अरुण तिवारी, BHOPAL. एमपी के नए सीएम मोहन यादव ने अखिलेश यादव के घर में सेंधमारी शुरु कर दी है। मोहन यादव ने मिशन मोदी शुरू कर दिया है। सबसे पहले मोहन यादव की नजर सपा के गढ़ आजमगढ़ पर पड़ी है। उत्तरप्रदेश में यादव समाज समाजवादी पार्टी का कोर वोटर माना जाता है। यूपी में 50 विधानसभा सीटें और दर्जन भर जिले ऐसे हैं जो यादवों के प्रभाव वाले माने जाते हैं। मोहन यादव को इन क्षेत्रों में ही उतारा गया है।
मोहन यादव की सपा के गढ़ से शुरुआत
मुख्यमंत्री के रूप में जब मोहन यादव की ताजपोशी की गई थी तभी ये माना जाने लगा कि मोदी ने एमपी के जरिए यूपी और बिहार को साधने की कोशिश की है। ये दो राज्य ऐसे हैं जहां पर यादवों का वर्चस्व माना जाता है। इस यादव वर्ग की दीवार को तोड़ने के लिए ही मोहन यादव को खास जिम्मा सौंपा गया है। मिशन मोदी का आगाज करते हुए सीएम मोहन ने आजमगढ़ क्लस्टर से शुरुआत की है। आजमगढ़ को सपा का गढ़ माना जाता है। वहीं आजमगढ़ में पांच लोकसभा सीटें आती हैं जो यादवों के प्रभाव वाली हैं। वैसे तो यूपी में 12 फीसदी यादव वोटर्स हैं, लेकिन कुछ जिलों में ये आबादी बीस फीसदी हो जाती है। आजमगढ़ इनमें से ही एक है। डॉ मोहन यादव ने आजमगढ़ से ही बैठकों की शुरुआत की है।
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आजमगढ़ पहुंचकर बैठक लीं
उत्तर प्रदेश में यादवों के दम पर ही समाजवादी पार्टी अपनी राजनीति करती आई है। यूपी में 50 विधानसभा सीटें और दर्जन भर जिले यादव बाहुल्य हैं। अपने एक दिवसीय यूपी दौरे में आजमगढ़ पहुंचे सीएम मोहन ने बैठकें लीं। यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, लोकसभा संयोजक, लोकसभा प्रभारी और लोकसभा प्रबंध समिति के पदाधिकारियों के साथ रणनीति बनाई। इसके अलावा उन्होंने सांसद, विधायक, विधानसभा प्रत्याशी, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका एवं नगर पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्यों के साथ भी बैठक की। उन्होंने अपने यूपी दौरे पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा।
इन 10 सीटों पर फोकस
उत्तर प्रदेश में करीब दर्जन भर लोकसभा सीटें जिनकी जीत यादव समाज ही तय करता है। इनमें इटावा, ऐटा, बदायूं, मैनपुरी, फिरोजाबाद, फैजाबाद, संत कबीर नगर, बलिया, जौनपुर और आजमगढ़ शामिल हैं। मोहन यादव ने इन 10 सीटों पर ही फोकस किया है। आजमगढ़ के बाद जल्द ही मोहन यादव दूसरी सीटों पर जाने वाले हैं।