सावधान! राजस्थान में साइबर ठग सक्रिय, ITR भरने के सीजन में लोगों को बना रहे निशाना, जानें बचने के उपाय

राजस्थान पुलिस ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय होने वाली साइबर फ्रॉड से बचने के लिए चेतावनी जारी की है। जानें कैसे बचें इन धोखाधड़ी से।

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
rajasthan-police-cyber-crime-warning-tax-fraud

Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राजस्थान में साइबर क्रिमिनल्स (Cyber Criminals) इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return - ITR) डालने के सीजन में  टैक्स रिफंड (Tax Refund), पैन-आधार लिंकिंग (PAN-Aadhaar Linking), और प्रोफाइल सत्यापन (Profile Verification) जैसे झांसे देकर आम जनता को निशाना बना रहे हैं। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच (Cyber Crime Branch) ने इस संदर्भ में व्यापक चेतावनी जारी की है ताकि लोग धोखाधड़ी से बच सकें।

यह खबर भी देखें ...

राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की काली करतूत, 5000 में फर्जी डिग्री वैध करने का खेल, जानें पूरा मामला

साइबर ठगी के तरीके

1. फर्जी कॉल और मैसेज

साइबर अपराधी ईमेल, SMS या कॉल के जरिए बताते हैं कि आपका टैक्स रिफंड रुका हुआ है या आपसे गलत ITR भरा गया है। वे आपको लिंक पर क्लिक करने के लिए मजबूर करते हैं जो नकली वेबसाइट पर ले जाता है।

2. फिशिंग वेबसाइट

ये लिंक असली आयकर विभाग (Income Tax Department) की वेबसाइट incometax.gov.in जैसी दिखने वाली नकली साइटों पर ले जाते हैं। यहां पैन (PAN), आधार (Aadhaar), बैंक डिटेल्स (Bank Details), OTP व लॉगिन पासवर्ड जैसी गोपनीय जानकारी मांगी जाती है।

3. मालवेयर युक्त अटैचमेंट

कुछ ईमेल में वायरस युक्त फाइलें (APK/Executable Files) इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ी रसीद के रूप में  होती हैं। इन्हें डाउनलोड करते ही ये कंप्यूटर या फोन को संक्रमित कर देती हैं।

4. सोशल मीडिया स्कैम

WhatsApp और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तत्काल रिफंड का झांसा देकर नकली SMS भेजे जाते हैं, जिनमें फर्जी QR कोड या लोगो का इस्तेमाल किया जाता है।

खुद को साइबर ठगों से कैसे बचाएं

सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें

ITR से जुड़ी सभी सेवाओं के लिए केवल incometax.gov.in वेबसाइट का ही भरोसा करें।

संदिग्ध संदेशों को पहचानें

किसी भी ईमेल या SMS पर भरोसा करने से पहले भेजने वाले के ईमेल/फोन नंबर की बारीकी से जांच करें।

व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें

किसी को भी OTP, PAN नंबर, आधार नंबर, बैंक डिटेल्स जैसी निजी जानकारी न दें।

अनजान लिंक पर क्लिक न करें

संदेहास्पद लिंक से बचें, खासकर ईमेल्स और SMS में मिले लिंक पर।

अज्ञात UPI/QR कोड स्कैन न करें

कोई भी अज्ञात QR कोड या UPI पेमेंट लिंक न स्कैन करें।

 

यह खबर भी देखें ...

राजस्थान जल जीवन मिशन घोटाला : पूर्व मंत्री महेश जोशी की याचिका पर सुनवाई पूरी, जानें हाईकोर्ट ने क्या कहा

साइबर सुरक्षा के लिए टिप्स

  • हमेशा ऑफिशियल पोर्टल और एप्लीकेशन का उपयोग करें।
  • अपने मोबाइल और कंप्यूटर पर एंटी-वायरस अपडेट रखें।
  • नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहें।
  • दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-factor authentication) सक्षम करें।

साइबर ठगी होने पर क्या करें ?

  • तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

  • ऑनलाइन शिकायत साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर  दर्ज करें।

  • नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930 / 9257510100 पर संपर्क करें।

  • बिना देर किए अपनी बैंक व वित्तीय संस्थाओं को सूचित करें।

साइबर ठगी रोकने में राजस्थान पुलिस की भूमिका और सक्रियता

राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच लगातार ऑनलाइन धोखाधड़ी पर नज़र रख रही है। वे जागरूकता अभियानों और त्वरित शिकायत निवारण व्यवस्था के माध्यम से जनता को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है। इस तरह के अलर्ट लगातार जारी किए जाते हैं ताकि कोई भी नागरिक साइबर अपराध का शिकार न बने।

यह खबर भी देखें ...

राजस्थान मानसून : चार जिलों में आज बारिश का येलो अलर्ट, जानें मौसम का पूरा हाल

FAQ

1. साइबर क्रिमिनल्स किस प्रकार से ITR की धोखाधड़ी करते हैं?
साइबर क्रिमिनल्स फर्जी ईमेल, एसएमएस और कॉल के जरिए लोगों को फिशिंग वेबसाइट (Phishing Websites) पर भेजकर उनकी संवेदनशील जानकारी चुराते हैं। इसके अलावा, वे APK फाइल्स (APK Files) भेजकर वायरस भी डाल सकते हैं।
2. साइबर फ्रॉड से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) से ही सेवाएं लें, संदिग्ध लिंक (Suspicious Links) पर क्लिक न करें और अपनी निजी जानकारी (Personal Information) किसी भी अनजान व्यक्ति से साझा न करें।
3. साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने पर क्या करना चाहिए?
अगर आप साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो आपको तुरंत साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (Cyber Crime Reporting Portal) या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए।
4. फिशिंग वेबसाइट क्या होती है?
फिशिंग वेबसाइट एक नकली वेबसाइट होती है, जो आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखती है और वहां से आपकी पैन, आधार, बैंक डिटेल्स जैसी संवेदनशील जानकारी चुराई जाती है।
5. क्या हम सोशल मीडिया पर भी धोखाधड़ी से बच सकते हैं?
हां, सोशल मीडिया पर फर्जी QR कोड (QR Code) और नकली संदेश (Fake Messages) भेजे जाते हैं। इनसे बचने के लिए, हमें किसी भी संदिग्ध संदेश पर क्लिक नहीं करना चाहिए और अपनी जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।

thesootr links

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬

👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

 

 

 

 

साइबर ठगी मामला | साइबर ठगी राजस्थान | राजस्थान में साइबर ठगी | CYBER CRIME IN RAJASTHAN | खुद को साइबर ठगों से कैसे बचाएं | राजस्थान न्यूज राजस्थान पुलिस साइबर क्राइम ब्रांच

राजस्थान न्यूज Rajasthan राजस्थान CYBER CRIME IN RAJASTHAN साइबर ठगी साइबर ठगी मामला साइबर ठगी राजस्थान राजस्थान में साइबर ठगी साइबर ठगी होने पर क्या करें साइबर सुरक्षा के लिए टिप्स खुद को साइबर ठगों से कैसे बचाएं राजस्थान पुलिस साइबर क्राइम ब्रांच