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Photograph: (the sootr)
Jhunjhunu. राजस्थान के झुंझुनूं जिले में फर्जीवाड़े का ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति 32 साल तक फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी करता रहा। यह मामला राजस्थान रोडवेज से जुड़ा है, जहां सौंथली गांव के रहने वाले सतवीर सिंह ने 8वीं क्लास का फर्जी ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) लगाकर ड्राइवर की नौकरी प्राप्त की थी।
1993 में फर्जी टीसी का इस्तेमाल
सतवीर ने वर्ष 1993 में राजस्थान रोडवेज में ड्राइवर के रूप में नौकरी प्राप्त की थी। इसके लिए उसने 8वीं क्लास का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया, लेकिन जब स्कूल रिकॉर्ड की जांच की गई, तो सामने आया कि जिस स्कूल से उसने टीसी ली थी, उस स्कूल में उसका नाम कभी नहीं था। सत्यापन के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि जिस नंबर पर टीसी जारी की गई थी, उस पर दूसरे छात्र का नाम दर्ज था।
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शिकायत के बाद मामला उजागर
यह मामला तब सामने आया, जब किसी व्यक्ति ने इसकी शिकायत की। इसके बाद रोडवेज के मुख्य प्रबंधक ने 23 जनवरी, 2023 को मामले की जांच का आदेश दिया। एक रिटायर्ड आरएएस अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। हालांकि आरोपी ने जांच में भाग लेने से मना कर दिया और नोटिस प्राप्त करने से भी इनकार कर दिया।
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कोर्ट में हारने के बाद बढ़ी मुश्किलें
सतवीर ने इस मामले को रोकने के लिए राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि जांच प्रक्रिया जारी रहेगी और आरोपी को अपनी बात रखने का कोई अवसर नहीं दिया जाएगा। इसके बाद मामले की जांच तेज कर दी गई।
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बर्खास्तगी और FIR दर्ज
जांच के बाद 29 सितंबर को सतवीर को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। यह निर्णय लिया गया कि उसकी नियुक्ति को शुरू से ही शून्य माना जाएगा। इसके बाद 14 अक्टूबर को जयपुर विधायकपुरी थाने में रिपोर्ट भेजी गई और एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की गई। रिपोर्ट में यह कहा गया कि सतवीर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी वेतन का अनुचित लाभ उठाया।
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32 साल का फर्जी कॅरियर खत्म
अब 32 साल तक सरकारी नौकरी का फायदा उठाने वाले सतवीर की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और रोडवेज विभाग अन्य कर्मचारियों के दस्तावेजों की पुनः जांच करने की योजना बना रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।