शारीरिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाने में गफलत, एक खेल वाले को दूसरे में लगाया, एकसाथ 500 किमी दूरी का जिम्मा

राजस्थान के राज्यस्तरीय स्कूल टूर्नामेंट में शारीरिक शिक्षकों की ड्यूटी में विवाद। शाला दर्पण मॉड्यूल की तकनीकी खामियों के कारण योग्य प्रशिक्षकों को दरकिनार किया गया।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (TheSootr)

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राजस्थान के राज्यस्तरीय स्कूल टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा जारी की गई सूची पर विवाद खड़ा हो गया है। इस सूची में कई शारीरिक शिक्षकों को ड्यूटी पर लगाया गया है, लेकिन इस प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। खेल के विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों के नाम इस सूची में गायब हैं, जबकि कुछ कम अनुभवी शारीरिक शिक्षकों को प्राथमिकता दी गई है। इसके साथ ही शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि शाला दर्पण मॉड्यूल की तकनीकी खामियों के कारण योग्य और अनुभवी प्रशिक्षकों को नजरअंदाज किया गया है। वहीं, बॉस्केटबॉल, सॉफ्टबाल, हॉकी खेल के शारीरिक शिक्षकों को हैंडबॉल का जिम्मा दे दिया।

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टूर्नामेंट में शारीरिक शिक्षकों की ड्यूटी और विवाद

राज्यस्तरीय स्कूल टूर्नामेंट के लिए शारीरिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाने में जो प्रणाली अपनाई गई है, उसमें कई समस्याएं सामने आई हैं। शारीरिक शिक्षकों के लिए विभिन्न खेलों में ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन इसमें अनेक गड़बड़ियां पाई गईं। उदाहरण के लिए, एक ही तारीख में एक शारीरिक शिक्षक को दो अलग-अलग खेलों की जिम्मेदारी दे दी गई थी, जैसे कि बॉस्केटबॉल, सॉफ्टबाल और हॉकी के प्रशिक्षकों को हैंडबॉल का जिम्मा सौंप दिया गया।

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर के निदेशक, IAS सीताराम जाट ने इस बारे में बयान देते हुए कहा कि यह पहली बार इस प्रकार का प्रयोग किया गया है। अगर इस प्रक्रिया में कोई खामी या समस्या सामने आती है, तो वह उसे तुरंत सुधारने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मामले की पूरी तरह से जांच की जा रही है और जो भी कमियां हैं, उन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा।

शाला दर्पण मॉड्यूल की खामियां

विभाग का कहना था कि शाला दर्पण पोर्टल मॉड्यूल से वरीयता के आधार पर ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन इस ऑनलाइन सिस्टम की तकनीकी खामियों के कारण कई अनुभवी प्रशिक्षकों के नाम इस लिस्ट से बाहर हो गए हैं। जो शारीरिक शिक्षक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार और मेडल जीत चुके हैं, उनके नाम तक इस लिस्ट में नहीं थे। इसके परिणामस्वरूप, उन प्रशिक्षकों को नजरअंदाज किया गया, जिन्होंने राज्य को खेल में कई पदक दिलवाए हैं।

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खिलाड़ियों के नाम गायब: अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता भी छूटे

राज्यस्तरीय टूर्नामेंट में जिन नामों की सबसे ज्यादा अनदेखी की गई है, उनमें कई अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता, राष्ट्रीय खिलाड़ी और अनुभवी प्रशिक्षक शामिल हैं। जैसे कि नवीन शर्मा, जो 25 वर्षों से चयन समिति के सदस्य हैं और राष्ट्रीय प्रशिक्षक के तौर पर कार्य कर चुके हैं, उनका नाम इस सूची से गायब था। इसके अलावा, सुमन शर्मा, जो राज्य टीम की प्रशिक्षक हैं, सपना अवस्थी (अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता), पूजा राठौर (राष्ट्रीय खिलाड़ी) और तरुण व मानवेंद्र सिंह जैसे दिग्गज प्रशिक्षकों का नाम भी इस सूची से बाहर था।

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एक ही बार में 500 किमी दूर तक लगाई ड्यूटी

इस सूची में जिन शारीरिक शिक्षकों को ड्यूटी पर नियुक्त किया गया, उनकी यात्रा दूरी भी अत्यधिक  ​है। उदाहरण के लिए, 29 सितंबर से 5 अक्टूबर तक होने वाले हैंडबॉल टूर्नामेंट के आयोजन में पीटीआई सरोज बाला को संयोजक नियुक्त किया गया है। जबकि दूसरी ओर, बास्केटबॉल (19 वर्ष छात्रा वर्ग) प्रतियोगिता के लिए श्रीगंगानगर के मयूर स्कूल में भी संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीकर और गंगानगर की दूरी 283 किलोमीटर है, जो एक पीटीआई के लिए बेहद लंबी यात्रा हो सकती है। इसी तरह, शारीरिक शिक्षक अभिषेक जैतावत को बास्केटबॉल (19 वर्ष छात्र) की प्रतियोगिता के लिए बाड़मेर में सदस्य नियुक्त किया गया था, और उन्हें हैंडबॉल (19 वर्ष छात्र वर्ग) के लिए चित्तौड़गढ़ में भी सदस्य बना दिया गया। बाड़मेर और चित्तौड़गढ़ की दूरी 548 किलोमीटर है, जो यात्रा की दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण है।

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FAQ

1. शारीरिक शिक्षकों की ड्यूटी में क्या समस्याएं सामने आईं?
शारीरिक शिक्षकों की ड्यूटी में कई समस्याएं थीं, जैसे कि एक ही तारीख में एक शिक्षक को दो अलग-अलग खेलों की जिम्मेदारी दे दी गई, और अनुभवी प्रशिक्षकों के नाम इस सूची में गायब थे।
2. शाला दर्पण मॉड्यूल में क्या खामी है?
शाला दर्पण मॉड्यूल में तकनीकी खामियों के कारण कई योग्य और अनुभवी प्रशिक्षकों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए, और इसका सही तरीके से मूल्यांकन नहीं किया गया।
3. क्या लंबी दूरी की यात्रा शारीरिक शिक्षकों के लिए समस्या है?
हां, लंबी दूरी की यात्रा शारीरिक शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौती है, जैसे कि बाड़मेर और चित्तौड़गढ़ के बीच 548 किलोमीटर की दूरी तय करनी है।
4. निदेशक सीताराम जाट ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
सीताराम जाट ने कहा कि यह पहला एक्सपेरिमेंट था, और अगर कोई खामी है तो उसे तुरंत सुधारने की कोशिश की जाएगी।



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