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Photograph: (the sootr)
राजस्थान (Rajasthan) में राजसमंद से भाजपा सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ (MP mahima kumari mewar) ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश की हालत अभी संवेदनशील है। ऐसे में हम सभी को भाईचारे से रहना होगा। मेवाड़ से 36 कौम को भाईचारे का संदेश जाना चाहिए। अभी हंगामा और धरने करने की जरूरत नहीं है।
दरअसल, कुंभलगढ़ दुर्ग में मोहर्रम पर ताजिये के जुलूस को लेकर विवाद हुआ था। एक पक्ष ने दुर्ग में ताजिये ले जाने का विरोध किया था। इस पर दो पक्ष आमने सामने हो गए थे। आज दोनों पक्षों के लोगों ने सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ से मुलाकात की है। दोनों पक्षों से मिलने के बाद महिमा कुमारी मेवाड़ का यह बयान सामने आया है।
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विधायक की सक्रियता से सांसद 'नाराज'
राजसमंद की सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने कहा कि मोहर्रम वाले दिन हुए विवाद पर धरने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि मुझसे मिलने आना चाहिए था। इसमें कोई विवाद ही नहीं होता। चूंकि उस दिन तीन जुलाई को कुम्भलगढ़ से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने हिन्दू पक्ष के धरने पर जाकर लोगों का समर्थन किया था। विधायक ने यहां तक कह दिया था कि अगर इस मामले पर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी, तो राजनीति से संन्यास लेकर धरने पर बैठ जाऊंगा। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
सांसद महिमा कुमारी के बयान से सियासत बढ़ी
सांसद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेवाड़ में 36 कौम को साथ लेकर चलने की परंपरा रही है। किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन की कोई आवश्यकता नहीं थी। ऐसे धरना-प्रदर्शन या आंदोलन से गलत संदेश जाता है। प्रदेश और केंद्र दोनों ही जगह हमारी सरकार है। सांसद महिमा कुमारी ने देवगढ़ विवाद पर कहा कि मेरे पास किसी भी पक्ष से कोई जानकारी या अनुरोध नहीं आया था।
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ऐसे हुआ विवाद
राजसमंद (Rajasamand) के कुंभलगढ़ दुर्ग (Kumbhalgarh Fort) में मोहर्रम का ताजिया निकालने की परमिशन को लेकर विवाद हो गया था। हिंदू संघर्ष समिति ने तीन जुलाई को बाजार बंद रखा और टायर जलाकर प्रदर्शन किया। समिति ने किले में मोहर्रम जुलूस निकालने पर रोक लगाने की मांग की। बाद में कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने एंट्री मारी और फिर मामला बढ़ गया।
तब विधायक राठौड़ ने प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठन के पदाधिकारी को यह आश्वासन दिलाया कि प्रशासन उनके लिए सकारात्मक रिपोर्ट बनाकर भेजेगा। उन्होंने दो टूक शब्दों में यह भी कह दिया कि अगर रिपोर्ट को नेगेटिव बनाया गया, तो वह अधिकारी राजसमंद में नहीं टिकेगा। राजसमंद के कुंभलगढ़ में पिछले तीन दिन से मुहर्रम (ताजिये) को लेकर चल रहे विवाद पर पांच जुलाई को दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई।
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