राजस्थान: उजागर हो रही है पुलिस की अपराधियों से सांठगांठ, फिर कैसे होगा अपराधों पर नियंत्रण?

राजस्थान में अपराधियों और पुलिसकर्मियों की सांठगांठ से पुलिस की कार्रवाई में रुकावटें आ रही हैं, जिससे पुलिस अधिकारियों के लिए चुनौती बनी है।

author-image
Gyan Chand Patni
New Update
police and criminal nexus
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राजस्थान के नए पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा ने हाल ही में पदभार संभाला है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका प्राथमिक उद्देश्य राज्य में अपराधों पर नियंत्रण रखना होगा। हालांकि, इसके लिए सबसे बड़ी चुनौती उन पुलिसकर्मियों से निपटना है, जिनकी अपराधियों से सांठगांठ है। जब तक इस समस्या पर काबू नहीं पाया जाता, तब तक अपराधों को नियंत्रित करना कठिन होगा।

जयपुर में पुलिसकर्मियों का क्या था खेल ?

राजधानी जयपुर में, जहां पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन करती है, वहीं कुछ पुलिसकर्मी ही इन अपराधियों से मिलीभगत करने में लिप्त पाए गए हैं। जयपुर कमिश्नरेट पुलिस और पुलिस थानों में गठित की गई सीएसटी (कमिश्नरेट स्पेशल टीम) और डीएसटी (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम) टीमों के कुछ पुलिसकर्मी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और  उन पर आरोप है कि उन्होंने अपराधियों से पैसे के लालच में सांठगांठ की है  ।

पिछले 7 महीनों में, जयपुर में 9 कांस्टेबल पकड़े गए हैं। इनमें से 3 कांस्टेबल पिछले तीन महीनों से फरार हैं। इन कांस्टेबल्स में से 5 सीएसटी, 3 डीएसटी साउथ और 1 डीएसटी ईस्ट का हिस्सा थे।

सड़क हादसों में मौत में राजस्थान का देश में छठा, हादसों में सातवां स्थान

बजरी खनन : राजस्थान में आंखें मूंदे बैठी सरकार, बिना पड़ताल 140 खानों को दे दी मंजूरी

अपराधियों से सांठगांठ 

राजस्थान के अन्य इलाकों में भी पुलिसकर्मियों और अपराधियों के बीच सांठगांठ की खबरें आ रही हैं।

 जोधपुर में, जहां बजरी माफिया से मिलीभगत के मामलों का खुलासा हुआ, दो एएसआई और तीन हेड कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया।

अफीम की तस्करी में शामिल होने के आरोप में 2 कांस्टेबल निलंबित किए गए थे। जोधपुर ग्रामीण पुलिस की जिला विशेष टीम (DST) को भी भंग कर दिया गया था।

राजस्थान में बंद हो सकता है बच्चों का राशन, सरकार की नई पाॅलिसी, जानें पूरा मामला

जानें कौन हैं राजघराने वाली राजस्थान की डिप्टी CM दीया कुमारी

क्या होती हैं सीएसटी और डीएसटी टीमें?


सीएसटी (कमिश्नरेट स्पेशल टीम)

सीएसटी जयपुर पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में काम करती है। यह टीम संगठित अपराधों, जैसे कि डकैती, लूट और अन्य गंभीर अपराधों पर नियंत्रण रखती है। सीएसटी को विशेष रूप से उच्च-प्रोफाइल अपराधियों और संगठित गिरोहों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। यह टीम कमिश्नरेट के भीतर विभिन्न जिलों में काम करती है और अपराधियों को पकड़ने के लिए अन्य पुलिस इकाइयों के साथ समन्वय करती है।

डीएसटी (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम)

डीएसटी का मुख्य उद्देश्य संगठित अपराधों, मादक पदार्थों की तस्करी और माफिया गतिविधियों को रोकना है। हर जिले में एक डीएसटी टीम होती है, जो जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) की देखरेख में काम करती है। डीएसटी टीमों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है और उनके पास संगठित अपराधों से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन होते हैं।

 

FAQ

1. क्या राजस्थान में पुलिसकर्मियों की अपराधियों से सांठगांठ की समस्या बढ़ रही है?
हां, राजस्थान में कई पुलिसकर्मियों द्वारा अपराधियों से सांठगांठ की घटनाएं सामने आई हैं। पिछले कुछ महीनों में जयपुर और जोधपुर में इस तरह के मामले बढ़े हैं, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
2. सीएसटी और डीएसटी की क्या भूमिका है?
सीएसटी और डीएसटी राजस्थान पुलिस की विशेष टीमें हैं जो संगठित अपराधों से निपटने के लिए बनाई गई हैं। सीएसटी जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में कार्य करती है, जबकि डीएसटी राज्य भर में काम करती है।
3. क्या राज्य पुलिस अधिकारियों ने इस स्थिति पर कार्रवाई की है?
हां, पुलिस अधिकारियों ने ऐसे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है। कई कांस्टेबलों को निलंबित किया गया है और कुछ को लाइन हाजिर भी किया गया है। इसके बावजूद, इस समस्या पर पूर्ण नियंत्रण अभी बाकी है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

राजस्थान पुलिस संगठित अपराधों अपराधियों से सांठगांठ पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा सीएसटी और डीएसटी टीम