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Photograph: (the sootr)
मुकेश शर्मा @ जयपुर
राजस्थान में अब बिजली उपभोक्ताओं के सख्ती से स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। जयपुर डिस्कॉम ने सभी अभियंताओं को परिपत्र भेजकर स्पष्ट कहा है कि अगर स्मार्ट मीटर लगाने का कोई उपभोक्ता आपत्ति करे, तो नोटिस देकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह परिपत्र तीन सितंबर को राजस्थान विधानसभा में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर की उस घोषणा के बाद जारी हुआ है, जिसमें मंत्री ने कहा था कि स्मार्ट मीटर योजना बंद नहीं होगी।
सभी सरकारी और गैर सरकारी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगवाने होंगे। राजस्थान में ये मीटर बिजली सुधार कार्यक्रम के तहत लगाए जा रहे हैं। राजस्थान में यह काम जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया है। प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर काफी विरोध हो रहा है। स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी जीनस पावर खुद विवादों में है।
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योजना बंद होने का हुआ था भ्रम
कुछ दिन पहले जयपुर डिस्कॉम के एक आदेश ने योजना को वापस लेने का भ्रम पैदा कर दिया था। नए कनेक्शन लेने वालों और वर्तमान इलेक्ट्रॉनिक मीटर के जलने या खराब होने पर मीटर बदलने पर स्मार्ट मीटर लगाने की ही अनिवार्यता थी, लेकिन मीटर सप्लाई और लगाने का ठेका लगाने वाली कंपनी पर्याप्त मात्रा में मीटर सप्लाई नहीं कर पा रही है। इस कारण नए कनेक्शन लेने वालों और मीटर बदलने में परेशानी हो रही थी। इसी परेशानी को देखते हुए स्मार्ट मीटर नहीं होने पर इलेक्ट्रॉनिक मीटर ही लगाने की छूट दी थी।
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स्मार्ट मीटर का हर तरफ हो रहा विरोध
प्रदेश के हर शहर, कस्बे और गांवों तक में स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध हो रहा है। कई शहरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के विरोध में धरने, प्रदर्शन और रैलियां तक निकाली हैं। फतेहपुर में विधायक हाकम अली रैली निकालकर स्मार्ट मीटर का विरोध कर चुके हैं। इसी तरह सीकर सांसद और माकपा नेता अमराराम भी स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं। पूर्व विधायक बलवान पूनियां सहित अखिल भारतीय किसान सभा लगातार स्मार्ट मीटर योजना का विरोध कर रही है। माकपा ने तो सीकर में एक कन्वेंशन आयोजित कर स्मार्ट मीटर योजना को जनविरोधी बताकर राज्यभर में विरोध करने की घोषणा की थी।
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गहलोत सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता चुप
राजस्थान में कई स्थानों पर उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर नहीं लगने देने या लगाए गए मीटर हटवाकर दोबारा इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाने को मजबूर कर दिया। जयपुर में पूर्व मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कुछ दिन पहले विरोध में बड़ी रैली निकाली थी।
भाजपा सरकार पर लगातार हमलावर रहने वाले पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, शांति धारीवाल और राजेंद्र पारीक जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर अभी तक चुप हैं। हालांकि कांग्रेस इस मामले को लेकर राज्य विधानसभा में हंगामा और सदन से वॉकआउट कर चुकी है।
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कांग्रेस का विधानसभा में हंगामा
कांग्रेस ने विधानसभा में तीन सितंबर को स्मार्ट मीटर योजना का विरोध करते हुए हंगामा किया था। स्मार्ट मीटर योजना पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से विरोध किया गया था, लेकिन वह स्वयं सदन में नहीं थे। उनकी ओर से विधायक रोहित बोहरा ने इस मुद्दे को उठाया था।
इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में विधानसभा में करीब आधा घंटे तक हंगामा किया था और सदन से वॉकआउट कर दिया था। हालांकि ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने पलटवार करते हुए कहा था कि स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को मंजूरी कांग्रेस सरकार ने दी है और उन्होंने ही स्मार्ट मीटर के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की थी। स्मार्ट मीटर योजना बंद नहीं की जाएगी।
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