/sootr/media/media_files/2025/09/12/rajasthan-high-court-ldc-exam-cheating-sog-arrest-2025-09-12-13-27-05.jpg)
Photograph: (TheSootr)
राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) एलडीसी परीक्षा-2022 (LDC Exam-2022) में ब्लूटूथ के जरिए नकल करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (Special Operation Group - SOG Rajasthan) ने दो ऐसे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया, जो परीक्षा पास कर विभिन्न अदालतों में नियुक्त थे। यह गिरफ्तारी छह महीने से फरार चल रहे आरोपी सुनील बिश्नोई (Sunil Bishnoi) और रामप्रकाश जाट (Ramprakash Jat) की हुई है।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/09/12/rajasthan-high-court-ldc-exam-cheating-sog-arrest-2025-09-12-14-01-46.jpg)
यह खबर भी देखें ...
एसओजी ने इन्हें किया गिरफ्तार
सुनील बिश्नोई: हनुमानगढ़ (Hanumangarh) के रावतसर (Rawatsar) निवासी। जिला एवं सत्र न्यायालय हनुमानगढ़ में कार्यरत।
रामप्रकाश जाट: नागौर (Nagaur) के कुचेरा स्थित निम्बड़ी चान्दावता निवासी। उदयपुर (Udaipur) की पोक्सो कोर्ट क्रमांक एक (POCSO Court No.1) में पदस्थ।
दोनों आरोपी हाईकोर्ट एलडीसी परीक्षा (High Court LDC Exam) में नकल के जरिए चयनित हुए थे।
ब्लूटूथ से नकर कर की परीक्षा पास
जांच में सामने आया कि रामप्रकाश ने 19 मार्च 2023 को नागौर के श्रीविजयन डी. सुरी जैन विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में परीक्षा दी। वहीं, सुनील बिश्नोई ने 12 मार्च 2023 को हनुमानगढ़ के नेहरू मेमोरियल चिल्ड्रन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में राजस्थान हाईकोर्ट एलडीसी परीक्षा 2022 दी।
दोनों ने ब्लूटूथ के माध्यम (Through Bluetooth) से नकल करवाने वाले गिरोह के सरगना पोरव कालेर की मदद ली। पोरव सालासर में रहकर विभिन्न परीक्षा केंद्रों में बैठे परीक्षार्थियों को नकल करवा रहा था।
यह खबर भी देखें ...
शराब तस्करों पर राजस्थान सरकार की नजर-ए-इनायत, हो जाएगी बल्ले-बल्ले, जानें पूरा मामला
SOG की कार्रवाई और गिरफ्तारी
राजस्थान पुलिस के ADG IPS वी.के. सिंह (ADG IPS V.K. Singh) ने बताया कि अब तक इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें नकल कर नौकरी पाने वाले 9 अन्य कर्मचारी और गिरोह का सरगना शामिल हैं।
SOG की सक्रियता और जांच ने यह स्पष्ट किया कि उच्च पदों पर नियुक्त ये कर्मचारी ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर नियुक्त हुए थे।
यह खबर भी देखें ...
राजस्थान भाजपा में क्यों मची खलबली! अचानक कार्यशाला छोड़ चले गए नाराज प्रदेश प्रभारी
राजस्थान में नकल के आरोपी कैसे पकड़ में आए?
| |
नकल गिरोह का modus operandi क्या है
पुलिस ने बताया कि पोरव कालेर के पास ब्लूटूथ डिवाइस थे, जिन्हें परीक्षार्थियों के कान में फिट किया जाता था। यह डिवाइस सीधे उसे जुड़कर सवालों के उत्तर प्राप्त करता था।
गिरोह विभिन्न शहरों के परीक्षा केंद्रों में सक्रिय था।
पोरव कालेर ने अपने नेटवर्क के जरिए कम से कम 9 कर्मचारियों को नौकरी दिलवाई।
पुलिस के अनुसार, पूरे राज्य में ब्लूटूथ नकल गिरोह का नेटवर्क पहले से सक्रिय था।
भर्ती परीक्षाओं में नकल कैसे रोकी जा सकती है
बायोमैट्रिक सत्यापन (Biometric Verification): प्रत्येक परीक्षार्थी को सख्त पहचान प्रक्रिया से गुजरना होगा।
फेस स्कैनिंग (Face Scanning): परीक्षा केंद्र में उपस्थित सभी उम्मीदवारों का फेस स्कैन किया जाएगा।
तकनीकी निगरानी (Technical Surveillance): ब्लूटूथ और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जाएगी।
यह खबर भी देखें ...
कानून मंत्री के किस बयान से नाराज हुए वकील, आज जयपुर-जोधपुर में कार्य बहिष्कार