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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान (Rajasthan) में स्वास्थ्य सेवाओं (Medical Facilities in Rajasthan) में सुधार के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जैसे आरजीएचएस, निरोगी राजस्थान और मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना। हालांकि, इन दावों के बावजूद, राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं आया है। शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति और भी खराब है, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की हेल्थ डायनामिक्स ऑफ इंडिया (Infrastructure and Human Resources) रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की बहुत कमी है। उदाहरण के लिए, अलवर, जोधपुर और अन्य जिलों में सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन और शिशु रोग विशेषज्ञ के 2000 से अधिक पद खाली पड़े हैं। इसके बावजूद, राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे कई योजनाओं का प्रभाव इन क्षेत्रों में नहीं दिख रहा है, क्योंकि विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी बनी हुई है।
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मेडिकल कॉलेज स्तर तक सीमित विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती
राज्य सरकार की ओर से विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया मेडिकल कॉलेज स्तर तक सीमित है। हालांकि, राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है और एमबीबीएस सीटों के साथ-साथ एमडी, एमएस सीटों में भी वृद्धि की गई है, फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुपलब्धता गंभीर समस्या बनी हुई है। हाल ही में लगभग 1200 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने इस समस्या पर कहा कि सरकार बनने के बाद राज्य में चिकित्सा क्षेत्र के सभी संवर्ग में तेजी से भर्तियां की गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य ने कई मापदंड़ों में सुधार किया है, और जो पद रिक्त हैं, उन्हें जल्द भरने की कार्ययोजना बनाई जा रही है।
भर्ती प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता
राज्य में चिकित्सा अधिकारी और सहायक आचार्य (असिस्टेंट प्रोफेसर) जैसे पदों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया बहुत सीमित है। इन पदों के लिए भर्ती केवल मेडिकल कॉलेज और उच्च-स्तरीय अस्पतालों में की जाती है, जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप जिला और जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव की आवश्यकता है। जानकारों के मुताबिक, जब तक राज्य सरकार इन निचले स्तर के अस्पतालों में सीधे विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती नहीं करेगी, तब तक राज्य की सभी योजनाओं का सही लाभ आम जनता को नहीं मिल सकेगा।
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ऐसे कैसे बनेगा मेडिकल टूरिज़्म हब
राजस्थान सरकार मेडिकल टूरिज़्म हब बनाने के लिए भी काम कर रही है। इसके तहत, जयपुर में एम्स की तर्ज पर रिम्स (Regional Institute of Medical Sciences) बनाने की योजना है। हालांकि, सामान्य सर्जरी के लिए भी मरीजों को एसएमएस अस्पताल भेजा जा रहा है, जो इस क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवा की स्थिति को दर्शाता है।
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आरजीएचएस और चिरंजीव योजना | राजस्थान में डॉक्टर्स की कमी