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राजस्थान पुलिस एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। राजस्थान सरकार ने फैसला लिया है कि अब एक हजार नए जवानों को मध्य प्रदेश में ट्रेनिंग दी जाएगी। दरअसल, राजस्थान के अपने ट्रेनिंग सेंटरों में भर्ती इतनी ज्यादा हो गई है कि अब जवानों को ट्रेनिंग देने के लिए जगह नहीं मिल रही है। इसलिए उन्हें अब MP भेजा जा रहा है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच इस बारे में बातचीत पूरी हो चुकी है। यह जानकारी प्रशिक्षण एडीजी राजाबाबू सिंह ने दी है। जवानों को ग्वालियर के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर तिघरा में ट्रेनिंग मिलेगी, जो 9 महीने तक चलेगी। फरवरी 2026 से जवानों को यहां ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें उन्हें पुलिसिंग के कई महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में सिखाया जाएगा।
राजस्थान पुलिस के लिए आधुनिक अवसर
इस ट्रेनिंग बुनियादी पुलिसिंग के गुण सिखाए जाएंगे। साथ ही मॉडर्न तकनीक की भी जानकारी दी जाएगी। साइबर सुरक्षा की बारीकियां भी सिखाई जाएंगी। इसके लिए पुलिस जवानों को फिजिकल फिटनेस पर पूरा ध्यान होगा।
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नए आपराधिक कानून भी पढ़ाए जाएंगे। MP Police ने हाल ही में कुछ नए कोर्स जोड़े हैं। साइबर सुरक्षा के दो नए कोर्स शामिल हैं। इसका सीधा फायदा राजस्थान के एक हजार पुलिस जवान को मिलेगा। राजस्थान पुलिस जवान के लिए यह एक बेहतरीन मौका है। अब पुलिस जवान एकदम आधुनिक पुलिसिंग सीखेंगे।
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राजस्थान सरकार खर्च करेगी 11.50 करोड़ रुपए
यह ट्रेनिंग राजस्थान सरकार के लिए जरूरी है। हर जवान की ट्रेनिंग पर करीब सवा लाख रुपए का खर्च आएगा। यानी कुल 11.50 करोड़ रुपए का खर्च होगा। यह सारा खर्च राजस्थान सरकार उठाएगी। राजस्थान सरकार इस ट्रेनिंग के लिए एमपी सरकार को भुगतान करेगी।
यह कदम दोनों राज्यों के लिए अच्छा है। यह दिखाता है कि दोनों राज्यों में कितना सहयोग है। MP के ट्रेनिंग सेंटर की क्षमता अच्छी है। इसलिए, एक हजार जवानों को आसानी से ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
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पुलिस विभाग के लिए यह कदम जरूरी है। ट्रेनिंग से जवान एकदम तैयार होकर निकलेंगे। वे अपने काम में और भी निपुण बनेंगे। नए साइबर कोर्स से क्राइम से लड़ने में मदद मिलेगी। जवान आने वाले समय के लिए तैयार होंगे। यह ट्रेनिंग उनके करियर के लिए नींव बनेगी।
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