राजस्थान हाईकोर्ट का अहम फैसला, पूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरी में दो बार नहीं मिलेगा आरक्षण

राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया, जिसमें कहा गया कि एक बार नौकरी में आ चुके पूर्व सैनिक को आरक्षण का दूसरा लाभ नहीं मिलेगा।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (TheSootr)

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राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि सरकारी नौकरी में पहले से आ चुके पूर्व सैनिकों को उनके आरक्षण का दूसरा लाभ नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति आनंद शर्मा की पीठ ने इस फैसले में पूर्व सैनिक नरेन्द्र सिंह द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने जूनियर अकाउंटेंट भर्ती 2023 में पूर्व सैनिक श्रेणी से आरक्षण का लाभ मांगा था।

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क्या है राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला?

राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आनंद शर्मा ने 13 मार्च 2023 को ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के पद पर प्रोबेशन पर कार्यरत नरेन्द्र सिंह की याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने जूनियर अकाउंटेंट भर्ती 2023 में पूर्व सैनिक श्रेणी से आवेदन किया था। अदालत ने कहा कि एक बार आरक्षण का लाभ लेने के बाद इसे फिर से लागू नहीं किया जा सकता, चाहे वह पद का वेतनमान कम क्यों न हो।

पूर्व सैनिक आरक्षण: क्या है इसका उद्देश्य?

पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण एक ऐसा प्रावधान है, जिसका उद्देश्य उन्हें सरकारी नौकरी में अवसर प्रदान करना है। इस आरक्षण का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार पूर्व सैनिकों को नौकरी में समाविष्ट करना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना है। यह आरक्षण सरकारी सेवाओं में काम करने के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में कार्य करता है, ताकि पूर्व सैनिकों को उनके अनुभव और सेवा के बदले सम्मान मिल सके।

अदालत ने यह निर्णय लिया कि अगर पूर्व सैनिकों को उनके पहले आरक्षण का लाभ लेने के बाद फिर से यह लाभ दिया जाता है, तो यह असामान्य स्थिति पैदा हो जाएगी और इसके परिणामस्वरूप बेरोजगार पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ देने का मूल उद्देश्य विफल हो जाएगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि इसे स्वीकार किया जाता है तो यह आरक्षण की मंशा और उद्देश्यों के खिलाफ होगा।

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क्यों नहीं स्वीकार किया गया याचिकाकर्ता का तर्क?

नरेन्द्र सिंह का तर्क था कि वीडीओ (ग्राम विकास अधिकारी) का वेतनमान कनिष्ठ लेखाकार से कम है, इसलिए उसे आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। हालांकि, अदालत ने यह तर्क भी अस्वीकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आरक्षण का लाभ सिर्फ एक बार दिया जा सकता है और वह भी केवल उस स्थिति में जब व्यक्ति सरकारी सेवा में नए नियुक्त हो। इससे स्पष्ट है कि सरकारी सेवा में पहले से कार्यरत पूर्व सैनिक को इस लाभ का दोबारा फायदा नहीं हो सकता।

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इस फैसले का प्रभाव

हाईकोर्ट का यह फैसला पूर्व सैनिकों के लिए एक संकेत है कि सरकारी सेवाओं में राजस्थान में पूर्व सैनिक आरक्षण का लाभ उन्हें एक सीमित समय के लिए और एक निश्चित तरीके से ही दिया जा सकता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि यदि किसी पूर्व सैनिक को सरकारी नौकरी मिल चुकी है, तो उसे दूसरी बार सरकारी नौकरी में पूर्व सैनिक आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा, भले ही उसका नया पद वेतनमान में नीचे हो।

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FAQ

1. राजस्थान हाईकोर्ट का निर्णय क्या था?
राजस्थान हाईकोर्ट ने यह निर्णय लिया कि एक बार सरकारी सेवा में भर्ती हो चुके पूर्व सैनिक को आरक्षण का दूसरा लाभ नहीं मिलेगा।
2. क्या एक बार पूर्व सैनिक आरक्षण का लाभ ले चुका व्यक्ति इसे दूसरी बार प्राप्त कर सकता है?
नहीं, राजस्थान हाईकोर्ट के अनुसार एक बार पूर्व सैनिक आरक्षण का लाभ लेने के बाद उसे पुनः यह लाभ नहीं मिल सकता, भले ही उसका नया पद वेतनमान में कम हो।
3. पूर्व सैनिक आरक्षण को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले का क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस फैसले से पूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ सिर्फ एक बार मिल सकेगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बेरोजगार पूर्व सैनिकों को एकबार ही आरक्षण का लाभ मिले।
4. क्या पूर्व सैनिक आरक्षण को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का निर्णय पूर्व सैनिकों के लिए अन्य राज्यों में भी लागू होगा?
यह निर्णय केवल राजस्थान हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है, लेकिन यह अन्य राज्यों में भी विचारणीय हो सकता है। हालांकि, प्रत्येक राज्य का कानून अलग हो सकता है।
5. पूर्व सैनिक आरक्षण को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का निर्णय सरकारी नौकरी में आरक्षण की नीति को प्रभावित करेगा?
यह निर्णय सरकारी नौकरी में आरक्षण की नीति को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ सिर्फ एक बार ही मिल सकता है।
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