संघ प्रमुख भागवत से वसुंधरा-सीएम भजनलाल की मुलाकात, प्रदेश की राजनीति में नई हलचल

राजस्थान में वसुंधरा राजे और सीएम भजनलाल शर्मा की संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद प्रदेश की राजनीति में नई अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि राजे को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत इस समय जोधपुर प्रवास पर हैं। इस दौरान राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तीन दिन पहले भागवत से मुलाकात की थी। दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई। इस मुलाकात के दो दिन बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी भागवत से मुलाकात की। उनके बीच भी लगभग 20 मिनट की बातचीत हुई। वसुंधरा और सीएम भजनलाल की भागवत से हुई मुलाकातों के बाद राजस्थान की राजनीति में नई अटकलें तेज हो गई हैं।

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क्या वसुंधरा को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?

राजे और सीएम भजनलाल की भागवत से मुलाकात के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल मची हुई है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजे एक बार फिर से राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। वसुंधरा लंबे समय से राजनीति की मुख्यधारा से बाहर थीं, लेकिन अब यह मुलाकात उनके फिर से सक्रिय होने का संकेत दे रही है। कुछ जानकारों का कहना है कि राजस्थान में सरकार का नेतृत्व बदला जा सकता है और संघ की पसंद के अनुसार राजे को राज्य में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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केंद्रीय नेतृत्व को मिला बड़ा संदेश

वसुंधरा और भागवत की मुलाकात से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को एक बड़ा संदेश मिला है। राजे पिछले कई दशकों से संघ से जुड़ी रही हैं और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से उनका करीबी संबंध रहा है। एक समय था, जब प्रदेश भाजपा में वसुंधरा का सबसे प्रमुख स्थान था और पूरे प्रदेश में उनका वर्चस्व था। इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राजे को किनारे कर दिया था, लेकिन अब संघ के हस्तक्षेप के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि राजे फिर से राजनीति में अपनी प्रमुख भूमिका में लौट सकती हैं।

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वसुंधरा का संघ से जुड़ा पुराना रिश्ता

वसुंधरा का संघ से गहरा संबंध रहा है। उनके संघ के वरिष्ठ नेताओं से अच्छे रिश्ते रहे हैं। यही कारण है कि उनका प्रभाव राज्य की राजनीति में बहुत गहरा था। वर्तमान स्थिति में उनकी मुलाकात ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को यह संकेत दिया है कि वसुंधरा फिर से राज्य में सक्रिय हो सकती हैं और उनकी वापसी से राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है।

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आगे क्या हो सकता है?

राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा हो रही है कि क्या राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। क्या वसुंधरा को फिर से भाजपा में एक प्रमुख जिम्मेदारी दी जाएगी या फिर नए नेतृत्व के रूप में उनका उभरना संभव है? इन सवालों के उत्तर आने वाले दिनों में मिल सकते हैं। इस पर सबकी नजर है। 

FAQ

Q1: वसुंधरा राजे और मोहन भागवत की मुलाकात के बाद क्या बदलाव हो सकते हैं?
वसुंधरा राजे की मोहन भागवत से मुलाकात के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि वह राजस्थान में फिर से सक्रिय हो सकती हैं और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इससे राजस्थान की राजनीति में बदलाव आ सकता है।
Q2: वसुंधरा राजे का संघ से क्या संबंध है?
वसुंधरा राजे का संघ से गहरा जुड़ाव रहा है। वह लंबे समय से संघ के साथ काम कर रही हैं और संघ के वरिष्ठ नेताओं से उनके अच्छे संबंध रहे हैं। इस कारण उनका राजनीति में बड़ा प्रभाव था।
Q3: क्या वसुंधरा राजे को राजस्थान में फिर से नेतृत्व मिल सकता है?
यह संभावना जताई जा रही है कि वसुंधरा राजे को राजस्थान में एक बार फिर से नेतृत्व मिल सकता है, क्योंकि उनकी मोहन भागवत से मुलाकात के बाद उनके राजनीति में सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं।

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