आईएएस संघ प्रिय गौतम : सच्ची लगन और स्मार्ट वर्क से दूसरे प्रयास में हासिल की 92 रैंक

आईएएस संघ प्रिय गौतम ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की और कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़ सिविल सेवा के जरिए देश की सेवा का रास्ता चुना। दूसरे प्रयास में 92वीं रैंक हासिल कर आईएएस बने।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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आईएएस संघ प्रिय गौतम ने उत्तर प्रदेश के कानपुर से निकलकर देश के प्रशासनिक तंत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने IIT कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से बी. टेक की डिग्री हासिल की। इसके बावजूद कॉर्पोरेट सेक्टर की जगह सिविल सेवा का रास्ता चुना। उनका मानना है कि अगर लगन और दिशा सही हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

आईएएस संघ प्रिय की शैक्षणिक पृष्ठभूमि

आईएएस संघ प्रिय का जन्म कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश में एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइजर हैं और मां गृहिणी हैं। परिवार में दो बहनें और एक छोटा भाई है।

संघप्रिय ने कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय, कानपुर देहात से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने IIT कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक (2015) पूरा किया। उनकी पत्नी सौम्या आनंद भी 2021 बैच की IAS अधिकारी हैं। 

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कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ UPSC की राह 

इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्हें एक MNC में अच्छी नौकरी मिल गई थी। लेकिन दिल में कहीं समाज के लिए कुछ करने की चाह बनी रही। उन्होंने महसूस किया कि असली संतोष तभी मिलेगा, जब वे सिस्टम के भीतर रहकर बदलाव का हिस्सा बनें। यही सोच उन्हें UPSC की ओर ले गई। उन्होंने दिल्ली में रहकर तैयारी शुरू की और दूसरे प्रयास (2017) में UPSC परीक्षा पास की। 2018 बैच में 92वीं रैंक हासिल करते हुए IAS अधिकारी बने।

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UPSC तैयारी के दौरान अपनाई रणनीति

संघ प्रिय का मानना है कि UPSC में सफलता के लिए “स्मार्ट हार्डवर्क” जरूरी है। उनकी तैयारी के प्रमुख बिंदु थे-

  • सिलेक्टिव स्टडी: कम किताबें लेकिन बार-बार रिवीजन। सीमित जानकारी में ही अच्छे से अच्छा लिखने की कोशिश करें। सब कुछ जानना जरूरी नहीं है।
  • उत्तर लेखन पर फोकस: उन्होंने कहा कि आंसर राइटिंग में बैलेंस जरूरी है। हर सवाल का जवाब उसके मार्क्स के हिसाब से दें।
  • डेटा और फ्लोचार्ट्स का प्रयोग: हर उत्तर में फैक्ट और विजुअल प्रेजेंटेशन शामिल करना।
  • मॉक टेस्ट्स और फीडबैक: उन्होंने कई मॉक टेस्ट दिए और हर बार अपनी लेखन शैली में सुधार किया।
  • ऑप्शनल सब्जेक्ट: हिंदी साहित्य चुना, जिससे उन्हें अपनी सोच और अभिव्यक्ति को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने में मदद मिली।

बैलेंस रखना ज़रूरी

किसी भी एक विषय पर फोकस करने की जगह सभी विषयों पर ध्यान दें। निवंध, ऑप्शनल और सामान्य अध्ययन सभी पर बराबर ध्यान दें। क्वालिटी से समझौता नहीं करें लेकिन ऐसा ना हो की बहुत अच्छा लिखने के चक्कर में आप पूरा पेपर नहीं लिख पाएँ। राइटिंग स्पीड का भी ध्यान रखें।

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विवादों में भी रहे संघ प्रिय 

कुछ समय पहले IAS संघ प्रिय गौतम की ग्वालियर नगर निगम आयुक्त के रूप में नियुक्ति को हाईकोर्ट ने को अवैध करार दिया था। कोर्ट ने कहा कि नगर निगम आयुक्त के पद पर नियुक्ति के लिए सरकार को धारा 54 के तहत डेपुटेशन आदेश जारी करना आवश्यक था, लेकिन ऐसा आदेश जारी नहीं किया गया। इसी आधार पर अदालत ने संघ प्रिय गौतम की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताया।

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लापरवाही बर्दाश्त नहीं

नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय गौतम ने कार्य में लापरवाही बरतने वाले इंजीनियरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने एक साथ कई इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, साथ ही एक उपयंत्री की वेतनवृद्धि रोकने के आदेश भी दिए हैं। कार्य में लापरवाही के चलते एक उपयंत्री की वेतनवृद्धि रोकी गई है। 

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करियर एक नजर 

  • नाम: संघ प्रिय गौतम
  • जन्मस्थान: कानपुर 
  • एजुकेशन: बी टेक 
  • बैच: 2018
  • कैडर: मध्य प्रदेश 

पदस्थापना

उनकी पहली पोस्टिंग सिंगरौली में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई। 2019 में वह खरगौन जिले के कसरावद अनुभाग में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पद पर पदस्थ रहे। इसके बाद वे पन्ना जिले के जिला पंचायत सीईओ बने, जहां उन्होंने शिक्षा, स्वच्छता और ग्रामीण विकास के कई नवाचार किए। वर्तमान में वे ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर हैं।

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IAS संघ प्रिय गौतम उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो मेहनत, लगन और स्पष्ट उद्देश्य के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने साबित किया है कि सही दिशा और ईमानदार प्रयास से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

FAQ

IAS संघप्रिय गौतम की पत्नी कौन हैं?
IAS संघप्रिय गौतम की पत्नी सौम्या आनंद भी 2021 बैच की IAS अधिकारी हैं। यह जोड़ी अपने समर्पण, सादगी और सेवा भावना के लिए जानी जाती है और दोनों ही अपने-अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
IAS संघप्रिय गौतम किन विवादों में रहे हैं?
कुछ समय पहले उनकी ग्वालियर नगर निगम आयुक्त के रूप में नियुक्ति को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया था। अदालत का कहना था कि नगर निगम आयुक्त की नियुक्ति के लिए सरकार को धारा 54 के तहत डेपुटेशन आदेश जारी करना चाहिए था, जो नहीं किया गया था।
IAS संघप्रिय गौतम को सिविल सेवा की प्रेरणा कहाँ से मिली?
इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद संघप्रिय गौतम को एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई थी, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि समाज में वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए सिस्टम के भीतर काम करना ज़रूरी है। इसी सोच ने उन्हें सिविल सेवा की ओर प्रेरित किया। उनका मानना है — “अगर दिशा सही हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।”

IAS ग्वालियर नगर निगम ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर आईएएस संघ प्रिय
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