राजस्थान में अपने घर का सपना हुआ महंगा, जानें हाउसिंग बोर्ड ने किस शहर में बड़ा दी कितनी जमीन की दरें

राजस्थान आवासन मंडल ने जयपुर, अलवर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा, और उदयपुर में आवासीय भूखंडों की दरों में वृद्धि की है। जानें नई दरों की पूरी जानकारी।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के कई बडे़ शहरों में अब अपने घर का सपना देखना महंगा साबित होने जा रहा है। इसका कारण राजस्थान हाउसिंग बोेर्ड द्वारा जमीनों में की गई वृद्धि एक प्रमुख कारण बन गई है। जो घर बनाने का सपना देख रहे थे उनके लिए अब यह सपना महंगा हो गया है, क्योंकि राजस्थान आवासन मंडल (Rajasthan Housing Board) ने अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत आवासीय भूखंडों की दरों में वृद्धि की है। खासकर जयपुर सर्कल के अलावा अलवर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर सर्कल में भी दरें बढ़ाई गई हैं।

इस बढ़ोतरी का कारण भूमि की मांग में वृद्धि और महंगाई को बताया जा रहा है। 2024 के मुकाबले 2025 में विभिन्न क्षेत्रों में भूखंडों की दरों में 8 से 20 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। 

हाउसिंग बोर्ड की जमीन दरों में बदलाव

राजस्थान आवासन मंडल द्वारा 2025 में जारी आदेश के मुताबिक, जयपुर शहर और अन्य जिलों के प्रमुख क्षेत्रों में आवासीय भूखंडों की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। जयपुर में कुछ प्रमुख योजनाओं में दरों में 5,000 से लेकर 10,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक का इजाफा हुआ है। 

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जयपुर में प्रमुख योजनाओं में बढ़ी दरें

  1. प्रताप नगर

    • 2024 में: ₹19,465 प्रति वर्ग मीटर

    • 2025 में: ₹23,970 प्रति वर्ग मीटर

  2. वाटिका

    • 2024 में: ₹4,890 प्रति वर्ग मीटर

    • 2025 में: ₹7,045 प्रति वर्ग मीटर

  3. महला

    • 2024 में: ₹2,620 प्रति वर्ग मीटर

    • 2025 में: ₹3,555 प्रति वर्ग मीटर

  4. मानसरोवर

    • 2024 में: ₹33,315 प्रति वर्ग मीटर

    • 2025 में: ₹41,095 प्रति वर्ग मीटर

  5. जवाहर नगर

    • 2024 में: ₹15,545 प्रति वर्ग मीटर

    • 2025 में: ₹16,870 प्रति वर्ग मीटर

यह दरें विशेष रूप से उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं, जो पहले इन क्षेत्रों में घर बनाने की योजना बना रहे थे।  

पांइट टू पाइंट समझें सपनों के घर से जुड़ी इस खबर को 

  • राजस्थान आवासन मंडल ने जयपुर, अलवर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर में आवासीय भूखंडों की दरों में बढ़ोतरी की है।
  • जयपुर में प्रमुख योजनाओं में दरों में ₹5,000 से ₹10,000 प्रति वर्ग मीटर तक की वृद्धि हुई है।
  • दरों में बढ़ोतरी का कारण भूमि की बढ़ती मांग और महंगाई को बताया जा रहा है।
  • यह बढ़ोतरी विशेष रूप से उन लोगों को प्रभावित करेगी जो घर बनाने की योजना बना रहे थे।
  • व्यावसायिक और संस्थानिक भूखंडों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

क्या है इस वृद्धि का कारण?

इस दर वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, भूमि की मांग बढ़ी है क्योंकि राजस्थान के प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, जोधपुर, और उदयपुर में आबादी का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही निर्माण सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी और सरकार की नई योजनाओं के तहत जमीनों के लिए अतिरिक्त खर्च भी इस वृद्धि को प्रभावित कर रहा है।

दूसरे कारण के रूप में महंगाई भी सामने आई है, जो आवासीय भूखंडों की दरों को प्रभावित करती है। कीमतों में इस वृद्धि ने न केवल आम नागरिकों के घर बनाने की योजनाओं को प्रभावित किया है, बल्कि विभिन्न विकास योजनाओं पर भी असर डाला है। 

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क्या प्रभाव केवल इन पांच जिलों तक सीमित रहेगा?

यह प्रश्न अक्सर पूछा जाता है, और इसका उत्तर है, नहीं। यह वृद्धि समय के साथ अन्य क्षेत्रों में भी हो सकती है। राजस्थान आवासन मंडल की योजनाओं के तहत भूखंडों की दरें समय-समय पर बढ़ती रहती हैं। इस समय यह वृद्धि जयपुर, अलवर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर में हुई है, लेकिन आने वाले वर्षों में अन्य जिलों में भी इस तरह की वृद्धि हो सकती है।

किसे पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

इस बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग होंगे, जो घर बनाने के लिए इन भूखंडों को खरीदने की योजना बना रहे थे। खासतौर पर उन लोगों पर इसका असर पड़ेगा, जिनके पास सीमित बजट है। हालांकि, यह वृद्धि लंबे समय में एक अच्छा निवेश साबित हो सकती है क्योंकि भूखंडों की कीमतों में वृद्धि (Property rates) का एक सकारात्मक पहलू यह है कि भविष्य में इन भूखंडों का मूल्य बढ़ सकता है।

वहीं, व्यापारिक संस्थानों और शैक्षिक संस्थाओं के लिए राहत की बात यह है कि उनके लिए कोई दर वृद्धि नहीं की गई है। इसका मतलब है कि वे अपनी परियोजनाओं को पहले की तरह जारी रख सकते हैं। 

घर का सपना अधूरा

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