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रोहित पारीक @ अजमेर
राज्य सरकार अब राजस्थान में वायु प्रदूषण की सटीक जानकारी के लिए 15 शहरों में नए वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र स्थापित करने जा रही है। इस कदम से वायु प्रदूषण की सतत मॉनिटरिंग की जाएगी और प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखी जाएगी। इस योजना के तहत किशनगढ़ को भी शामिल किया गया है, जहां मार्बल और ग्रेनाइट उद्योगों के कारण प्रदूषण की स्थिति अक्सर खराब रहती है।
किशनगढ़ में वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र का महत्व
किशनगढ़ में वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र की स्थापना बेहद जरूरी है। किशनगढ़ देश भर में अपनी मार्बल इंडस्ट्री और ग्रेनाइट प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए प्रसिद्ध है। इन उद्योगों के कारण यहां बड़ी मात्रा में धूलकण (Particulate Matter) वातावरण में फैलते हैं, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने लंबे समय से यहां वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र की मांग की थी। अब, सरकार के इस कदम से किशनगढ़ में किशनगढ़ में वायु प्रदूषण पर सटीक डेटा मिलेगा, जो भविष्य में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस नीतियों के निर्माण में मदद करेगा।
एनसीआर क्षेत्र और अन्य शहरों में शुरू होंगे केन्द्र
राज्य सरकार ने पहले चरण में अलवर, खैरथल, कोटपूतली और डीग में Air Quality Monitoring वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र स्थापित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि ये शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अंतर्गत आते हैं। इसके बाद किशनगढ़ और अन्य प्रमुख शहरों में जांच केन्द्र बनाए जाएंगे। जयपुर में कुल 10 वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र होंगे, जिसमें चार नए केन्द्र बनाए जाएंगे।
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कोटा में सिर्फ एक केन्द्र बनेगा
पहले योजना में कोटा में दो वायु गुणवत्ता केन्द्र बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब वहां केवल एक केन्द्र स्थापित किया जाएगा। जबकि किशनगढ़ के लिए यह फैसला राहत देने वाला है, क्योंकि इससे यहां के प्रदूषण की स्थिति की सही जानकारी मिलेगी और प्रशासन को इस पर कार्य करने का अवसर मिलेगा।
स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का मानना है कि किशनगढ़ में वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र बनने से यहां की हवा की वास्तविक स्थिति सामने आएगी। मार्बल उद्योग द्वारा फैलाए जा रहे धूल प्रदूषण पर नियंत्रण पाना अब संभव होगा, और सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने में सक्षम होंगे।
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