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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) एडहॉक कमेटी के संयोजक दीनदयाल कुमावत के खिलाफ राजस्थान राज्य खेल परिषद ने जांच के आदेश जारी किए हैं। यह जांच कुमावत पर आरोपों के बाद शुरू की गई है। काउंसिल के एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी डॉ. नीरज कुमार पवन ने इस आदेश को जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कमेटी के कुछ सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
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आदेश का विवरण
आदेश में स्पष्ट किया गया कि RCA (Rajasthan Cricket Association) के संयोजक पर लगाए गए सभी आरोपों की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट को सात दिन में राज्य खेल परिषद को सौंपना होगा। कुमावत पर खिलाड़ियों के चयन, होटल बुकिंग, किट बैग खरीद और खर्चों में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
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शिकायत पत्र में क्या आरोप थे?
22 अक्टूबर को आरसीए कमेटी के कुछ सदस्यों ने स्पोर्ट्स काउंसिल को एक साइन किया हुआ शिकायत पत्र सौंपा। शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया कि कुमावत ने कमेटी का कामकाज मनमाने ढंग से चलाया। इसके अलावा, आरोप था कि उन्होंने कमेटी में तानाशाही रवैया अपनाया और कई महत्वपूर्ण फैसले एकतरफा लिए। कुमावत पर आरोप था कि उन्होंने होटल बुकिंग, किट बैग खरीदने और अन्य खर्चों में गड़बड़ी की थी।
मतभेदों के कारण उठे विवाद
राजस्थान सरकार ने RCA के कामकाज और एग्जीक्यूटिव कमेटी के चुनाव कराने के लिए 26 जून, 2025 को एक एडहॉक कमेटी बनाई थी। कमेटी का कार्यकाल तीन महीने तय किया गया था, लेकिन इस दौरान कई फैसलों को लेकर सदस्यों के बीच मतभेद हो गए। यह विवाद अब शिकायत का कारण बना और स्पोर्ट्स काउंसिल ने इसे गंभीरता से लिया।
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स्पोर्ट्स काउंसिल का कदम
स्पोर्ट्स काउंसिल ने इस शिकायत को गंभीर मानते हुए एक जांच कमेटी बनाई है। काउंसिल के सचिव सुनील भाटी को इस जांच कमेटी का सदस्य बनाया गया है। कमेटी अब इस मामले की गहनता से जांच करेगी और सात दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।
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आगे की प्रक्रिया
जांच के बाद यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो कुमावत और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। स्पोर्ट्स काउंसिल ने कुमावत से जुड़े सभी मामलों में पारदर्शिता बरतने का आदेश दिया है और उम्मीद जताई है कि जांच निष्पक्ष और प्रभावी होगी।
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महत्वपूर्ण जानकारी
आरोप : होटल बुकिंग, किट बैग खरीदने और खर्चों में गड़बड़ी
जांच समिति : स्पोर्ट्स काउंसिल द्वारा गठित कमेटी
मुख्य आरोप : तानाशाही रवैया और मनमाने निर्णय
समय-सीमा : जांच रिपोर्ट 7 दिनों में प्रस्तुत की जाएगी
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