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सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में माइनिंग लॉबी की बढ़ती ताकत पर चिंता जताई है।रणथम्भौर अभयारण्य में अवैध खनन और अन्य पर्यावरणीय समस्याओं के बारे में सुनवाई की जा रही है। कोर्ट ने इस मामले में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट ने रणथंभौर नेशनल पार्क के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि राजस्थान में माइनिंग लॉबी बहुत मजबूत और हावी है, लेकिन बाघों की सुरक्षा पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह रुख पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन और वन्यजीवों की रक्षा के प्रति कड़ी निगरानी और फैसले की ओर इशारा करता है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश के. विनोद चन्द्रन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई जारी रखी और राज्य सरकार से रणथम्भौर से जुड़े मुद्दों पर जवाब मांगा है।
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रणथंभौर अभयारण्य में अवैध खनन
राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में अवैध खनन की समस्या बढ़ती जा रही है। पर्यावरणविद गौरव कुमार बंसल की ओर से दायर याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि रणथम्भौर के कोर और बफर जोन में भारी मात्रा में अवैध खनन, अतिक्रमण और होटल-रेस्टोरेंट जैसे निर्माण हो रहे हैं। इसके अलावा, पर्यटन की गतिविधियों को लेकर भी मनमानी की जा रही है।
याचिका में यह भी बताया गया कि इन गतिविधियों से न केवल पर्यावरण बल्कि वन्यजीवों की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है।
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सीईसी की रिपोर्ट और अन्य मुद्दे
सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि रणथंभौर में अवैध खनन और व्यावसायिक निर्माण बढ़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की समस्या है, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इसके लिए मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की आवश्यकता है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कचीदा माता मंदिर के अवैध विस्तार और ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना में देरी की भी ओर इशारा किया गया। इन मुद्दों को हल करने के लिए अधिकारियों से शीघ्र कार्यवाही करने की मांग की गई है।
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होटल और फार्म हाउसों की बढ़ती संख्या
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के ईको सेंसेटिव जोन में होटल और फार्म हाउसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2011 में यह संख्या 38 थी, जो अब बढ़कर 50 से अधिक हो चुकी है। इससे पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो सकता है क्योंकि यह वन्यजीवों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
इस क्षेत्र में अधिक होटल, रेस्टोरेंट और फार्म हाउस बनने से वन्यजीवों के जीवनयापन में विघ्न उत्पन्न हो रहा है।
अवैध खनन की समस्या गंभीर
रणथम्भौर क्षेत्र में अवैध खनन की समस्या भी गंभीर हो चुकी है। राजीव गांधी संग्रहालय, उलियाणा गांव, बसोखुर्द और भूरी पहाड़ी क्षेत्र में पत्थरों का अवैध खनन किया जा रहा है। इस खनन के कारण इंसान और वन्यजीवों का आमना-सामना भी हो चुका है। यह एक बड़ा सुरक्षा खतरा है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
जांच के लिए बनी समिति
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। समिति में सवाईमाधोपुर के कलक्टर, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र के निदेशक और सीईसी सदस्य शामिल हैं। यह समिति क्षेत्र का दौरा करेगी और मंदिर ट्रस्ट तथा अन्य पक्षों से सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से अवैध खनन, निर्माण और अन्य गतिविधियों पर तत्काल कार्रवाई की उम्मीद जताई है।