आदत का फायदा उठाकर आरजीएचएस योजना का दुरुपयोग किया।
इस कड़ी में सबसे पहले किशोरी का सहयोगी रिटायर्ड कर्मचारी रामोतार उसके नाम पर फर्जी पर्ची बनवाता। दो साल में उसने 26.70 लाख रुएए का घोटाला कर दिया।
अब उसी फर्जीवाड़े के चलते सरकार ने दो डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। रिटायर्ड कर्मचारी और मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया।
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बना दिए फर्जी दस्तावेज
वित्त विभाग की ओर से बिलों की जांच के लिए गठित क्वालिटी कंट्रोल एंड परफॉर्मेंस ऑडिट टीम की जांच में पाया कि किशोरी लाल ने आरजीएचएस कार्ड का दुरुपयोग किया। उसने सेवानिवृत्त कर्मचारी रामोतार गुप्ता व जिला अस्पताल परिसर स्थित राजस्थान पेंशनर्स एसोसिएशन मेडिकल स्टोर के संचालक से मिलकर गड़बड़ी कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और कार्ड का दुरुपयोग किया।
वसूली का दिया नोटिस
जलदाय विभाग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर किशोरी लाल को ब्याज सहित 32,95,000 रुपए की वसूली का नोटिस दिया है। यह गड़बड़ी वर्ष 2023 से 2025 के बीच की है।
कई पर्चियों पर परिवार के चार-चार लोगों के नाम एक जैसी महंगी दवाई लिखकर रकम उठाई गई। निजी अस्पताल से भी कर्मचारी के नाम से पर्ची बनाई गई। इस गड़बड़ी से राजकोष को भारी नुकसान पहुंचा है।
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इस तरह उठाया फायदा
अलवर के खुदनपुरी निवासी किशोरी लाल का कहना है कि वह नशे का आदी रहा है। उसका रिटायर्ड सहकर्मी रामोतार गुप्ता इसी का फायदा उठाता था।
रामोतार उसे अलवर जिला अस्पताल ले जाता और उसे बाहर बैठाकर आरजीएचएस कार्ड और मोबाइल लेकर अंदर चला जाता और वह बाहर बैठा रहता। लौटते समय नगद रुपए देकर नशा करा देता। उसने बताया कि आज तक यह पता नहीं कि वह किस बीमारी की दवा लेता था, न ही वह मुझे पर्ची देता था।
कोर्ट से रुकवाई रिकवरी
संबंधित कार्मिक ने इन आदेशों के विपरीत कोर्ट में वाद दायर कर अपना सस्पेंशन और रिकवरी को रुकवाया। इसमें किशोरी लाल ने शिकायत दी थी कि वसूली अकेले मुझसे न हो। इसमें शामिल रामोतार, मेडिकल स्टोर और पर्ची लिखने वाले डॉक्टर से भी वसूली की जाए। इस मामले में डॉक्टर कपिल भारद्वाज और डॉक्टर नरसी लाल ने पर्ची लिखी। सरकार ने इन दोनों को निलंबित किया है।
मित्तल हॉस्पिटल भी जांच के दायरे में
किशोरी लाल के कार्ड से अलवर के मित्तल हॉस्पिटल से पांच पर्चियां बनाई गई थी। मित्तल हॉस्पिटल भी जांच के दायरे में है। हालांकि अस्पताल संचालक का कहना है कि एक डॉक्टर ने उनके नाम से मुहर का दुरुपयोग किया। डॉक्टर के खिलाफ संचालक ने मामला भी दर्ज कराया। अब इसमें जांच का विषय यह है कि मित्तल हॉस्पिटल में किस स्तर पर गड़बड़ी हुई है।
साफ है कि अलवर में आरजीएचएस घोटाला सामने आया है, उसमें किशोरी लाल के आरजीएचएस कार्ड का दुरुपयोग किया गया। नशे की लत का फायदा उठाकर आरजीएचएस कार्ड का दुरुपयोग हुआ।
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