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Photograph: (the sootr)
Barmer. राजस्थान की आईएएस अधिकारी टीना डाबी, जो हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहती हैं, इस बार विवादों में घिर गई हैं। हाल ही में उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों सम्मानित किया गया था, लेकिन अब उनके द्वारा पेश किए गए आंकड़ों पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप है कि बाड़मेर कलेक्टर के रूप में उन्होंने अवार्ड पाने के लिए गलत आंकड़े प्रस्तुत किए।
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सांसद ने उठाए सवाल
बाड़मेर-जैसलमेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने लोकसभा में टीना डाबी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने एक साल के वास्तविक कार्यों के स्थान पर पिछले 4-5 वर्षों के आंकड़े पेश किए। सांसद ने यह आरोप भी लगाया कि टीना डाबी ने सिर्फ वाहवाही लूटने और सम्मान पाने के लिए जानबूझकर यह आंकड़े प्रस्तुत किए।
बैठक में भी सवाल उठे
25 नवंबर को बाड़मेर में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में भी यह मामला सामने आया। सांसद बेनीवाल ने इस बैठक में राष्ट्रपति अवॉर्ड से जुड़े आंकड़ों की विस्तृत जानकारी मांगी। बैठक में बाड़मेर कलेक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए थे, वे औपचारिक रूप से सही प्रतीत हो रहे थे, लेकिन चर्चा के दौरान कलेक्टर ने खुद यह स्वीकार किया कि उन्होंने चार से पांच वर्षों के कार्यों के आंकड़ों को एक वर्ष की उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया।
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विधायक ने भी सवाल उठाए
बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने भी टीना डाबी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि धरातल पर किए गए कार्य और सम्मान पाने के लिए पेश किए गए आंकड़ों में मेल नहीं खाता। विधायक ने आरोप लगाया कि आंकड़े बनावटी हैं और वास्तविक कार्यों को दबाने के लिए इस तरह का आंकड़ा प्रस्तुत किया गया था।
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आंकड़ों की सच्चाई पर संदेह
टीना डाबी पर यह आरोप है कि उन्होंने केवल एक वर्ष के कार्यों को नहीं, बल्कि कई वर्षों के कार्यों को एक साथ जोड़कर पेश किया। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या यह पुरस्कार वास्तविक मेहनत और उपलब्धियों का परिणाम था या सिर्फ आंकड़ों के खेल का नतीजा।
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कलेक्टर टीना डाबी के आंकड़ों पर उठे सवाल
टीना डाबी द्वारा पेश किए गए आंकड़ों पर विवाद उठने के बाद प्रशासनिक कार्यों की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हुए हैं। जब एक अधिकारी को इस तरह के सम्मान के लिए चुना जाता है, तो उसका कार्य और योगदान पारदर्शी और वास्तविक होना चाहिए। इस मामले में आंकड़ों की सत्यता पर उठे सवाल यह बताने के लिए काफी हैं कि क्या यह सही है कि अधिकारियों द्वारा अपने कार्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए।
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मुख्य बिंदु
- डाबी को बाड़मेर जिले में जल शक्ति अभियान और जल संचय जन भागीदारी योजनाओं के लिए उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया गया था।
- सांसद बेनीवाल और विधायक भाटी ने आरोप लगाया कि डाबी ने एक साल के वास्तविक कार्यों के स्थान पर पिछले 4-5 वर्षों के आंकड़े पेश किए थे, जो सही नहीं थे।
- इस समय आरोपों की जांच चल रही है। कलेक्टर ने खुद स्वीकार किया कि आंकड़े अवॉर्ड पाने के लिए जान-बूझकर प्रस्तुत किए गए थे, जिससे मामले में विवाद उत्पन्न हुआ है।
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