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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान की राजधानी जयपुर में राज्य की कला और संस्कृति से जुड़े गंभीर मुद्दों को लेकर कलाकारों की अभूतपूर्व एकजुटता देखने को मिली। विभिन्न विधाओं से जुड़े कलाकारों ने सोमवार को रविंद्र मंच पर एकत्रित होकर राज्य की प्रमुख सांस्कृतिक संस्थाओं की हालत, प्रशासनिक लापरवाही और अनियमितताओं के खिलाफ गंभीर चर्चा की। इस दौरान रविंद्र मंच की जर्जर हालत और अन्य संस्थाओं के संघर्षों पर चिंताएं व्यक्त की गईं।
जर्जर हालत और नवीनीकरण पर सवाल
कलाकारों ने कहा कि रविंद्र मंच की स्थिति अत्यंत जर्जर और चिंताजनक है। गौरतलब है कि पिछली बार मंच के नवीनीकरण पर लगभग 20 से 22 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन इतने कम समय में यह भवन फिर से जर्जर हो गया है। इसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कलाकारों ने इस नवीनीकरण कार्य की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की।
सांस्कृतिक संस्थाओं का संकट
कलाकारों ने कहा कि रविंद्र मंच, जवाहर कला केंद्र, संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी सहित अन्य सांस्कृतिक संस्थाएं गंभीर संकट से जूझ रही हैं। इन संस्थाओं को अपर्याप्त बजट, कर्मचारियों की भारी कमी और प्रशासनिक अनियमितताएं जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के कारण कला गतिविधियों और कलाकारों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
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संस्थाओं के लिए आवश्यक कदम
रविंद्र मंच पर विचार-विमर्श के बाद सभी कलाकार जवाहर कला केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने प्रमुख शासन सचिव (कला और संस्कृति), महानिदेशक जवाहर कला केंद्र और अध्यक्ष रविंद्र मंच को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा। इस दौरान नरेंद्र अरोड़ा, माधव सिंह, अशोक अत्रेय, वासुदेव भट्ट, डॉ. अलका राव, राजेंद्र शर्मा राजू, अमित शर्मा, शकूर खान, श्याम रेड्डी, कुमार राजीव, जफर खान और दिलीप भट्ट मौजूद थे।
कलाकारों की प्रमुख मांगें
कलाकारों ने कहा कि रविंद्र मंच का तत्काल, गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित नवीनीकरण हो। नया बजट तुरंत पारित किया जाए। पूर्व में हुए नवीनीकरण कार्य की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए। जवाहर कला केंद्र, रविंद्र मंच और सभी सांस्कृतिक अकादमियों में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती हो। जवाहर कला केंद्र में क्यूरेटर पद पर नियुक्ति और संबंधित शैक्षिक डिग्रियों की जांच हो। जवाहर कला केंद्र की गवर्निंग काउंसिल का तत्काल गठन हो।
पारदर्शिता और सुरक्षा की आवश्यकता
कलाकारों ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक संस्थाओं की पारदर्शिता, सुरक्षा, गुणवत्ता और भविष्य की रक्षा के लिए किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन गंभीर मुद्दों पर शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आंदोलन और व्यापक और निर्णायक रूप ले सकता है।
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प्रशासन से आशा
कलाकारों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन इस ज्ञापन पर संवेदनशीलता और गंभीरता से विचार करेगा और शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि कलाकारों की मांगें जायज हैं और इन पर सरकार को गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक संस्थाओं पर संकट है, जिसे समय रहते हल किया जाना चाहिए।
खास बातें
- रविंद्र मंच और जवाहर कला केंद्र बदहाल, रविंद्र मंच के नवीनीकरण पर सवाल।
- संस्थाओं में अपर्याप्त बजट, कर्मचारियों की कमी, प्रशासनिक अनियमितताएं।
- रविंद्र मंच का तत्काल नवीनीकरण, पूर्व नवीनीकरण की जांच और रिक्त पदों पर भर्ती।
- गवर्निंग काउंसिल का गठन और क्यूरेटर की नियुक्ति की जांच।
- कलाकारों का प्रशासन से अनुरोध, संवेदनशीलता से निर्णय लेने की मांग।
मुख्य बिंदु
- कलाकारों ने रविंद्र मंच की जर्जर हालत पर चिंता जताई और पिछले नवीनीकरण कार्य की स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने बताया कि कम समय में भवन फिर से जर्जर हो गया है।
- कलाकारों ने चेतावनी दी है कि यदि इन गंभीर मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की जाती, तो आंदोलन और भी व्यापक और निर्णायक रूप ले सकता है।
- कलाकारों ने रविंद्र मंच का गुणवत्तापूर्ण नवीनीकरण, पूर्व नवीनीकरण कार्य की जांच, रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती और जवाहर कला केंद्र की गवर्निंग काउंसिल के गठन की मांग की है।
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