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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के टोंक जिले में मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। वे पहले भी कई विवादों में घिरे रहे हैं और अब एक नई समस्या उनके सामने आ खड़ी हुई है। दरअसल, उन्हें एक अखबार के कार्यालय को तोड़ने का दोषी ठहराया गया है। इस पर मालपुरा के ACJM कोर्ट ने एसडीएम अमित चौधरी समेत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
कोर्ट से स्टे के बावजूद कार्यालय तुड़वाया
यह मामला 8 महीने पहले का है, जब एसडीएम अमित चौधरी ने कोर्ट के स्टे के बावजूद एक अखबार के कार्यालय को तुड़वाने की कार्रवाई की थी। यह कार्यालय राकेश कुमार पारीक का था, जिसने कोर्ट से स्टे लिया था। इसके बावजूद, एसडीएम ने अपनी मनमर्जी से जेसीबी की मदद से इस कार्यालय को तोड़ दिया। यह कार्यालय पिछले 10 साल से संचालित हो रहा था। इसका किरायानामा तथा बिजली कनेक्शन भी नगर पालिका के रिकॉर्ड में दर्ज था।
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पत्रकार की शिकायत और कोर्ट का आदेश
पत्रकार राकेश कुमार पारीक ने इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण ली। उन्होंने अदालत में यह शिकायत की कि एसडीएम ने उनके कार्यालय को तुड़वाया, जबकि उनके पास कोर्ट से स्टे था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने एसडीएम को दोषी मानते हुए तहसीलदार और अन्य 6 अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
हिंडोली में भी विवादों में घिरे थे चौधरी
एसडीएम अमित चौधरी का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। 2 साल पहले वह बूंदी जिले के हिंडोली में एसडीएम थे, जहां एक दलित महिला के साथ अभद्र व्यवहार करने के आरोप में उन्हें एपीओ (अवकाश प्राप्त आदेश) कर दिया गया था। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सरकार को उन्हें एपीओ करना पड़ा।
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अमित चौधरी का विवादित कार्यकाल
अमित चौधरी का कार्यकाल जहां भी रहा, वह विवादों से घिरा रहा। उन्हें 2019 में प्रशिक्षण के बाद पहली पोस्टिंग धौलपुर में मिली थी, लेकिन उन्हें 5 दिन में ही वहां से हटा दिया गया। इसके बाद वह असनावर, झालावाड़, नागौर और हिंडोली में भी कार्यरत रहे, जहां उनका कार्यकाल हर जगह छोटा रहा और वे कई बार विवादों में आए। हिंडोली में तो उन्हें एपीओ कर दिया गया था।
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2019 बैच के आरएएस अधिकारी
अमित चौधरी, जो 2019 बैच के आरएएस अधिकारी हैं, अलवर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी प्रशासनिक सेवा के दौरान कई जिलों में एसडीएम के रूप में कार्य किया है, जिनमें झालावाड़, डूंगरपुर, बूंदी, नागौर और वर्तमान में टोंक जिले का मालपुरा शामिल है। उनके खिलाफ थप्पड़ कांड और अन्य विवादों के चलते उनकी छवि विवादों से घिरी रही है।
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