पायलट बोले-मैं मुख्यमंत्री बनूंगा या नहीं, इसका जवाब जनता के पास... मुझे युवा नेता कहना सही नहीं

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने अपनी उम्र को लेकर बयान दिया कि अब मैं 48 साल का हूं। विशुद्ध रूप से युवा नहीं रहा। उन्होंने सीएम बनने के सवाल के साथ कांग्रेस में युवा नेतृत्व के मौके पर भी खुलकर चर्चा की।

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Amit Baijnath Garg
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Jaipur. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट को लेकर प्रदेश की राजनीति में अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या वह कभी राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे? 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग जोर-शोर से उठी थी।

पार्टी आलाकमान ने हालांकि दिग्गज नेता अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया और पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया। इस पर एक कार्यक्रम में पायलट से एक बार फिर उनके मुख्यमंत्री बनने को लेकर सवाल किया गया।

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पायलट का मुख्यमंत्री बनने पर जवाब

कार्यक्रम में जब यह सवाल किया गया कि पायलट को सीएम इन वेटिंग कहा जाता है, तो क्या वह कभी मुख्यमंत्री बनेंगे? इस सवाल पर पायलट ने जवाब देते हुए कहा कि इसका जवाब जनता के पास है, न आपके पास है, ना मेरे पास है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस दौरान कहा कि पायलट को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।

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कांग्रेस में युवा पीढ़ी को कमान

कांग्रेस में नई पीढ़ी को मौका मिलने की बात पर दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से युवा नेतृत्व को बढ़ावा देती रही है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने मुझे 38 साल की उम्र में मध्य प्रदेश जैसे राज्य में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी, जबकि पायलट को 33 साल की उम्र में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था।

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पायलट ने अवसर की बात स्वीकार

पायलट ने भी दिग्विजय की बात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें भी कई अवसर मिले हैं, जैसे 26 साल की उम्र में सोनिया गांधी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया और वह सांसद बने। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और अब पार्टी महासचिव के रूप में कार्य किया।

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उम्र और युवा नेतृत्व पर बयान

पायलट ने कहा कि अब मुझे युवा नेता कहना उचित नहीं है, मेरी उम्र अब 48 साल है, और मैं युवा श्रेणी में नहीं आता। हालांकि दिग्विजय सिंह ने उनके इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पायलट तुलनात्मक रूप से युवा नेता हैं।

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उम्र के खांचे में नेताओं को बांटने पर असहमति

पायलट ने नेताओं को उम्र के आधार पर बांटे जाने पर असहमति जताते हुए कहा कि पार्टी हर किसी को मौका देती है, लेकिन बुजुर्गों और युवाओं में दरार पैदा करने की कोशिश की जाती है। देश को दोनों की जरूरत है। हमारी पार्टी में इस संबंध में कोई भेदभाव नहीं है। जब तक व्यक्ति काम कर रहा है और सक्रिय है, उसे काम करना चाहिए।

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मुख्य बिंदु

  • सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने का जवाब जनता के पास है, न मेरे पास और ना ही आपके पास है।
  • दिग्विजय सिंह ने कहा कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनना चाहिए और उन्होंने पार्टी में युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने की बात की।
  • सचिन पायलट ने कहा कि अब वह 48 साल के हो चुके हैं और अब उन्हें युवा नेता कहना उचित नहीं है।
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