पकड़ से दूर आदमखोर तेंदुआ : न ड्रोन से निगरानी काम आ रही, ना पिंजरे में बकरे से बन रहा काम

राजस्थान के सिरोही जिले में आदमखोर तेंदुए के आतंक से लोग डर के साये में जी रहे हैं। प्रशासन की ओर से ड्रोन निगरानी और पिंजरे की कोशिशें भी असफल। तेंदुआ अब भी पकड़ से दूर।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के सिरोही (Sirohi) जिले के रोहिड़ा जोड़ और धनारी क्षेत्र में आदमखोर तेंदुआ लोगों के लिए एक बड़ा संकट बन चुका है। तेंदुए ने हाल ही में दो हमले किए हैं, जिसमें एक मासूम की जान ले ली और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। 

वन विभाग की टीमें दिन-रात तेंदुए को पकड़ने के प्रयास कर रही हैं, ड्रोन कैमरों से जंगल की निगरानी की जा रही है और पिंजरे में बकरा बांधकर उसे पकड़ने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन तेंदुआ अब तक पकड़ में नहीं आ सका है।

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पहला हमला: 12 वर्षीय बच्ची की मौत

तीन दिन पहले सिरोही जिले के एक गांव में तेंदुए ने 12 वर्षीय मासूम बालिका विमला पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। गले से दबोचकर उसे घायल करने के बाद उसकी मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे गांव में मातम का माहौल बना दिया। यह पहली बार था, जब इलाके में इंसान पर तेंदुए का हमला हुआ। तेंदुए की दहशत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगले दिन ही उसने एक अन्य व्यक्ति को घायल कर दिया।

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ड्रोन कैमरे से तेंदुए की निगरानी

वन विभाग के अधिकारी एसीएफ दारा सिंह के अनुसार, वन विभाग की टीमें दो दिन से मौके पर डटी हुई हैं। ड्रोन से तेंदुए की लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है, ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके साथ ही पिंजरे में बकरा बांधकर उसे आकर्षित करने का प्रयास भी किया जा रहा है। हालांकि अब तक तेंदुआ जाल में फंसने से बच रहा है। वन विभाग का कहना है कि वे जल्द ही तेंदुए को पकड़ने में कामयाब होंगे।

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ग्रामीणों का डर और प्रशासन की लापरवाही

ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए की मूवमेंट की सूचना पहले ही दी जा चुकी थी, लेकिन प्रशासन और वन विभाग ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसका नतीजा मासूम की मौत और एक व्यक्ति की गंभीर चोट के रूप में सामने आया। वर्तमान स्थिति यह है कि शाम होते ही लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं और बच्चे-बुजुर्ग तो बिल्कुल बाहर नहीं निकलते। यह डर गांव में भय का माहौल बना हुआ है।

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निगरानी बढ़ाई गई

प्रशासन और वन विभाग ने अब स्थिति पर कड़ी नजर रखना शुरू कर दिया है। ड्रोन के माध्यम से जंगल की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और पिंजरे को विभिन्न स्थानों पर लगाया जा रहा है। बावजूद इसके, तेंदुए की चालाकी के कारण उसे पकड़ने में कोई सफलता नहीं मिल रही है। वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए अपनी कोशिशों को और तेज कर दिया है। विभाग ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही तेंदुआ पकड़ लिया जाएगा।

FAQ

Q1: सिरोही जिले में आदमखोर तेंदुआ कितने हमले कर चुका है?
सिरोही जिले में आदमखोर तेंदुआ अब तक दो हमले कर चुका है, जिसमें एक मासूम बालिका की मौत हुई और एक व्यक्ति घायल हुआ।
Q2: तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग क्या कदम उठा रहा है?
वन विभाग तेंदुए को पकड़ने के लिए ड्रोन से निगरानी कर रहा है, पिंजरे में बकरा बांधकर तेंदुए को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है और लगातार निगरानी बढ़ा दी है।
Q3: तेंदुए के हमले से किस तरह का डर ग्रामीणों में फैल चुका है?
ग्रामीणों में तेंदुए के हमलों के कारण भारी डर फैल चुका है और अब लोग शाम होते ही घरों में कैद हो जाते हैं। बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर नहीं निकलते।

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