राजस्थान और मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर बाघों के शिकार की खबर ने वन्यजीव संरक्षण को लेकर चिंता में डाल दिया है। शिकारियों को सवाईमाधोपुर, श्योपुर और करहाल मार्ग पर घेराबंदी कर पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं। इस गिरफ्तारी के दौरान शिकारियों ने तीन तेंदुए और तीन बाघों के शिकार की बात कबूली है। शिकारियों के खिलाफ यह कार्रवाई राज्य टाइगर स्ट्राइक फोर्स, शिवपुरी, श्योपुर और रणथंभौर नेशनल पार्क की संयुक्त टीम द्वारा की गई।
शिकारियों के गिरोह का खुलासा
गिरफ्तार किए गए शिकारियों में दौजी भील, सुनीता भील, राजाराम मोगया और अन्य शामिल हैं। इन शिकारियों ने पूछताछ में बताया कि वे लंबे समय से इन बाघों का शिकार कर रहे थे। फॉरेंसिक रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि इन बाघों का शिकार हुआ था।
यह खबरें भी पढ़ें...
कलेक्टर का एक्शन मोड: पंचायत कार्यालय के गेट पर बैठे DM,कर्मचारियों ने कान पकड़कर मांगी माफी
26 साल बाद महिला स्वास्थ्यकर्मियों से वसूली का आदेश, 2.53 करोड़ का बकाया, ये है पूरा मामला
रणथंभौर में आसान है बाघों का शिकार
रणथंभौर नेशनल पार्क से निकलकर कई बाघ-बाघिन मध्यप्रदेश के जंगलों में पहुंच चुके हैं। बाघों की यह खोज मध्यप्रदेश के कूनो और माधव नेशनल पार्क में की गई थी। इन बाघों की खोज के बीच कई बाघ-बाघिन लापता हैं, जिनमें बाघिन टी-79, टी-131, टी-138, टी-139 और टी-2401 शामिल हैं। वन्यजीव विशेषज्ञ अजय दुबे के अनुसार, ये बाघ रणथम्भौर से निकलकर कूनो और माधव नेशनल पार्क की ओर जाते हैं, जिससे इन बाघों के शिकार का संबंध रणथम्भौर से हो सकता है।
टाइगर काॅरिडोर में भी सुरक्षित नहीं बाघ
रणथम्भौर से कूनो और माधव नेशनल पार्क तक प्राकृतिक टाइगर काॅरिडोर है। इसमें कई बाघ और बाघिनों का मूवमेंट लगातार बना रहता है। राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों ओर के वन विभाग के अधिकारी लगातार इस काॅरिडोर पर नजर रखते है। इसके बाद भी शिकारी इस संरक्षित क्षेत्र को निशाना बनाकर बाघ और तेंदूओं का शिकार कर रहे है।
यह खबरें भी पढ़ें...
NHAI ने अपने ही वकील को नोटिस थमाया, हाईकोर्ट में देवास बायपास जाम को लेकर दिया था तर्क- लोग निकलते क्यों हैं
Free Matrimonial : स्वयं का व्यापार करने वाले 33 वर्षीय अग्रवाल वर के लिए वधू चाहिए
बाघों के अवशेषों की बंगलूरू में जांच
राजस्थान और मध्यप्रदेश के वन विभागों ने बाघों के शिकार की जांच शुरू कर दी है। शिकारियों के गिरोह से बरामद बाघों के अवशेषों को बंगलूरू के नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ बॉयोलोजिकल साइंस में भेजा गया है ताकि बाघों की पहचान की जा सके।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃
🤝💬👩👦👨👩👧👧👩