प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बनी राजस्थान के किसानों की मुसीबत, क्लेम के अटके सैकडों करोड़

राजस्थान में 29 जिलों के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्लेम का भुगतान नहीं मिला है। जयपुर जिले में ही 121.84 करोड़ रुपये अटके हुए हैं।

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
rajasthan-kisan-fasal-beema-yojana-claim-baki

Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान (Rajasthan) में बीमा कंपनियों की मनमानी और सरकारी प्रक्रिया की धीमी गति ने प्रदेश के किसानों को एक गंभीर समस्या में डाल दिया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत पिछले साल खरीफ सीजन में खराब हुई फसलों का क्लेम आज तक किसानों को नहीं मिल पाया है। जयपुर समेत 29 जिलों के सैकड़ों किसानों को अपने क्लेम का इंतजार है, और इस प्रक्रिया में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। कई बार बीमा कंपनियों और कृषि विभाग के चक्कर काटने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं मिल रहा है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि क्यों राजस्थान में किसानों के क्लेम अटके हुए हैं और इसके समाधान के लिए सरकार क्या कदम उठा सकती है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और इसके उद्देश्य

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और अन्य जोखिमों से बचाना है। यह योजना किसानों को उनकी फसल के नुकसान के बदले मुआवजा प्रदान करती है। योजना के तहत, किसानों को बीमा कंपनियों के माध्यम से क्लेम का भुगतान किया जाता है, जो राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के आधार पर होता है।

लेकिन, पिछले कुछ सालों में इस योजना में कई अड़चनें आ रही हैं। विशेष रूप से राजस्थान में, जहां खरीफ 2024 के दौरान फसल के नुकसान के कारण 1123.76 करोड़ रुपये का क्लेम अटका हुआ है। यह राशि प्रदेश के किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका भुगतान नहीं होने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

जयपुर जिले में 121.84 करोड़ का क्लेम अटका हुआ

राजस्थान के जयपुर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 121.84 करोड़ रुपये का क्लेम अभी भी बकाया है। इसके अलावा, प्रदेश के अन्य जिलों में भी फसल बीमा के क्लेम का भुगतान नहीं हुआ है। चित्तौड़गढ़ में 13.35 करोड़, अजमेर में 121.21 करोड़, और अलवर में 7 करोड़ रुपये का क्लेम अटका हुआ है। बीकानेर, जोधपुर, और नागौर जैसे बड़े जिलों में भी किसानों के करोड़ों रुपये का भुगतान लंबित है।

यह स्थिति स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि सरकारी और बीमा कंपनियों के बीच समन्वय की कमी है, जो किसानों के लाभ को प्रभावित कर रही है।

यह खबर भी देखें ...

राजस्थान में पूर्व मंत्री की सरपंच पत्नी ने 100-100 रुपए में बांट दिए पट्टे! अब कसा एसीबी का शिकंजा, जानें पूरा मामला

बीमा कंपनियों की मनमानी और सरकार की धीमी गति

बीमा कंपनियों और सरकारी विभागों के बीच सहमति का अभाव, विलंबित भुगतान, और दावों के निपटारे में देरी मुख्य कारण हैं, जिनकी वजह से किसानों को उनके उचित हक से वंचित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने पहले ही माना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दावों का भुगतान करने में समस्याएं आ रही हैं।

सरकार ने आरोप लगाया है कि बीमा कंपनियों की ओर से देर से प्रस्ताव भेजने और बैंकों की ओर से गलत आंकड़ों के कारण दावों का भुगतान नहीं हो रहा है। इसके अलावा, उपज के आंकड़ों में विसंगति और राज्य सरकार और बीमा कंपनियों के बीच विवाद भी समस्याओं का कारण बन रहे हैं।

यह खबर भी देखें ...

