रणथम्भौर में शिकारियों से बाघों को बचाने के लिए डॉग स्क्वॉयड की शुरुआत, ‘लकी’ तैनात

रणथम्भौर बाघ परियोजना में शिकार की रोकथाम के लिए डॉग स्क्वॉयड की शुरुआत, पहला कुत्ता ‘लकी’ तैनात। अब वह रणथम्भौर में बाघों को शिकारियों से बचाएगा।

author-image
Gyan Chand Patni
New Update
tider sicurity
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में स्थित रणथम्भौर बाघ परियोजना (Ranthambore Tiger Project) में बाघों और अन्य वन्यजीवों (Wildlife) की सुरक्षा के लिए पहली बार डॉग स्क्वॉयड का सहारा लिया जा रहा है। वन विभाग (Forest Department) ने इस कदम को शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण रणनीति माना है।

‘लकी’ नामक कुत्ते की तैनाती

इस डॉग स्क्वॉयड का पहला कुत्ता "लकी" नाम से तैनात किया गया है। "लकी" को हाल ही में पंचकुला (Panchkula) स्थित ITBP यूनिट से सात माह की प्रशिक्षण अवधि पूरी कर के रणथम्भौर भेजा गया है। आगामी समय में एक और कुत्ते की तैनाती की योजना है।

क्या हैं लकी की विशेषताएं

प्रशिक्षण: सात माह का प्रशिक्षण

कार्य: बाघ और अन्य वन्यजीवों की हड्डियां और खाल सूंघने की क्षमता

उद्देश्य: शिकारियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाना

शिकारियों पर कड़ी नजर

रणथम्भौर और आसपास के क्षेत्रों में शिकार की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश (MP) में तीन बाघों के अवशेष बरामद हुए थे, और रणथम्भौर से कुछ बाघ भी गायब हो गए थे। इन घटनाओं के मद्देनज़र वन विभाग ने डॉग स्क्वॉयड का गठन किया है, जो शिकार और अन्य अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद करेगा। रणथम्भौर में वन्यजीव सुरक्षा को लेकर सक्रियता जरूरी है।

राजस्थान में बच्चियों से बढ़ते गैंग रेप के मामले, 6 माह में 200 से अधिक केस आए सामने

राजस्थान मौसम अपडेट: 13 अगस्त से बारिश की संभावना, अब तक राज्य में हो चुकी है सामान्य से 64 फीसदी अधिक बारिश

पंचकुला में प्रशिक्षण

रणथम्भौर में तैनात किए गए कुत्तों को पंचकुला के ITBP बेस में विशेषज्ञों द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इन कुत्तों को बाघ और पैंथर सहित अन्य वन्यजीवों की हड्डियों और खाल को सूंघकर पहचानने की क्षमता प्राप्त है।

राजस्थान हाई कोर्ट लापता बच्चियों के मामले में पुलिस की नाकामी पर सख्त, कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

RGHS में पेंशनर्स के लिए OPD की निर्धारित सीमा में होगी वृद्धि, चिकित्सा विभाग को दिए अधिकार

प्रशिक्षण की खास बातें  

स्थान: पंचकुला, हरियाणा

प्रशिक्षण अवधि: 7 महीने

विशेषज्ञता: वन्यजीवों के अवशेष सूंघकर पहचानना

रणथम्भौर बनेगा पहला टाइगर रिजर्व  

भारत के अन्य प्रमुख टाइगर रिजर्व जैसे काजीरंगा (Kaziranga), परियार (Periyar) और जिम कॉर्बेट (Jim Corbett) में पहले से ही डॉग स्क्वॉयड की व्यवस्था है। अब रणथम्भौर (Ranthambore) में भी ऐसी व्यवस्था होगी। यह प्रदेश का ऐसा पहला टाइगर रिजर्व  होगा जहां डॉग स्क्वॉयड होगा ।

FAQ

1. रणथम्भौर में डॉग स्क्वॉयड की शुरुआत कब हुई?
रणथम्भौर में डॉग स्क्वॉयड की शुरुआत हाल ही वन विभाग द्वारा की गई है और पहला कुत्ता "लकी" तैनात किया गया है।
2. डॉग स्क्वॉयड का मुख्य उद्देश्य क्या है?
डॉग स्क्वॉयड का उद्देश्य शिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखना और बाघों को बचाना है। साथ ही शिकार से जुड़े साक्ष्य जुटाना है।
3. डॉग स्क्वॉयड के लिए कुत्तों को कहां प्रशिक्षित किया गया?
 कुत्तों को हरियाणा के पंचकुला की आईटीबीपी यूनिट में सात महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

thesootr links

द सूत्र कीt खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

Rajasthan राजस्थान टाइगर रणथम्भौर बाघ परियोजना डॉग स्क्वॉयड रणथम्भौर में वन्यजीव सुरक्षा