पेपर लीक का खुलासा : स्पेन से मंगवाए गए स्पाई कैमरे से करवाई नकल, एसओजी ने 4 को दबोचा

राजस्थान के जयपुर में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने स्पाई कैमरे से पेपर लीक करने के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि स्पेन से मंगवाए गए कैमरों से नकल कर सरकारी नौकरी हासिल की।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के जयपुर में एक बड़े नकल रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसमें स्पेन से मंगवाए गए स्पाई कैमरों के माध्यम से सरकारी नौकरी की परीक्षा में नकल की गई। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने 4 कनिष्ठ लिपिकों को गिरफ्तार किया, जो नकल के जरिए चयनित हुए थे। 

एसओजी ने बताया कि इस गिरोह का सरगना पोरव कालेर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। अब तक कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस गिरोह ने परीक्षा केंद्रों के अंदर से पेपर लीक करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया।

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स्पाई कैमरों से हुआ पेपर लीक

पोरव कालेर और उसके साथी तुलसाराम कालेर ने स्पेन से विशेष प्रकार के स्पाई कैमरे मंगवाए थे। इन कैमरों का इस्तेमाल परीक्षा के दौरान प्रश्न-पत्र की तस्वीरें लेने के लिए किया गया। जैसे ही परीक्षा का पेपर शुरू हुआ, कैमरे से प्रश्न-पत्र की फोटो ली गई और रियल टाइम में उत्तर पोरव को भेजे गए। पोरव और उसकी टीम ने इन उत्तरों को जांचा और फिर ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल करने वाले अभ्यर्थियों को भेजे।

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कैसे खुला नकल का पूरा कच्चा चिट्ठा?

इस गिरोह का संचालन अत्याधुनिक तकनीक से किया जा रहा था। नकल करवाने के लिए दिनेश, मनोज, रमेश और मनीष से लाखों रुपये लिए गए। पोरव कालेर ने स्पेन से 90 हजार रुपए में 10 स्पाई कैमरे मंगवाए थे। इन कैमरों का इस्तेमाल नकल करवाने के लिए किया गया, जिससे परीक्षा के दौरान सभी उत्तर रियल टाइम में छात्रों तक पहुंचाए गए।

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गिरोह की गहरी साजिश का पर्दाफाश

राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से आयोजित कनिष्ठ न्यायिक सहायक और सहायक लिपिक ग्रेड द्वितीय की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में इस गिरोह का चेहरा सामने आया। ADG विशाल बंसल ने बताया कि ईओ-आरओ परीक्षा में अनुचित साधनों के जरिए नकल करने की जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की गई। जांच में यह सामने आया कि पोरव कालेर और उसके साथी हाई कोर्ट की परीक्षा का पेपर भी लीक कर चुके थे।

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गिरोह के सदस्य कैसे थे शामिल?

एसओजी के अनुसार, गिरोह के सदस्य नकल के दौरान इन स्पाई कैमरों का इस्तेमाल करते थे। प्रश्न-पत्र के आते ही कैमरे से उसकी फोटो ली जाती थी, जो तुरंत पोरव को भेजी जाती थी। पोरव और उसकी टीम द्वारा हल किए गए उत्तर फिर ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से अभ्यर्थियों तक पहुंचाए जाते थे। इस तरह से लाखों रुपए खर्च करके ये लोग सरकारी नौकरी हासिल करते थे।

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मुख्य बिंदु

गिरफ्तारी : 4 कनिष्ठ लिपिकों को गिरफ्तार किया गया।
स्पाई कैमरे : स्पेन से मंगवाए गए 10 स्पाई कैमरे।
नकल के तरीके : प्रश्न-पत्र की फोटो लेकर रियल टाइम में उत्तर भेजे गए।
गिरोह का सरगना : पोरव कालेर पहले ही गिरफ्तार।
साथी गिरोह : तुलसाराम कालेर और अन्य 20 गिरफ्तार।

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