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Photograph: (the sootr)
राजस्थान में महिलाओं के लिए एक नई और प्रभावी गर्भ निरोधक तकनीक पेश की गई है। अब महिलाएं बिना नसबंदी (sterilization) और बिना दर्द के 3 साल तक अनचाहे गर्भ से बच सकेंगी। यह तकनीक माचिस की तीली जितनी छोटी सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट स्टिक (subdermal contraceptive implant stick) के रूप में उपलब्ध है, जिसे महिलाओं की बांह में बिना किसी ऑपरेशन या बेहोशी के महज 5 मिनट में फिट किया जा सकता है।
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5 मिनट में बिना दर्द के इम्प्लांट की प्रक्रिया
विशेषज्ञों के अनुसार, इस इम्प्लांट को महिला की बांह में 5 मिनट में लगाया जा सकता है। इसमें न कोई ऑपरेशन की आवश्यकता है, ना ही बेहोशी की। यह पूरी प्रक्रिया पेनलेस है और जरूरत पड़ने पर महिला इसे कभी भी निकलवा सकती है। इस प्रक्रिया से महिलाओं को कोई दर्द नहीं होता, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
कैसे काम करता है सब डर्मल इम्प्लांट
यह इम्प्लांट (implant) लगभग 4 सेंटीमीटर लंबा और 2 मिलीमीटर चौड़ा होता है। इसे स्किन के नीचे लगाया जाता है और इसमें मौजूद Etonogestrel (etonogestrel salt) साल्ट धीरे-धीरे खून में घुलकर गर्भधारण की संभावना को 99.9% तक कम कर देता है। हालांकि यह माइग्रेन, लिवर या ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं होता।
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शुरुआती साइड इफेक्ट्स
डॉक्टरों के अनुसार, पहले 4 महीनों में लगभग 20% महिलाओं को पीरियड अनियमित हो सकते हैं और 1-2 किलो वजन बढ़ने की संभावना रहती है। हालांकि इन साइड इफेक्ट्स के बावजूद यह गर्भनिरोधक के सबसे प्रभावी और सुरक्षित तरीकों में से एक है।
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राजस्थान में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
भारत सरकार ने राजस्थान के कुछ प्रमुख शहरों जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में इस पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) की शुरुआत की है। अब तक 2500 से ज्यादा महिलाओं को यह इम्प्लांट लगाया जा चुका है। जयपुर के अस्पतालों में 1500 से ज्यादा महिलाएं इसका लाभ उठा चुकी हैं।
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महिला डॉक्टरों को मिल रही ट्रेनिंग
राज्य में 150 से ज्यादा गायनोकोलॉजिस्ट को इम्प्लांट लगाने और हटाने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़ी डॉ. ओबी नागर ने इन डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग दी है। महिलाएं अपने पीरियड की किसी भी तारीख में यह इम्प्लांट लगा सकती हैं, बशर्ते कि वह गर्भवती न हों। यदि यह इम्प्लांट पीरियड के पहले 5 दिनों में लगवाया जाए, तो यह तुरंत प्रभावी हो जाता है, जबकि अन्य समय में इसे लगाने के बाद 7 दिन तक अन्य गर्भनिरोधक उपायों की जरूरत होती है।
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मुफ्त सुविधा और परिवार नियोजन
राजस्थान सरकार इस इम्प्लांट को परिवार नियोजन (family planning) कार्यक्रम के तहत मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। इस कदम का उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और महिलाओं को अनचाही गर्भावस्था से बचाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तरीका मां और बच्चे के बीच 3 साल का अंतर रखने में मदद करेगा, जिससे दोनों का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
महत्वपूर्ण विशेषताएं
इम्प्लांट प्रक्रिया : महिलाओं को 5 मिनट में पेनलेस इम्प्लांट लगाया जाएगा।
गर्भनिरोधक प्रभाव : यह इम्प्लांट 99.9% तक गर्भधारण से बचाता है।
पायलट प्रोजेक्ट : राजस्थान में जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में इस परियोजना की शुरुआत।
मुफ्त सुविधा : सरकार इसे परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत मुफ्त में उपलब्ध कराएगी।
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