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राजस्थान के 185 नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया लंबे समय से लटकी हुई है। इस संबंध में वाल्मीकि समाज और संयुक्त सफाई श्रमिक संघ ने राज्य सरकार से जल्द कदम उठाने की मांग की है। पिछले सालों में जारी किए गए भर्ती विज्ञापन दो बार निरस्त हो चुके हैं, जिससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। राजस्थान सफाई कर्मचारी भर्ती का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा।
विज्ञापन निरस्त होने के कारण
स्वायत्त शासन विभाग ने 2023 और 2024 में दो बार सफाई कर्मचारियों के लिए भर्ती विज्ञप्ति जारी की थी। इस भर्ती में करीब 24,797 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। लेकिन, विभाग ने इस बार निजी संस्थानों जैसे होटल, मॉल और कॉलेजों में काम करने का अनुभव मान्य किया, जिस पर सफाई श्रमिक संघ ने विरोध जताया था।
संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया का कहना है कि सीवर और पारंपरिक सफाई का असली कार्य हमेशा वाल्मीकि समाज द्वारा किया गया है और ऐसे में उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
इस आपत्ति के बाद विभाग और संघ के बीच समझौता हुआ और अगस्त 2024 में भर्ती विज्ञापन को निरस्त कर दिया गया। इसके बाद, 28 सितंबर 2024 को नया विज्ञापन जारी किया गया, जिसमें 23,820 पदों पर आवेदन मांगे गए, लेकिन नए नियमों के कारण संविदा पर कार्यरत सफाईकर्मियों को आवेदन करने का मौका नहीं मिला। राजस्थान में सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया अटकी।
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सफाई श्रमिक संघ ने फिर जताई आपत्ति
राजस्थान में सफाई कर्मचारी भर्ती का विज्ञापन दो बार हो चुका है निरस्त। नए विज्ञापन में अनुभव प्रमाण पत्र के लिए पीएफ और ईएसआई आधारित नियम लागू किए गए थे, जिससे संविदा पर काम कर रहे सफाईकर्मी आवेदन नहीं कर पाए।
इस पर भी सफाई श्रमिक संघ ने आपत्ति जताई और 4 दिसंबर 2024 को यह विज्ञापन भी निरस्त कर दिया गया। इस प्रक्रिया में पारंपरिक सफाई कार्य करने वाले समाज के हितों की अनदेखी की गई।
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सफाई कर्मचारियों के लिए 30,000 पदों का वादा
संयुक्त वाल्मीकि और सफाई श्रमिक संघ ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2024 में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सफाई कर्मचारियों के पदों की संख्या बढ़ाकर 30,000 करने और अनुभव प्रमाण पत्र के पीएफ-ईएसआई नियम को हटाने का वादा किया था। हालांकि, इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में संघ ने मंत्री का दरवाजा खटखटाया और उनसे जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।
यूडीएच मंत्री का आश्वासन
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सफाई कर्मचारियों के पदों को जल्दी भरने का आश्वासन दिया और कहा कि पारंपरिक सफाई कार्य करने वाले समाज और संविदा पर काम कर रहे अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि सफाईकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाएगा।
सफाई श्रमिक संघ की प्रमुख मांगें
संघ ने सफाईकर्मियों की भर्ती के लिए कुछ प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- वाल्मीकि और हैला समाज को प्राथमिकता: सफाईकर्मियों की भर्ती में वाल्मीकि (Valmiki) और हैला (Hela) समाज जैसे परंपरागत सफाई कार्य करने वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाए।
- प्रैक्टिकल अनुभव: सफाईकर्मियों को 1 वर्ष का प्रैक्टिकल कराकर उनके अनुभव के आधार पर भर्ती की जाए।
- मस्टर रोल के आधार पर भर्ती: भर्ती प्रक्रिया मस्टर रोल (Muster Roll) के आधार पर की जाए।
- संविदा के आधार पर नियुक्ति: 2025 में रिक्त पदों के तीन गुना पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्ति की जाए।
- ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया: आवेदन प्रक्रिया को ऑफलाइन रखा जाए, ताकि वास्तविक सफाईकर्मी आवेदन कर सकें।
- न्यायालय में लंबित मामले: न्यायालय में लंबित प्रकरणों और समझौतों के आधार पर प्रभावित अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाए।
- अनुभव प्रमाण पत्र की वरीयता: अनुभव प्रमाण पत्र की वरीयता नगरीय निकायों से जारी प्रमाण पत्रों को दी जाए।