गहलोत ने छात्रसंघ चुनाव की मांग की, युवाओं ने याद दिलाया चुनाव बंद तो आपने ही करवाए थे

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग की, लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। युवाओं ने उन्हें यह याद दिलाया कि चुनाव बंद करने की जिम्मेदारी व निर्णय उनकी सरकार में ही लिया गया था।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छात्रसंघ चुनावों की बहाली को लेकर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार से छात्रसंघ चुनाव जल्द करवाने की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस मुद्दे पर एक तस्वीर भी पोस्ट की।

इस पोस्ट में राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्र नेताओं ने पूर्व नेताओं के कटआउट के साथ विरोध प्रदर्शन किया था। गहलोत ने इसे सकारात्मक रूप से लिया और कहा कि युवाओं के लिए छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी होते हैं और इसे बहाल किया जाना चाहिए।

गहलोत बोले अब स्थिति बदल चुकी है

गहलोत ने कहा कि हमारे समय में विधानसभा चुनावों के कारण छात्रसंघ चुनाव स्थगित किए गए थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार को छात्रसंघ चुनाव जल्द से जल्द कराने का निर्णय लेना चाहिए। उनका यह बयान उस समय आया जब राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

गहलोत के बयान से साफ था कि वह छात्रसंघ चुनावों को लेकर गंभीर हैं और इसके महत्व को समझते हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करें और सरकार तक अपनी बात पहुंचाएं। 

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छात्रसंघ चुनावों को लेकर युवाओं का पलटवार

गहलोत के बयान पर सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि छात्रसंघ चुनाव तो उनकी ही सरकार ने बंद किए थे। यह आरोप विभिन्न यूजर्स ने गहलोत पर लगाया, जिनका कहना था कि अगर आज चुनावों के बहाल होने की आवश्यकता है तो इसके लिए जिम्मेदार गहलोत की सरकार ही थी।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं:

  • देवीलाल मीणा ने लिखा, "बंद तो आपने ही किए थे साहब।"

  • खैराज चौधरी ने पूछा, "बंद किसने किए थे?"

  • रोताश कुमार ने कहा, "बंद तो आप लोगों ने ही करवाए थे।"

यह प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं, और कई यूजर्स ने गहलोत की पोस्ट पर अपनी नाराजगी जाहिर की। कुछ यूजर्स ने गहलोत के समर्थन में भी ट्वीट किए और छात्रसंघ चुनावों को बहाल करने की मांग की।

राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन

राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्र नेताओं के कटआउट के साथ प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने अपने कटआउट में उन नेताओं की तस्वीरें लगाई थीं, जो छात्र राजनीति से मुख्य धारा की राजनीति में आ गए हैं। प्रदर्शन के दौरान कुलपति सचिवालय के बाहर छात्रों की पुलिस से नोक-झोंक भी हुई। हालांकि, यह प्रदर्शन शांति से हुआ और छात्रों ने अपनी मांगों को उठाया। 

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आइऐं जानते हैं क्यों जरूरी है छात्रसंघ चुनाव

छात्रसंघ चुनावों का भारतीय राजनीति में एक विशेष स्थान है। यह चुनाव छात्रों को राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर प्रदान करते हैं। राजस्थान जैसे राज्य में जहां राजनीतिक घटनाएं और संघर्ष अक्सर चर्चा में रहते हैं, छात्रसंघ चुनावों का महत्व और बढ़ जाता है।

राजनीति की पहली सीढ़ी

छात्रसंघ चुनाव न केवल छात्रों को राजनीति के बारे में सिखाते हैं, बल्कि उन्हें नेतृत्व और सार्वजनिक मामलों में भागीदारी का भी अनुभव कराते हैं।

विकास और सुधार

छात्रसंघ चुनाव से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों की आवाज़ को सुना जाता है। यह चुनाव विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार के बीच संवाद का एक प्रमुख साधन बनते हैं।  

 

     5 पाइंट में समझतें है मांग के मायने

        राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार से छात्रसंघ चुनाव जल्द कराने की  मांग की।

  • गहलोत ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव युवाओं के लिए राजनीति में पहला कदम होते हैं और इन्हें बहाल किया जाना चाहिए।

  • सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने गहलोत पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उनकी ही सरकार ने छात्रसंघ चुनावों को बंद किया था।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र नेताओं ने कटआउट के साथ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आए नेताओं की तस्वीरें लगी थीं।

  • गहलोत का बयान विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच आया, जिससे इसे उनके राजनीतिक दृष्टिकोण से जोड़ा जा रहा है।

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