एमपी की दवा में मिला जहरीला केमिकल डाईएथिलीन ग्लाइकॉल राजस्थान की दवा में नहीं, फिर कैसे हुई बच्चों की मौतें?

राजस्थान और मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के मामलों में खांसी की दवाई को लेकर हंगामा मचा है। हालांकि, जांच में राजस्थान की दवाई में किसी भी जहरीले केमिकल की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन मध्य प्रदेश में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट पाई गई है।

author-image
Gyan Chand Patni
New Update
medicine 0
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान में कफ सिरप पीने से 4 बच्चों की मौत के मामले ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। एक कंपनी की कफ सिरप सवालों के घेरे में हैं हालांकि, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने चारों बच्चों की मौत के लिए अलग-अलग कारणों का हवाला दिया है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव  IAS गायत्री राठौड़ ने मामले की विस्तृत जांच की बात कही है। 

दूसरी ओर, मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण बताया जा रहा है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट थी। दूसरी तरफ राजस्थान में कफ सिरप के 6 सैंपल की जांच में ऐसी कोई मिलावट नहीं पाई गई है।

इससे सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर राजस्थान में कफ सिरप की जांच रिपोर्ट सही है तो फिर सरकारी अस्पतालों में इसके वितरण पर रोक क्यों है? क्या कफ सिरप में वास्तव में खतरनाक केमिकल डाईएथिलीन ग्लाइकॉल था? और जब जांच रिपोर्ट में कुछ गलत नहीं मिला तो फिर नए मामले क्यों सामने आ रहे हैं? इस रहस्य से पर्दा उठना चाहिए।

राजस्थान में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़, दवाओं के 23 से अधिक बैच के सैंपल फेल

राजस्थान मौसम अपडेट : आज नौ जिलों में बारिश का ऑरेंज व 20 जिलों में येलो अलर्ट

 बच्चों की मौत के पीछे विभाग ने क्या वजह बताई?

राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत को लेकर राजनीति भी गरमाई हुई है। विपक्ष सरकार की घरेबंदी कर रहा है। कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।अब तक राजस्थान में 4 बच्चों की मौत हो चुकी है, और इन मौतों को लेकर परिजनों ने सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली खांसी की दवाई डेक्स्ट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड (Dextromethorphan Hydrobromide Syrup) को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक बच्चे की मौत के कारण अलग-अलग बताए हैं। 

  • 1. सम्राट, भरतपुर: सम्राट को निमोनिया था और जयपुर के जेके लोन अस्पताल में उसकी मौत 22 सितंबर को हुई। रिपोर्ट के अनुसार, सम्राट की मौत एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के कारण हुई।
  • 2. तीर्थराज, भरतपुर तीर्थराज खांसी और बुखार (URI) के कारण पीड़ित था। उसे भरतपुर से जयपुर के जेके लोन अस्पताल रेफर किया गया, जहां 27 सितंबर को उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, तीर्थराज की मौत एक्यूट एनसिफेलाइटिस के कारण हुई।
  • 3. नितियांस शर्मा, सीकर सीकर के 4 साल के नितियांस शर्मा को 7 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चिराना में दिखाया गया। हालांकि, उपचार में डेक्स्ट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड का उल्लेख नहीं था। बच्चे की मौत 29 सितंबर को हुई। परिवार ने इस सिरप के सेवन को बच्चे की मौत का कारण बताया।
  • 4. अनस, चूरू  चूरू के 6 साल के बच्चे अनस की 4 अक्टूबर को मृत्यु हो गई। बच्चे के परिजनों के अनुसार, 4 दिन पहले उसे खांसी-जुकाम की दवा दी गई थी, जिसमें डेक्स्ट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड का मिलाजुला था।

 6 सैंपल रिपोर्ट में नहीं मिला जानलेवा जहर

राजस्थान में खांसी की सिरप की 6 सैंपल रिपोर्ट में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट नहीं पाई गई है। इसके अलावा, इन सभी सैंपल को जयपुर स्थित सरकारी लैब में जांच के लिए भेजा गया था, और इनकी जांच में कोई भी खतरनाक केमिकल नहीं मिला। 

सीकर से लिया गया सैंपल: बैच नंबर केएल-25/148 का सैंपल, जिसमें 97% सही पाया गया।

भरतपुर से लिया गया सैंपल: बैच नंबर केएल-25/147 का सैंपल, जिसमें 96% सही पाया गया।

झुंझुनूं से लिया गया सैंपल: बैच नंबर केएल-25/250 का सैंपल, जिसमें 97% सही पाया गया।

आरएमएससी जयपुर से लिया गया सैंपल: बैच नंबर केएल-25/148 का सैंपल, जिसमें 99% सही पाया गया।

आरएमएससी जयपुर से लिया गया सैंपल: बैच नंबर एल-25/0226ए का सैंपल, जिसमें 102% सही पाया गया।

आरएमएससी जयपुर से लिया गया सैंपल: बैच नंबर केएल-25/147 का सैंपल, जिसमें 103% सही पाया गया।

डाईएथिलीन ग्लाइकॉल क्या है?

विशेषज्ञों के अनुसार, डाईएथिलीन ग्लाइकॉल एक इंडस्ट्रियल केमिकल है जिसे खांसी की दवाई में नहीं मिलाया जाना चाहिए। यह टॉक्सिक (जहरीला) होता है और इसका उपयोग दवा उद्योग में नहीं होता। यदि इसे गलती से या मिलावटी के रूप में किसी दवाई में मिलाया जाए तो यह किडनी डैमेज, सांस की समस्या और कोमा जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

राजस्थान में एक तरफ अफसरों की कमी, दूसरी ओर पदस्थापन के इंतजार में प्रमोटी IAS

राजस्थान में खांसी की सिरप से बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा : एक और मामला आया सामने

कंपनी के 42 सैंपल पहले हो चुके फेल

केयसंस फार्मा द्वारा निर्मित डेक्स्ट्रोमेथोर्फन दवाई के 42 सैंपल पहले फेल हो चुके हैं। कंपनी ने 2012 से अब तक 10,119 सैंपल भेजे थे, जिनमें से 42 सैंपल अमानक पाए गए हैं।

मध्य प्रदेश में 16 बच्चों की मौत का कारण 

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में  बच्चों की मौत हुई, और इन बच्चों की मौत का कारण एक कफ सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट बताई गई है।

FAQ

1. क्या राजस्थान की खांसी की दवाई में जहरीला केमिकल था?
 राजस्थान में जांच किए गए 6 सैंपल्स में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट नहीं पाई गई। मामले की अभी जांच करवाई जा रही है।
2. मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण क्या था?
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण खांसी की दवाई में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट था।
3. डाईएथिलीन ग्लाइकॉल क्या है और यह क्यों खतरनाक है?
डाईएथिलीन ग्लाइकॉल एक इंडस्ट्रियल केमिकल है, जो खांसी की दवाई में मिलाना खतरनाक है। यह किडनी डैमेज और सांस की परेशानी पैदा कर सकता है।

राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत मध्य प्रदेश IAS गायत्री राठौड़ खांसी की सिरप डाईएथिलीन ग्लाइकॉल कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला
Advertisment