राजस्थान के जयपुर में रामगंज थाने में एसएचओ की कुर्सी पर बैठे विधायक बालमुकुंदाचार्य (लाल घेरे में)। Photograph: (The Sootr)
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राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर जिले के हवामहल क्षेत्र से भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य द्वारा आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र के रामगंज थाने में एसएचओ की कुर्सी पर बैठने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस घटना ने खाकी और खादी की मर्यादा पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है।
वायरल फोटो के बाद छिड़ी बहस
विधायक बालमुकुंदाचार्य की इस हरकत के बाद विवाद शुरू हो गया। फोटो में वे एसएचओ की कुर्सी पर बैठे हुए थे, जिस पर लोगों ने सवाल उठाए। इस पर विधायक ने सफाई दी कि कुर्सी पर उनका नाम नहीं लिखा था और वे सिर्फ उसी तरह बैठे थे जैसे बाकी लोग बैठते हैं। हालांकि, यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रही, और इसके बाद खाकी और खादी की मर्यादा पर बहस भी तेज हो गई।
पूर्व डीजीपी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एसएचओ पुलिस का पहला आईना होता है। उनके लिए इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि नेताओं को भी मर्यादा का पालन करना चाहिए और इस तरह के व्यवहार से पुलिस की साख पर असर पड़ता है।
खाकी और खादी की मर्यादा पर सवाल
यह मामला केवल एक विधायक की एक छोटी सी हरकत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय राजनीति और पुलिस व्यवस्था के बीच की गहरी खाई को भी उजागर करता है। नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है ताकि किसी भी पार्टी या व्यक्ति का प्रभाव पुलिस पर न पड़े।
मामले पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कानून बनाने वाले अब कानून चलाने का शौक पाल बैठे हैं। जिसे जनता ने संविधान निर्माण और नीति निर्धारण के लिए चुना, वो सत्ता के नशे में संविधान की गरिमा और कानून की मर्यादा को रौंद रहा है। जूली ने इसे लोकतंत्र और प्रशासन दोनों की अवमानना बताया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे सामान्य मानते हुए कहते हैं कि यह कोई बड़ी बात नहीं है, जबकि कई लोग इसे नेताओं के मनमानी रवैये के रूप में देख रहे हैं।
दक्षिणमुखी बालाजी की मान्यता पूरे देश में है, यहां बड़े-बड़े नेता और अभिनेता भी आते हैं
वह जयपुर मठ-मंदिर पुजारी महासंघ के अध्यक्ष भी हैं
बालमुकुंदाचार्य अखिल भारतीय संत समाज राजस्थान के प्रमुख हैं
बालमुकुंद आचार्य पहली दफा 2023 में विधायक का चुनाव जीते हैं
वे कट्टर हिंदूवादी नेता के रूप में अपनी छवि पेश करते रहे हैं
बालमुकुंद आचार्य ने हवामहल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार आर आर तिवाड़ी को बेहद मामूली अंतर से शिकस्त दी है
वो महज 974 वोटों से जीते हैं
FAQ
1. विधायक बालमुकुंदाचार्य ने एसएचओ की कुर्सी पर क्यों बैठै?
विधायक बालमुकुंदाचार्य का कहना है कि वे एसएचओ की कुर्सी पर नहीं बैठे थे, बल्कि बाकी लोगों की तरह ही बैठ थे। हालांकि, उनकी इस हरकत पर विवाद उठ रहा है।
2. क्या इस तरह की घटना से पुलिस की साख पर असर पड़ता है?
पूर्व डीजीपी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने इस घटना को गलत बताया और कहा कि इस तरह के व्यवहार से पुलिस की साख पर नकारात्मक असर पड़ता है। नेताओं को मर्यादा का पालन करना चाहिए।
3. इस घटना से खाकी और खादी की मर्यादा पर क्या सवाल उठते हैं?
इस घटना से यह सवाल उठता है कि भारतीय राजनीति और पुलिस व्यवस्था के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि पुलिस पर किसी पार्टी या नेता का दबाव न पड़े।
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