पुलिस का एससी-एसटी पर अत्याचार में कमी का दावा, 2 सालों में मामलों में 28.23% की गिरावट

राजस्थान में पुलिस का दावा है कि एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में पिछले सालों के मुकाबले कमी आई है। यह सख्त कार्रवाई और त्वरित जांच से संभव हो पाया है। इसके चलते अपराधों में गिरावट आई है और अपराधियों को कड़ी सजा देने का भी प्रयास किया गया है।

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Mukesh Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान पुलिस द्वारा किए गए कठोर और संवेदनशील उपायों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। राज्य में एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में पिछले दो वर्षों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। डीजीपी राजीव शर्मा के अनुसार, पुलिस ने समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर विशेष ध्यान दिया है और नए आपराधिक कानूनों को सख्ती से लागू किया है। इसके चलते अपराधों में गिरावट आई है और अपराधियों को कड़ी सजा देने का भी प्रयास किया गया है।

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आंकड़ों में गिरावट का कारण

आंकड़ों के अनुसार, नवंबर, 2023 और नवंबर, 2025 के बीच एससी-एसटी अत्याचार मामलों में 28.23% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं नवंबर, 2024 की तुलना में नवंबर, 2025 में 17% की कमी आई है। यह गिरावट पुलिस के त्वरित और संवेदनशील जांच कार्यों का परिणाम है। डीजीपी शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों के तहत पुलिस ने प्रभावी कदम उठाए हैं, जिनसे कमजोर वर्गों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया है।

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पुलिस ने उठाए सुधारात्मक कदम

शर्मा के अनुसार, राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत पुलिस ने एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में सुधारात्मक कदम उठाए हैं। आंकड़ों के अनुसार, नवंबर, 2023 में 10,273 मामलों की तुलना में नवंबर, 2025 में केवल 7,373 मामले दर्ज हुए, जो कि 28.23% की कमी को दर्शाता है। वहीं 2024 के मुकाबले भी 17% गिरावट आई है। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई और संवेदनशीलता ने इस गिरावट में महत्वपूर्ण योगदान किया है।

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जांच की गति में वृद्धि

राजस्थान पुलिस ने जांच प्रक्रिया को त्वरित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत त्वरित एफआईआर पंजीकरण की नीति को अपनाया गया, जिससे शिकायतकर्ताओं का विश्वास बढ़ा है और जांच की गति तेज हुई है। 2023 में जांच का औसत समय 124 दिन था, जो 2024 में घटकर 109 दिन और 2025 में केवल 75 दिन रह गया है।

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60 दिन में मामलों का निस्तारण

राजस्थान पुलिस ने एससी-एसटी अत्याचार के मामलों के निस्तारण के लिए 60 दिन का लक्ष्य निर्धारित किया है। गंभीर अपराधों जैसे हत्या, बलात्कार, अपहरण, और एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में त्वरित अनुसंधान किया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इस प्रक्रिया से पीड़ितों को जल्दी न्याय मिलने में मदद मिल रही है।

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पुलिस के कड़े कदमों का असर

राजस्थान पुलिस ने एससी-एसटी अत्याचारों पर नियंत्रण पाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। इन कदमों में त्वरित एफआईआर पंजीकरण, संवेदनशीलता के साथ जांच और सख्त कानूनी कार्रवाई शामिल हैं। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों की जांच प्रभावी और त्वरित तरीके से की जाए। इसके परिणामस्वरूप, एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है।

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प्रमुख आंकड़े

28.23% गिरावट : नवंबर, 2023 से नवंबर, 2025 तक एससी-एसटी अत्याचार मामलों में 28.23% की कमी।
17% कमी : नवंबर, 2024 से नवंबर, 2025 तक कुल मामलों में 17% गिरावट।
7,373 मामले : वर्ष 2025 में एससी-एसटी अत्याचार के कुल 7,373 मामले दर्ज हुए।
75 दिन में जांच : 2025 में मामलों की जांच का औसत समय घटकर 75 दिन रह गया।

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