राजस्थान में दीया कुमारी को टिकट, क्या कोई बड़ा संकेत दे रही है बीजेपी

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राजस्थान में दीया कुमारी को टिकट, क्या कोई बड़ा संकेत दे रही है बीजेपी

मनीष गोधा @JAIPUR

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के 41 प्रत्याशियों की पहली सूची में यदि किसी नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है तो वह है राजसमंद से सांसद दीया कुमारी। मूल रूप से जयपुर राजघराने से संबंध रखने वाली दिया कुमारी को पार्टी ने जयपुर शहर की विद्याधर नगर सीट से प्रत्याशी बनाया है। अहम बात सिर्फ यह नहीं है की सांसद होने के बावजूद दीया कुमारी विधायक पद की प्रत्याशी बनाई गई है, बल्कि यह भी है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी का टिकट काटकर दीया कुमारी को दिया गया है। पार्टी के सूत्र और राजनीतिक जानकार इसे आने वाले समय के लिए पार्टी का बड़ा संकेत मान रहे है। यह माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मुकाबले अब पार्टी एक नया राजसी चेहरा आगे बढ़ा रही है। हालांकि, बहुत सी बातें अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन पिछले दिनों जो कुछ हुआ है वो पार्टी के इसी दिशा में बढ़ने का संकेत दे रहा है।

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क्या हुआ है पिछले दिनों में

दिया कुमारी को लेकर पिछले दिनों में दो अहम घटनाक्रम सामने आए। परिवर्तन यात्रा की समापन पर 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जयपुर में बड़ी सभा करने के लिए आए तो उसे सभा के संचालन के जिम्मेदारी दिया कुमारी को सौंप गई। इसी सभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थी और प्रधानमंत्री के बगल वाली सीट पर बैठी थी लेकिन, इस सभा में उनका संबोधन नहीं हुआ। इसके दो ही दिन बाद जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पार्टी की चुनावी तैयारी का जायजा लेने जयपुर आए और देर रात तक जयपुर के होटल में पार्टी के आला नेताओं के साथ मीटिंग की तो वहां भी दीया कुमारी को बुलाकर अलग से बात की गई। हालांकि, यह बातचीत बहुत लंबी नहीं थी लेकिन इस बातचीत ने लोगों के कान जरूर खड़े कर दिए।

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बहुत सुरक्षित सीट मानी जाती है विद्याधर नगर

जयपुर शहर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत सुरक्षित सीट मानी जाती है। राजपूत ब्राह्मण और वैश्य मतदाताओं के बाहुल्य वाली सीट पर पिछले तीन चुनाव से नरपत सिंह राजवी जीत हासिल करते आ रहे हैं। वर्ष 2008 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी उस समय भी नरपत सिंह राजवी यहां से 9000 से ज्यादा वोटो से जीते थे। वहीं पिछले दो चुनाव में वे लगातार 30000 से ज्यादा वोटो की जीत हासिल कर रहे हैं। इस बार भी यह सीट बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीटों में गिनी जा रही है। अब ऐसी सुरक्षित सीट से दीया कुमारी को टिकिट दिया जाना भी अपने आप में एक संकेत है। इसे इस रूप में भी अहम माना जा रहा है कि पार्टी ने जो 41 सीट घोषित की है उनमें से विद्याधर नगर को छोड़कर बाकी सभी ऐसी सीटें हैं जिन पर पार्टी पिछला चुनाव हारी थी। पार्टी ने जिन चार श्रेणियां में सीटों को बनता है उनमें से विद्याधर नगर ए श्रेणी यानी सुरक्षित श्रेणी की सीट है। पार्टी सूत्रों का कहना है की दीया कुमारी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नजर आ सकती है संभवत इसीलिए उन्हें इतनी जल्दी और इतनी सुरक्षित सीट दी गई है।