अमीरों के लिए एक और योजना लाया राजस्थान आवासन मंडल, छोटे तबके के नहीं ध्यान, जानें पूरा मामला

फसल नुकसान का आकलन और उपज के आंकड़े

फसल नुकसान के दावों का आकलन राज्य सरकार के अधिकारियों और संबंधित बीमा कंपनी की संयुक्त समिति द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया में किसानों का नामांकन, फसल के नुकसान का सही आकलन, और इसके परिणामस्वरूप तय किया जाने वाला क्लेम शामिल है। यह आकलन सरकार और बीमा कंपनियों के बीच सहमति से होता है, लेकिन कई बार गलत आंकड़े और प्रक्रिया में ढील के कारण भुगतान में देरी हो जाती है।

किसानों के लिए यह एक गंभीर समस्या है, क्योंकि वे अपनी फसल की तबाही के कारण पहले ही परेशान हैं, और उन्हें बीमा कंपनी से जल्द भुगतान की आवश्यकता है।

राजस्थान के जिलों में बकाया की स्थिति

जिला         बकाया (करोड़ रुपए में)


जयपुर        121.84
चित्तौड़गढ़       13.35
अजमेर       121.21
अलवर         7
बांसवाड़ा      1.66
बारां         2.29
बाड़मेर       18.75
भरतपुर       13.57
भीलवाड़ा      36.68
बीकानेर       31.97
बूंदी          12.26
चूरू          21.06
दौसा           4.16
हनुमानगढ़      44.31
जैसलमेर       43.14
जालोर        34.08
झुंझुंनूं         18.55
झालावाड़      15.88
जोधपुर      146.05
नागौर       146.87
कोटा         16.11
पाली         47.18
प्रतापगढ़       8.93
सवाईमाधोपुर   24.68
सीकर        29.48
सिरोही         6.68
श्रीगंगानगर     60.83
टोंक         70.24
उदयपुर      1.32

1123.76 करोड़ रुपये का क्लेम अटका

राजस्थान में पिछले साल खरीफ सीजन में फसलों के नुकसान के कारण किसानों का 1123.76 करोड़ रुपये का क्लेम अटका हुआ है। जयपुर जिले में ही 121.84 करोड़ रुपये का क्लेम लंबित है, जबकि अन्य जिलों में भी यही स्थिति है। इस राशि का भुगतान न होने से किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है, और वे बीमा कंपनियों के दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

यह खबर भी देखें ...

राजस्थान के दो लाख कार्मिकों के डेढ़ साल तक नहीं होंगे ट्रांसफर, जानें सरकार ने क्यों दिया ऐसा आदेश

सरकार का क्या कहना है?

केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने इस मामले में कई बार संज्ञान लिया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बीमा कंपनियों और सरकारी विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण यह समस्या बनी हुई है।

सरकार ने यह स्वीकार किया है कि दावों के भुगतान में देरी के कारण किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, सरकार ने अब तक इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है।

किसानों की समस्याओं का समाधान

इस स्थिति से निपटने के लिए, सरकार को पहले बीमा कंपनियों और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, उपज के आंकड़ों की सटीकता और समय पर आकलन की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

इसके अलावा, किसानों को बीमा कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए एक मजबूत प्रणाली की आवश्यकता है, ताकि वे अपने दावों के निपटारे के लिए सही दिशा में कदम उठा सकें।

FAQ

1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के क्लेम का भुगतान क्यों नहीं हो रहा है?
बीमा कंपनियों और राज्य सरकार के बीच समन्वय की कमी, उपज के आंकड़ों में विसंगति, और विलंबित भुगतान के कारण किसानों के क्लेम का भुगतान नहीं हो रहा है।
2. राजस्थान के कौन-कौन से जिले फसल बीमा भुगतान की समस्या का सामना कर रहे हैं?
जयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, अलवर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर समेत करीब 23 जिलों मेंसैकड़ों किसानों के क्लेम अटके हुए हैं।
3. फसल बीमा क्लेम की समस्या को हल करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
सरकार ने इस मुद्दे का संज्ञान लिया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बीमा कंपनियों और सरकारी विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता है।
4. किसानों को कब तक उनके फसल बीमा क्लेम का भुगतान मिल सकता है?
किसानों के क्लेम का भुगतान तब तक संभव नहीं है जब तक बीमा कंपनियां और राज्य सरकार के बीच समन्वय स्थापित नहीं होता।
5. क्या किसानों को इस समस्या का समाधान पाने के लिए बीमा कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करनी चाहिए?
जी हां, किसानों को अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए बीमा कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करनी चाहिए।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧‍👩

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम | राजस्थान में अटका प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम | कृषि विभाग राजस्थान

Rajasthan राजस्थान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम राजस्थान में अटका प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम कृषि विभाग राजस्थान