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एक प्रशासनिक अफसर कैसा होना चाहिए? निश्चित तौर पर वह सहज—सरल होना चाहिए। संवेदनशील हो, ईमानदार हो और प्रशासनिक काम में दक्ष। यही खूबियां हैं आईएएस सुधीर कुमार कोचर में। वे नौकरी नहीं, बल्कि अच्छे ढंग से अपने दायित्व निभा रहे हैं। वे बच्चों को शिक्षा का उपहार दे रहे हैं और युवाओं को रोजगार से जोड़ रहे हैं।
13 नवंबर 1975 को मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में जन्मे सुधीर कुमार कोचर का बचपन किसी भी आम मध्यमवर्गीय भारतीय की तरह सादा था। न तामझाम, न किसी विशेष पृष्ठभूमि का लाभ, बस शिक्षा के प्रति निष्ठा, आत्मसंयम और मजबूत लक्ष्य का स्पष्ट दृष्टिकोण। पढ़ाई में विशेष रुचि रखने वाले कोचर ने बीकॉम, मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और काउंसलिंग साइकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट किया। यह शैक्षणिक पृष्ठभूमि सिर्फ डिग्रियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उनके भीतर की संवेदना और दृष्टिकोण को भी गढ़ती गई।
प्रशासनिक सेवा की राह आसान नहीं थी, लेकिन कोचर का जज्बा डगमगाया नहीं। मेहनत के दम पर साल 2014 में उनका मध्यप्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ। फिर वर्षों की कड़ी मेहनत, ईमानदारी और प्रतिबद्धता के बाद 2022 में उन्हें आईएएस अवॉर्ड हुआ। यह कोई आम पदोन्नति नहीं थी, बल्कि श्रम, संकल्प और सेवा-भाव का सम्मान था।
अधिकारियों की बैठक लेते आईएएस सुधीर कुमार कोचर
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एक अधिकारी जो जनता से जुड़ता है, उसे जोड़ता है...
आईएएस कोचर उन बिरले अधिकारियों में से हैं, जिनका रिश्ता जनता से महज आदेशों या बैठकों तक सीमित नहीं है। वे जानते हैं कि संवाद, विश्वास और संवेदना ही किसी प्रशासन की नींव होते हैं। इसलिए वह अक्सर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, ट्वीट्स, रील्स और सूचनात्मक वीडियोज के जरिए आमजन को नियम, योजनाओं और कानून की जानकारी सरल भाषा में देते हैं।
जनसुनवाई करते आईएएस सुधीर कुमार कोचर
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जनता के बीच में एक शिक्षक की तरह
एक निरीक्षण के दौरान जब वे शासकीय स्कूल पहुंचे, तो औपचारिकता निभाने की बजाय सीधे ब्लैकबोर्ड पर चॉक लेकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने शिक्षा के साथ जीवन के मूल मंत्र भी दिए। यह नजारा न सिर्फ प्रेरणादायक था, बल्कि यह दिखाता था कि अफसर का असली कद उसकी विनम्रता और सेवा में छिपा होता है।
कोचर का दिल अक्सर भावुक हो उठता है, जब वे व्यवस्था की खामियों को देखते हैं। एक स्वास्थ्य केंद्र के दौरे के दौरान जब उन्हें पता चला कि गर्भवती महिलाओं के बैठने के लिए बेंच तक नहीं हैं, तो वे नाराज हो गए। अधिकारियों को डांट लगाई और व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए।
इसी तरह, जब एक गंदे तालाब को देखा, तो वह हाथ पर हाथ रखकर बैठने वाले अफसरों की तरह नहीं, बल्कि खुद ग्रामीणों के साथ तालाब की सफाई करने में जुट गए। कोचर न सिर्फ कार्यशैली में अनुशासन प्रिय हैं, बल्कि उसे कार्यस्थल की संस्कृति भी मानते हैं। उन्होंने अपने सहकर्मियों को ड्रेसकोड अपनाने के निर्देश दिए।
कीचड़ भरे रास्तों से निकलकर निरीक्षण करने पहुंचते आईएएस सुधीर कुमार कोचर
बच्चों को दे रहे शिक्षा का उपहार
आईएएस कोचर ने दमोह में अभिनव पहल की शुरुआत की और इसे नाम दिया है शिक्षा का उपहार। यह अभियान कहता है कि कोई भी व्यक्ति यदि कलेक्टर से मिलने आए तो मिठाई या गुलदस्ता नहीं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई में काम आने वाली सामग्री जैसे किताबें, कॉपियां, बैग, पेन लेकर आए। यह पहल इतनी सरल, लेकिन इतनी गहरी है कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई।
वहीं, युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्होंने युवा संगम अभियान शुरू किया है। इसमें वे युवाओं को एकजुट कर निजी कंपनियों के जरिए मेले आयोजित करवाकर रोजगार दिला रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणामों को देखते हुए अब हर हफ्ते युवा संगम आयोजित करने का फैसला लिया गया है।
आईएएस सुधीर कुमार कोचर की पहल पर शुरू किए गए युवा संगम में लगी युवाओं की भीड़....
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स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा कोचर की प्राथमिकताएं
हर क्षेत्र में कोचर का नजरिया स्पष्ट है, काम की गुणवत्ता और मानवता से कोई समझौता नहीं। चाहे अस्पताल हो, सड़क हो, स्कूल हो या तालाब, वह हर पहलू को स्वयं जाकर देखना पसंद करते हैं। यही वजह है कि स्वच्छ भारत अभियान, शिक्षा सुधार या स्वास्थ्य सेवाओं की बात हो, कोचर का नाम उसमें अवश्य गूंजता है।
मिड डे मील का निरीक्षण करते आईएएस सुधीर कुमार कोचर
करियर एक नजर
नाम: सुधीर कुमार कोचर
जन्म दिनांक: 13-11-1975
जन्म स्थान: खरगोन, मध्यप्रदेश
एजुकेशन: B.Com. Masters in Public Administration, MBA. PG Diploma in Counseling Psychology B.Sc., M.A
बैच: SCS; 2014 (मध्यप्रदेश)
जलस्रोतों का निरीक्षण करते आईएएस सुधीर कुमार कोचर
पदस्थापना
13 जून 2025 की स्थिति में आईएएस सुधीर कुमार कोचर दमोह कलेक्टर हैं। इससे पहले वे मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव और इंदौर अपर कलेक्टर के पद पर अपना दायित्व निभाया है। प्रदेश के कई जिलों में उनकी पदस्थापना रही है।
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