हर चुनाव अलग सीट से

पार्टी ने दिया कुमारी को हालांकि इस बार बहुत सुरक्षित सीट चुनाव लड़ने के लिए दी है लेकिन यहां यह बताना महत्वपूर्ण होगा की है उनका तीसरा चुनाव है और अब तक पार्टी ने उन्हें अलग-अलग जगह से चुनाव लड़ाया है और वह जीती भी है। 2013 में उन्हें सवाई माधोपुर से विधायक का टिकट दिया गया और उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें राजसमंद जैसी मुश्किल और बहुत बड़ी लोकसभा सीट से टिकट दे दिया गया और यहां भी उन्होंने अच्छी जीत हासिल की। हालांकि दोनों ही चुनाव में उन्हें मोदी लहर का साथ भी मिला लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि 2013 से पहले उनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था। इसके बावजूद पहले विधायक और फिर संसद का चुनाव लडना और जीतना अहम बात है। सवाई माधोपुर और राजसमंद दोनों ही उनके लिए नए स्थान थे क्योंकि वह मूल रूप से जयपुर की रहने वाली हैं।

वसुंधरा लाई थी पार्टी में

दिलचस्प बात यह है कि आज दीया कुमारी को वसुंधरा राजे के समक्ष चुनौती के रूप में देखा जा रहा है लेकिन उन्हें पार्टी में लाने का श्रेय वसुंधरा राजे को ही है। वर्ष 2013 के चुनाव से पहले वसुंधरा राजे के नेतृत्व में परिवर्तन यात्रा निकाली गई थी और इसका समापन जयपुर में ही हुआ था। समापन सभा को संबोधित करने के लिए नरेंद्र मोदी ही आए थे जो उसे समय पार्टी के प्रधानमंत्री पद का चेहरा थे और उनकी मौजूदगी में ही वसुंधरा राजे ने दीया कुमारी और ओलंपिक पदक विजेता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।

बाद में बढ़ी दूरियां

वसुंधरा राजे और दीया कुमारी दोनों ही पूर्व राज परिवारों से संबंध रखती हैं। ऐसे में लंबे समय तक दोनों के बीच बेहद नजदीकी संबंध रहे लेकिन फिर जयपुर राज परिवार की एक संपति को लेकर कुछ विवाद सामने आया और राजे उस समय मुख्यमंत्री थीं। इस विवाद के बाद ही दोनों के बीच दूरियां बढ़ गई।

यह एक बड़ा संयोग होगा

दीया कुमारी को यदि पार्टी वसुंधरा राजे की उत्तराधिकारी के रूप में आगे बढ़ाती हैं तो यह दिलचस्प संयोग बनेगा। बीजेपी ने 2003 के चुनाव से पहले जब वसुंधरा राजे को यहां मुख्यमंत्री चेहरे रूप में प्रोजेक्ट किया था तो उन्होंने भैरों सिंह शेखावत का स्थान लिया था। अब यदि दीया कुमारी को आगे बढ़ाया जाता है तो इसमें भी भैरों सिंह शेखावत के परिवार का योगदान होगा क्योंकि जिन नरपत सिंह राजवी की जगह दीया कुमारी को टिकिट दिया गया है वे शेखावत के दामाद हैं।

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जयपुर राज परिवार की बेटी हैं दीया कुमारी

दीया कुमारी जयपुर राज परिवार की बेटी है। जयपुर के पूर्व नरेश भवानी सिंह उनके पिता है और अपनी सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में पहचानी जाने वाली जयपुर की राजमाता गायत्री देवी उनकी दादी है। राज परिवार से जुड़े होने के बावजूद दिया कुमारी ने राज परिवार में ही काम करने वाले व्यक्ति नरेंद्र सिंह से शादी की। यह प्रेम विवाह था जिसने तूफान मचा दिया था हालांकि शादी के लगभग 21 साल बाद दोनों के बीच तलाक हो गया और इसी के बाद दीया कुमारी ने राजनीति में प्रवेश ले लिया। दीया कुमारी के तीन बच्चे हैं। इनमें सबसे बड़े पद्मनाभ सिंह को भवानी सिंह ने गोद लेकर जयपुर राज परिवार का युवराज घोषित कर दिया था।

दीया कुमारी को टिकट देने का कारण बीजेपी ने दीया कुमारी को टिकट दिया राजस्थान में 41 प्रत्याशियों की पहली सूची राजसमंद से सांसद दीया कुमारी राजस्थान में दीया कुमारी को टिकिट reason for giving ticket to Diya Kumari BJP gave ticket to Diya Kumari first list of 41 candidates in Rajasthan MP from Rajsamand Diya Kumari Ticket to Diya Kumari in Rajasthan
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