RAJSTHAN. राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव पर पाबंदी का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। यूनिवर्सिटी में एमए समाजशास्त्र के छात्र जयराव ने याचिका दायर कर छात्रसंघ चुनाव पर पाबंदी हटाने और चुनाव करवाने के आदेश देने की गुहार की है। इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
प्रत्येक छात्र को प्रतिनिधि चुनने का हक
याचिका में कहा है कि यूनिवर्सिटी के प्रत्येक छात्र को अपना प्रतिनिधि चुनने का संविधानिक अधिकार है। छात्र अपने प्रतिनिधि के माध्यम से ही छात्रों की समस्याएं युनिवर्सिटी प्रशासन और सरकार तक पहुंचाते हैं। सुप्रीम कोर्ट भी केरल युनिवर्सिटी के मामले में इसे मूलभूत अधिकार मान चुका है। इस मूलभूत अधिकार को किसी कानून या कोर्ट आदेश से ना छीना जा सकता है और ना ही पाबंदी लगाई जा सकती है।
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हर साल छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए
याचिका के अनुसार लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत हर साल सत्र शुरू होने के छह से आठ सप्ताह के भीतर छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए। यूनिवर्सिटी ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के आधार पर एक कोड ऑफ कंडक्ट बना रखा है। यदि उसकी अवहेलना होती है तो नियमानुसार कार्यवाही का प्रावधान भी किया गया है। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से ही कमेटी की सिफारिशों को नहीं माना जा रहा।
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2023 में हो चुकी है याचिका
छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए एक जनहित याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने 2023 में खारिज करते हुए मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था। छात्र संघ चुनावों पर पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने रोक लगा दी थी।
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